Raghunandan Saraf Success Story: MBA की डिग्री, उधार के पैसे से शुरू किया बिजनेस, रघुनंदन सराफ ने ऑनलाइन फर्नीचर बेचकर खड़ा किया करोड़ों का कारोबार

Saraf Furniture Success Story: रघुनंदन सराफ ने साल 2014 में वेबसाइट Insaraf.com की शुरुआत की और फर्नीचर के पुश्तैनी कारोबार को बुलंदियों पर पहुंचाया. आज कंपनी का कारोबार दुनिया के कई देशों में फैला है. भारत में कंपनी के शोरूम हैदराबाद, बेंगलुरु, सूरत, दिल्ली और मुंबई में हैं. इसके जरिए फर्नीचर की बिक्री होती है.

Saraf Furniture Founder Raghunandan Saraf
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 24 मई 2024,
  • अपडेटेड 12:41 PM IST

एक लड़के ने एमबीए की डिग्री हासिल की. उसके बाद पुश्तैनी कारोबार के साथ जुड़ गया. फैमिली फर्नीचर का कारोबार करती थी. कंपनी इंग्लैंड और जर्मनी जैसे देशों में फर्नीचर निर्यात करती थी. लेकिन भारत में कंपनी की हालत कुछ अच्छी नहीं थी. इस लड़के ने इनोवेशन और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया और कारोबार को सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाया. आज कंपनी कारोबार सैकड़ों करोड़ में है. चलिए आपको सराफ फर्नीचर (Saraf Furniture) के फाउंडर और सीईओ रघुनंदन सराफ (Raghunandan Saraf) के एक छोटे से शहर से नेशनल ब्रांड बनने की कहानी बताते हैं.

4 दशक पुराना फैमिली बिजनेस-
सराफ फैमिली चार दशक से लकड़ी के कारोबार से जुड़ा है. राजस्थान के सरदारशहर में सराफ फर्नीचर का काम शुरू हुआ था. बाद में सराफ ने फर्नीचर बनाने का काम करने लगे. सराफ फर्नीचर ने ब्रिटेन और जर्मनी जैसे देशों में फर्नीचर एक्सपोर्ट किया. लेकिन भारत में कारोबार कुछ खास नहीं था. सीधे कस्टमर से कोई संपर्क नहीं था और ना ही सीधे कस्टमर को कोई फर्नीचर बेचा जाता था.

MBA की पढ़ाई, फैमिली बिजनेस से जुड़े-
रघुनंदन सराफ ने दिल्ली के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स से एमबीए की डिग्री हासिल की. इसके बाद साल 2009 में रघुनंदन फैमिली बिजनेस से जुड़ गए. जब वो इस बिजनेस से जुड़े तो देश में कंपनी के सामानों की बिक्री कुछ खास नहीं थी. रघुनंदन ने बिजनेस में कुछ नया करने की सोची और अपने पिता से अपना आइडिया शेयर किया. लेकिन पिता ने इसको अपनाने से इनकार कर दिया.

उधार के पैसों से शुरू किया बिजनेस-
जब पिता ने आइडिया अपनाने से इनकार कर दिया तो रघुनंदन ने दोस्तों ने 50 हजार रुपए उधार लिए और साल 2014 में फैक्ट्री में ही एक ऑफिस बनाया. इसके बाद रघुनंदन ने ऑनलाइन शीशम की लकड़ी के फर्नीचर बेचने शुरू किए. उन्होंने Insaraf.com नाम से एक वेबसाइट बनाई और कारोबार के पारंपरिक तरीके अलग हटकर नया मॉडल अपनाया. ऑनलाइन बिजनेस होने के बाद सराफ फर्नीचर का कारोबार तेजी से आगे बढ़ा.

कई देशों में फैला कारोबार-
रघुनंदन सराफ का ऑफिस सरदारशहर में ही है और उसमें एक हजार से अधिक लोग काम करते हैं. कंपनी का वर्कशॉफ भी इसी शहर में है और 50 एकड़ में फैला है. देश के हर कोने में सराफ फर्नीचर का कारोबार होता है. कंपनी का कारोबार करीब 300 करोड़ का है. 

सराफ फर्नीचर का बिजनेस कई देशों में फैला है. भारत में कंपनी के हैदराबाद, बेंगलुरु, सूरत, दिल्ली और मुंबई में शोरूम हैं. इसके जरिए फर्नीचर की बिक्री होती है.

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