SBI Amrit Kalash FD Scheme: एसबीआई की ये एफडी दे रही बंपर रिटर्न..इन बैंकों में मिलता है सबसे ज्यादा FD रिटर्न…जानिए कैसे खुलती है एफडी?

SBI Amrit Kalash FD Scheme: स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की स्पेशल एफडी स्कीम अमृत कलश (SBI Amrit Kalash FD Scheme) 30 सितंबर को खत्म हो रही है. ये स्कीम लोगों को बंपर रिटर्न दे रही है. 400 दिनों के निवेश पर तगड़ा फायदा मिलता है.

SBI Amrit Kalash FD Scheme
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:18 PM IST
  • अमृत कलश स्कीम 30 सितंबर को हो रही बंद
  • 400 दिनों के लिए करना होता है निवेश

SBI Amrit Kalash FD Scheme: लोग सुरक्षित और बढ़िया निवेश के लिए फिक्स डिपॉजिट (FD) को चुनते हैं. एफडी करवाने पर पैसा तो सेफ रहता ही है, साथ में एक अच्छा रिटर्न भी मिलता है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एफडी स्कीम अमृत कलश योजना (SBI Amrit Kalash FD Scheme) 30 सितंबर को खत्म हो रही है. उसके बाद बंपर रिटर्न देने वाली इस एफडी योजना में निवेश नहीं कर पाएंगे.

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की फिक्स डिपॉजिट स्कीम अमृत कलश में निवेश करने पर सीनियर सिटीजन को 7.60% और आम लोगों को 7.10% का ब्याज दिया जा रहा है. अगर पैसा जमा करके ज्यादा निवेश चाहते हैं तो इस स्कीम में निवेश कर सकते हैं. आइए जानते हैं अमृत कलश स्कीम क्या है और इसके क्या-क्या फायदे हैं?

400 दिन की स्पेशल स्कीम
अमृत कलश स्कीम एसबीआई की एक स्पेशल एफडी स्कीम है. इसमें खाताधारकों के लिए अच्छा इंटरेस्ट रेट दिया जाता है. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की फिक्स डिपॉजिट स्कीम अमृत कलश में 400 दिन के लिए इन्वेस्टमेंट करना होता है.

एसबीआई की ये एफडी (SBI FD) लोगों के बीच काफी पॉपुलर रही. बड़ी संख्या में लोगो ने इस एफडी में निवेश किया. बैंक इस पहले कई बार इस एफडी की डेडलाइन बढ़ा चुका है. अब एसबीआई इस स्कीम को 30 सितंबर को खत्म करने जा रहा है.

कितना कर सकते हैं निवेश?
अमृत कलश स्कीम के तहत ब्याज हर महीना, तिमाही और हर छमाही में दिया जाता है. इस एफडी स्कीम में 2 करोड़ रुपए तक ही निवेश कर सकते हैं. अमृत कलश स्कीम की इस एफडी से भी लोन मिल जाएगा.

यदि कोई व्यक्ति 1 लाख रुपए निवेश करता है तो उसे ब्याज के रूप में सालाना 7,100 रुपए की कमाई होगी. अगर सीनियर सिटीजन 1 लाख रुपए की एफडी करवाता है तो उसे ब्याज के रूप में 7,60 रुपए मिलेंगे.   

कैसे करें निवेश?
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की अमृत कलश स्कीम में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से निवेश कर सकते हैं. ऑफलाइन निवेश करने के लिए एसबीआई की ब्रांच में जाएं. एफडी का फॉर्म भरने के बाद निवेश करें.

वहीं अमृत कलश स्कीम में ऑनलाइन निवेश नेट बैकिंग और योनो एप (SBI YONO App) के जरिए किया जा सकता है. ऑनलाइन निवेश करते समय पैसे आपके खाते से कट जाएंगे. 

FD पर सबसे ज्यादा ब्याज वाले बैंक
एफडी पर निवेश करने से पहले लोग ब्याज को ध्यान में रखते हैं. लोग ज्यादा इटरेस्ट वाली एफडी में निवेश करना पसंद करते हैं. कुछ बैंक हैं जो ग्राहकों को ज्यादा इंटरेस्ट दे रहे हैं. आरबीएल बैंक (RBL Bank FD) ग्राहकों को सालान 8.10% ब्याज देती है. वहीं बंधन बैंक (Bandhan Bank FD) में एफडी करने पर 8.05% इंटरेस्ट मिलता है.

एसबीएम बैंक भी एफडी पर अच्छा रिटर्न देता है. एसबीएम बैंक इंडिया एफडी (SBM Bank India FD) में निवेश करने पर सालाना 8.25 फीसदी ब्याज देता है. साथ ही येस बैंक (YES Bank FD) भी एफडी पर 8% ब्याज ऑफर कर रहा है. यदि निवेश करने वाला सीनियर सिटीजन है तो उसे इन बैंकों में 0.5% ज्यादा मिलेगा.

बैंक में एफडी कैसे करें?
फिक्स्ड डिपॉजिट (How To Open FD) पैसे निवेश करने का सबसे सुरक्षित जरिया है. एफडी ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से होती है. एफडी पर मिलने बाला ब्याज निवेश का समय और पैसों पर निर्भर करता है.

ऑफलाइन एफडी खुलवाने के लिए अपने बैंक की शाखा में जाएं. वहां पर एफडी का फॉर्म भरके एफडी करवा सकते हैं. एफडी अकाउंट कम से कम 100 रुपए से खुलता है. एफडी समय सीमा 7 दिन से लेकर 10 साल तक होती है. अगर जमाकर्ता समय से पहले पैसे निकालता है तो उसे ब्याज नहीं मिलता है. साथ में पेनाल्टी भी लगती है. 

एफडी और आरडी में अंतर
आमतौर पर लोग एफडी में निवेश करते हैं. आरडी के बारे में कम लोग जानते हैं. एफडी और आरडी निवेश करने के ही दो अलग-अलग तरीके हैं. एफडी और आरडी (FD And RD) में बहुत ज्यादा अंतर नहीं है.

एफडी और आरडी (Recurring Deposit RD) में मोटा-माटी अंतर यही है कि एफडी में सारा पैसा एक साथ जमा किया जाता है. इसकी रिटर्न सालाना मिलता रहता है. वहीं रिकरिंग डिपॉजिट (RD) में एक साथ सारा पैसा जमा नहीं किया जाता है. आरडी में किश्तो में पैसे को निवेश करते हैं.

पैसे को एक साथ निवेश करने के लिए ए़फडी का ऑप्शन अच्छा होता है. अगर थोड़ा-थोड़ा पैसा जमा करना है तो आरडी (RD Interest) का विकल्प बेहतर रहता है. इससे पैसा भी जमा होता रहता है और उन पर ब्याज भी मिलता है.

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