Women Power: राजकोष की रक्षिता... देश की पहली फुलटाइम महिला वित्त मंत्री, कभी बतौर सेल्सवुमेन की थी करियर की शुरुआत

स्त्री शक्ति में आज हम आपको बता रहे हैं निर्मला सीतारमण के बारे में, जो भारत की पहली फुलटाइम फाइनेंस मिनिस्टर हैं. जानिए कैसे उन्होंने यहां तक का सफर तय किया.

Nirmala Sitharaman
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 10 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:49 PM IST
  • देश की पहली फुलटाइम महिला वित्त मंत्री 
  • JNU से पढ़ीं, लंदन में की नौकरी 

एक जमाना था जब भारत की बेटियों का जीवन घर की चारदीवारी तक सीमित था, लेकिन आज एक जमाना है जब उसी भारत की बेटियां कामयाबी का आसमान नाप रही हैं. जिन क्षेत्रों को हमेशा पुरुष प्रधान माना जाता रहा, उन क्षेत्रों में भी महिलाएं आज कमाल कर रही हैं. इसका एक उदाहरण हैं हमारे देश के राजकोष की रक्षिता.... यानी कि हमारी वित्त मंत्री- निर्मला सीतारमण. 

सेल्सवुमेन से लेकर भारत की वित्त मंत्री बनने तक निर्मला सीतारमण का सफर दिलचस्प रहा है. उनकी तीव्र कुशाग्रता, समर्पण और प्रतिभा के लिए उन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालय दिया गया. और निर्मला सीतारमण ने दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था को जैसे संभाला है वह काबिल-ए-तारीफ है. राजनीति में शामिल होने के लगभग एक दशक के भीतर, उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल के टॉप चार में जगह बना ली - पहले रक्षा मंत्री के रूप में और बाद में वित्त मंत्री के रूप में. 

देश की पहली फुलटाइम महिला वित्त मंत्री 
सीतारमण से पहले, ये दोनों विभाग सिर्फ पुरुषों के पास थे. सिर्फ एक इंदिरा गांधी अपवाद हैं, जिन्होंने भारत के प्रधान मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अतिरिक्त प्रभार के रूप में विभिन्न अवधियों में रक्षा और वित्त विभाग संभाले थे. लेकिन सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक वित्त मंत्री हैं. वह 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में अपना लगातार छठा बजट पेश करने के लिए तैयार हैं. 

JNU से पढ़ीं, लंदन में की नौकरी 
निर्मला सीतारमण का जन्म 18 अगस्त 1959 को मदुरै, तमिलनाडु में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता नारायण सीतारमण रेलवे में काम करते थे और उनकी मां सावित्री सीतारमण एक गृहिणी थीं. उन्होंने तिरुचिरापल्ली के सीतालक्ष्मी रामास्वामी कॉलेज से अर्थशास्त्र में BA पूरा किया. फिर उन्होंने 1984 में JNU से मास्टर्स की डिग्री हासिल की. ​​उन्होंने इंडो-यूरोपियन टेक्सटाइल ट्रेड पर में पीएचडी भी की है. 

फुलटाइम के लिए राजनीति में उतरने से पहले, निर्मला सीतारमण अपने पति परकला प्रभाकर के साथ लंदन में रहती थीं, जहां उन्होंने एक सेल्सवुमन के रूप में शुरुआत की. थोड़े समय के लिए, उन्होंने लंदन में होम डेकोर स्टोर हैबिटेट के लिए काम किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, क्रिसमस के दौरान उन्होंने सबसे ज्यादा बिक्री दर्ज की. बाद में, उन्होंने प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) ज्वॉइन किया, जहां उन्होंने सीनियर मैनेजर (अनुसंधान और विश्लेषण) के रूप में काम किया. वह कुछ समय तक बीबीसी से भी जुड़ी रहीं.

भारत लौटकर शुरू किया राजनीतिक करियर
सीतारमण 1991 में लंदन से भारत लौट आईं क्योंकि वह अपने बच्चे का पालन-पोषण लंदन में नहीं करना चाहती थीं. भारत वापस आने और अपने परिवार के साथ हैदराबाद में बसने के बाद, उन्होंने शहर में एक पॉलिसी रिसर्च सेंटर के साथ गरीब बच्चों के लिए एक स्कूल की स्थापना की. इसके बाद, पार्टी नेता रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में वह भाजपा की प्रवक्ता बन गईं. 2006 के बाद जब नितिन गडकरी भाजपा अध्यक्ष थे, तब उनका कद बढ़ना शुरू हुआ. हालांकि, दिलचस्प यह है कि उनके पति प्रभाकर कांग्रेस समर्थक परिवार से हैं. प्रभाकर के पिता आंध्र प्रदेश में कांग्रेस सरकार में मंत्री थे. इसके अलावा उनकी मां भी राज्य से कांग्रेस विधायक थीं. 

2003 से 2005 तक राष्ट्रीय महिला आयोग में अपने कार्यकाल के दौरान सीतारमण ने खुद को महिला सशक्तिकरण के लिए समर्पित कर दिया. केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने से पहले, उन्होंने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के लिए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में कार्य किया. उन्होंने राज्य मंत्री के रूप में वित्त और कॉर्पोरेट मामलों के विभागों को भी संभाला. 

वित्त मंत्री के पद को संभालने वाली दूसरी महिला हैं लेकिन पहली फुलटाइम महिला वित्त मंत्री हैं. उनसे पहले, सिर्फ इंदिरा गांधी ही 1970 और 71 के बीच थोड़े समय के लिए इस पद पर रहीं. उन्होंने प्रधान मंत्री के रूप में कार्य करते हुए वित्त विभाग की देखभाल की. लेकिन

आज निर्मला सीतारमण न सिर्फ फुलटाइम वित्त मंत्री का पद संभाल रही हैं बल्कि उन्होंने अपने नाम कुछ रिकॉर्ड भी किए हैं: 

बही-खाता: जुलाई, 2019 में अपनी पहली बजट प्रस्तुति में, निर्मला सीतारमण ने बजट दस्तावेजों को लैदर ब्रीफकेस में ले जाने की सदियों पुरानी परंपरा को समाप्त कर दिया. वह बजट दस्तावेजों को लाल रेशमी बैग में लपेटकर ले गईं, जिस पर राष्ट्रीय प्रतीक बना हुआ था. इसे औपनिवेशिक परंपरा को खत्म करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सराहा गया. 

सबसे लंबा बजट भाषण: निर्मला सीतारमण के नाम सबसे लंबा बजट भाषण देने का रिकॉर्ड है. 1 फरवरी, 2020 को केंद्रीय बजट 2020-21 पेश करते समय उन्होंने 162 मिनट तक बात की. यह बजट भाषण अब तक का सबसे लंबा बजट भाषण है. सीतारमण से पहले, सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड जसवंत सिंह के नाम था, जो 2003-04 के लिए केंद्रीय बजट पेश करते समय 135 मिनट तक बोले थे. हालांकि, शब्दों की संख्या के मामले में सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड मनमोहन सिंह के नाम है, जिन्होंने 1991 में बजट पेश करते समय 18,650 शब्दों का इस्तेमाल किया था. जबकि सीतारमण के 2020 के बजट भाषण में 13,275 शब्द शामिल थे. 

पेपरलेस बजट: कोविड महामारी से प्रभावित 2021 में निर्मला सीतारमण ने पहला पेपरलेस बजट पेश कर एक और रिकॉर्ड बनाया. उन्होंने केंद्रीय बजट 2021-22 को डिजिटल प्रारूप में पेश किया. वित्त मंत्री ने संसद में अपना बजट भाषण डिजिटल टैबलेट के जरिए पढ़ा. भाषण पूरा होने पर बजट दस्तावेज मोबाइल ऐप के जरिए उपलब्ध कराए गए. आगे भी सीतारमण ने पेपरलेस बजट की परंपरा को जारी रखा. 

किसी महिला ने पेश किए सबसे ज्यादा बजट: निर्मला सीतारमण ने अब तक पांच केंद्रीय बजट पेश किए हैं. यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह अब तक एकमात्र महिला हैं. 2019 में वह स्वतंत्र भारत के इतिहास में केंद्रीय बजट पेश करने वाली दूसरी महिला बनीं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी स्वतंत्र भारत में केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली महिला थीं. 1970 में, गांधी ने वित्तीय वर्ष 1970-71 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया. 

 

Read more!

RECOMMENDED