Bitter Gourd Farming: बेटी की शादी की, घर बनवाया... करेले की खेती से बदली इस किसान की जिंदगी

बिहार के सीतामढ़ी के किसान नशींद्र महतो ने खेती का तरीका बदलकर अपनी जिंदगी बदल ली. पहले ये किसान धान और गेहूं उगाते थे. जिससे कोई खास मुनाफा नहीं होता था. उसके बाद महतो ने करेले की खेती शुरू की, जिससे उनकी जिंदगी बदल गई. उन्होंने इसकी कमाई से अपनी बेटी की शादी की. इसके साथ ही उन्होंने घर भी बनवा लिया है. नशींद्र सालाना लाखों रुपए कमाते हैं.

Bitter Gourd Farming
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 18 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST

बिहार के सीतामढ़ी के किसान नशींद्र महतो जैविक विधि से सब्जी उगाते हैं. इससे उनकी खूब कमाई हो रही है. ये किसान 2 एकड़ खेत में करेला की खेती करते हैं. महतो साल में तीन बार करेले की खेती करते हैं और इससे सालभर सब्जी बेचते हैं. पहले नशींद्र गेहूं और धान की खेती करते थे, जिससे ज्यादा मुनाफा नहीं होता था. लेकिन जब उन्होंने सब्जी की खेती शुरू की है, तब उनकी जिंदगी बदल गई है.

2 एकड़ में खेती से लाखों की कमाई-
हिंदी डॉट न्यूज18 डॉट कॉम की एक रिपोर्ट के मुताबिक नशींद्र महतो सीतामढ़ी के डुमरा प्रखंड के मिर्चया गांव के रहने वाले हैं. नशींद्र 2 एकड़ में करेले की खेती करते हैं. इससे उनको सालाना 6-7 लाख रुपए की कमाई होती है. वो हर दूसरे दिन 3 से 4 हजार रुपए का करेले बेचते हैं. इस खेती में नशींद्र जैविक खाद का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं. हालांकि जरूरत पड़ने पर वो रसायनिक खाद का भी इस्तेमाल करते हैं. जिससे उत्पादन अच्छा होता है.

पहले धान और गेहूं उगाते थे-
नशींद्र महतो साल में तीन बार करेले की खेती करते हैं और इसकी फसल सालभर बेचते हैं. नशींद्र पहले धान और गेहूं की खेती करते थे. जिससे लागत से थोड़ा सा ज्यादा कमाई होती थी. कई बार मौसम की वजह से फसल बर्बाद भी हो जाती थी. इससे परेशान होकर नशींद्र ने सब्जी की खेती की तरफ रूख किया.

कमाई से बेटी की शादी की-
नशींद्र महतो ने शुरू में नेनुआ की खेती की. लेकिन उससे ज्यादा मुनाफा नहीं हुआ. लेकिन नशींद्र को एक बात समझ आ गई कि सब्जी की खेती धान और गेहूं से बेहतर है. इसके बाद नशींद्र ने करेले की खेती शुरू की. इससे उनकी जिंदगी में बड़ा बदलाव आया. इस खेती से नशींद्र आर्थिक तौर पर मजबूत हुए. करेले की खेती से नशींद्र को अच्छा-खासा मुनाफा होने लगा. खेती की कमाई से उन्होंने अपनी बेटी की शादी की. इतना ही नहीं, उन्होंने अपना घर भी बना लिया. 

करेले की खेती का तरीका-
करेले की खेती के लिए नदियों के किनारे की जमीन सबसे बेहतर मानी जाती है. सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करनी चाहिए. खेत से खरपतवार हटाना चाहिए. करेले की खेती बीज या नर्सरी विधि से किया जा सकता है. बीज को 2-3 इंच की गहराई में बोना चाहिए. दो कतारों के बीच 2 मीटर और पौधों के बीच 70 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए. करेले के पौधों को नियमित तौर पर पानी देना चाहिए. खरपतवार से पौधों को बचाने के लिए कीटनाशकों का भी इस्तेमाल करना चाहिए. 55-60 दिन में करेले की फसल तैयार हो जाती है.

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