करनाल के किसान मेले में मशरूम की जलेबी की खूब चर्चा है. यह ना सिर्फ स्वाद में लाजवाब है बल्कि सेहत का भी खास ख्याल रखती है. ज़ाहिर है जलेबी चर्चा में है तो जलेबी बनाने वाले में भी लोगों की दिलचस्पी काफी होगी. आइए आपको बताते हैं यह खास जलेबी बनाने वाले किसान अशोक और उनकी पत्नी सुनीता के बारे में.
मशरूम की खेती करते हैं अशोक-सुनीता
अशोक और सुनीता हरियाणा के जींद जिले के रहने वाले हैं. अशोक और सुनीता मशरूम की खेती करते हैं और इससे जलेबी, पकौड़ों और ब्रेड-पकौड़ों जैसी डिशेस बनाकर बेचते हैं. फिलहाल करनाल के डेयरी किसान मेले में उनकी बनाई हुई जलेबी धूम मचा रही है. इससे ये एक तरफ कमाई कर रहे हैं और लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक भी करते हैं.
ये जलेबी भले ही देखने में मैदे की जलेबी से अलग नहीं लगती लेकिन स्वाद और सेहत के मामले में इसका जवाब नहीं. अशोक के मुताबिक इनकी ये खास जलेबी स्वाद और सेहत दोनों मामलों में मैदे की जलेबी से कई गुना बेहतर है क्योंकि इसे बनाया गया है मशरूम और मिलेट्स यानी मोटे अनाजों से जो सेहत के लिहाज से लोगों के लिए फायदेमंद है.
कैसे आया आइडिया?
अशोक वैसे तो किसान हैं. ये बड़े पैमाने पर मशरूम की आठ अलग अलग किस्मों की खेती करते हैं और इन्हें ये ऐडिया भी यहीं से मिला. शुरू-शुरू में जब खेती में बचत नहीं होती थी तब इन्होंने मशरूम के डिशेस बनाने शुरू किए. इससे इन्हें कमाई का नया जरिया मिला. खेती के अलावा पिछले 20 सालों से अशोक अपनी पत्नी के साथ मिलकर मशरूम से अलग अलग तरह के डिशेस बनाते हैं. इसमें लोगों की सेहत का खास ख्याल रखा जाता है.
अपनी जलेबी पर क्या बोले अशोक?
अपनी जलेबी के बारे में अशोक बताते हैं, "इसमें लगभग 180 गुणा ज्यादा अंतर होता है. आम जलेबी के जो मेन इंग्रेडिएंट होते हैं, मैदा, घी और मीठा. इसके बजाय हम 10-12 तरह के मिलेट्स इस्तेमाल करते हैं. छह से आठ तरह के मशरूम की वैरायटी इस्तेमाल की जाती है. ये आम जलेबी से तो बहुत ज्यादा स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होती है."
वह कहते हैं, "हमें लोगों का बहुत प्यार मिल रहा है. लोगों तक मैसेज पहुंच रहा है कि उन्हें अपने स्वास्थ्य को ठीक-ठाक कैसे रखना है. लोग अच्छा खाने के प्रति जागरुक हो रहे हैं जो उनकी सेहत के लिए अच्छा है."
(करनाल से कमलदीप का इनपुट)