कई लोगों के पास एक से ज्यादा बैंक अकाउंट होता है. कई बार जॉब चेंज करने से भी सैलरी अकाउंट की संख्या बढ़ जाती है. ऐसे में उनके मन में एक सवाल उठता है कि एक व्यक्ति एक साथ कितने अकाउंट रख सकता है. क्या एक से ज्यादा बैंक अकाउंट रखने से इनकम टैक्स नोटिस आता है. इन सारे सवालों का आज हम आपको जवाब देने वाले हैं. इसके साथ हम आपको यह भी बताएंगे कि इनकम टैक्स की कार्रवाई से बचने के लिए के लिए आपको किन बातों पर ध्यान देना चाहिए. तो चलिए जानते हैं इन सवालों के जवाब.
कितने अकाउंट रख सकते हैं
इनकम टैक्स ने ऐसा कोई नियम नहीं बनाया है. आप एक या एक से ज्यादा अकाउंट रख सकते हैं. लेकिन अगर जरूरत न हो तो एक से ज्यादा अकाउंट न रखें. यह आपके सिविल स्कोर पर असर डाल सकता है साथ ही इनकम टैक्स भरने में भी दिक्कत आएगी. इसके अलावा आपको यह भी जानना चाहिए कि अगर आप एक से ज्यादा अकाउंट रखते हैं तो सबसे जरूरी यह हो जाता है कि आपको अपने सारे खाते में मिनिमम बैंलेस मेंटेन करें. ऐसा नहीं करने पर बैंक आपसे चार्ज लेगा. कई बार ऐसा होता है कि हम जॉब छोड़ देते हैं और अकाउंट में सैलरी आनी बंद हो जाती है. कुछ महिने के बाद सैलरी अकाउंट सेविंग अकाउंट में बदल जाता है. और हम उस अकाउंट में मिनिमम बैंलेस मेंटेन नहीं कर पाते. ऐसे में अकाउंट को बंद करने में ही समझदारी है.
इनकम टैक्स की कार्रवाई से बचने के लिए रखें इन बातों का ध्यान
कई लोग यह भी जानना चाहते हैं कि सेविग अकाउंट में कितना पैसा रखना है. तो इसका जवाब है इसकी कोई लिमिट तय नहीं की गई है. बस आप अपने कैश ट्रांजैक्शन पर ध्यान रखें. खाते में कैश ट्रांजैक्शन पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नजर रहती है. ऐसे में अगर आप एक साल में 10 लाख से ज्यादा रुपये कैश में निकालते हैं तो या डालते हैं तो इनकम टैक्स का नोटिस आ सकता है. इसको ऐसे समझिए कि 10 लाख रुपये एक साल में है तो इसका मतलब यह नहीं कि एक बार में 10 लाख रुपये डालने या निकालने पर नोटिस आएगा. यह टोटल ट्रांजैक्शन को मिलाकर है. अगर आप एक एक लाख करके भी साल भर में 10 लाख निकालते या जमा करते हैं तो नोटिस के दायरें में आप आ सकते हैं. इसके अलावा आपको यह भी ध्यान रखना है कि एक बार में 2 लाख रुपये या इससे ज्यादा का ट्रांजैक्शन न हो.