Farmer Success Story: कैसे सिर्फ 9 एकड़ जमीन से यह किसान कर रहा साल में लाखों रुपए की कमाई, जानिए आखिर खेती करने की कौन सी तकनीक अपनाई 

Mixed Farming: हम आपको मध्य प्रदेश के एक ऐसे किसान की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, जो अपनी 9 एकड़ कृषि योग्य भूमि पर खेती करके साल में 15 लाख रुपए से ऊपर की कमाई कर रहे हैं. आइए जानते हैं यह किसान इतनी आमदनी कैसे कर रहे हैं?

Farmer Shyam Kushwaha Success Story
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 8:40 PM IST
  • मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं किसान श्याम कुशवाहा 
  • मिश्रित खेती से हो रही बंपर ऊपज 

Farmer Shyam Kushwaha Success Story: खेती-किसानी करके भी आप महीने में लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं. इसके लिए बस आपको पारंपरिक खेती छोड़नी होगी. नई तकनीक अपनानी होगी. हम आपको एक ऐसे किसान की सफलता की कहानी बता रहे हैं, जो अपनी 9 एकड़ जमीन पर खेती (Farming) कर हर महीने 1.26 लाख रुपए की आमदनी कर रहे हैं. आइए जानते हैं यह किसान किस तकनीक से खेती कर रहे हैं कि उनकी कमाई इतनी हो रही है.  

आसपास के गांवों में पहचान
हम आपको जिस किसान की सफलता की कहानी बताने जा रहे हैं, वह मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के पास स्थित गोलखेड़ी गांव के रहने वाले हैं. इनका नाम श्याम कुशवाहा है. इनके पास 9 एकड़ कृषि योग्य भूमि है. वह इस पर मिश्रित खेती (Mixed Farming) करके साल में लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. आज श्याम कुशवाहा की पहचान आसपास के गांवों में भी होने लगी है. कई किसान उनसे खेती-बारी के गुर सिखने के लिए आ रहे हैं. 

रहती है सब्जियों की अच्छी मांग
श्याम कुशवाहा ने जैविक और कृषि विविधीकरण का इस्तेमाल करके अपनी नौ एकड़ जमीन पर मिश्रित खेती की है. वे चार एकड़ में अनाज, दो एकड़ में सब्जी और दो एकड़ में फल उपजाते हैं. बाकी भूमि का इस्तेमाल जैविक खाद बनाने के लिए करते हैं.

इतना ही नहीं श्याम कुशवाहा इन फसलों की खेती के साथ-साथ पशुपालन भी करते हैं. इस तरह से वे 9 एकड़ भूमि से साल में 15 लाख रुपए से ऊपर की कमाई कर रहे हैं. श्याम कुशवाहा का कहना है कि उनका गांव भोपाल के पास है. इसका उन्हें फायदा मिलता है. सालों भर सब्जियों और दूध की मांग बनी रहती है. उन्हें जैविक सब्जियों की अच्छी कीमत मिल जाती है.

पशुपालन से भी होती है अच्छी-खासी आमदनी
श्याम कुशवाहा का कहना है कि सब्जियों की खेती और पशुपालन से उन्हें अच्छी-खासी कमाई हो जाती है. उन्होंने सब्जियों की खेती के लिए कृषि विभाग की सहायता से पॉली हाउस बनवाया हुआ है. इसमें सब्जियों की उपज बंपर होती है. वे पत्तेदार सब्जियों की 100 से 125 क्विंटल प्रति 2 एकड़ तक उपज ले रहे हैं. श्याम कुशवाहा का कहना है कि वह हर दिन 60 से 70 लीटर तक दूध बेच देते हैं. इससे उन्हें हर माह काफी आमदनी हो जाती है.

ली है जैविक खाद बनाने की ट्रेनिंग
श्याम कुशवाहा बताते हैं कि उन्होंने जैविक खाद बनाने की ट्रेनिंग कृषि वैज्ञानिकों से ली है. वह मटका खाद और 10 पत्ती काढ़ा बना रहे हैं. वर्मी कम्पोस्ट, वर्मी वाश का इस्तेमाल फसलों में करने से डीएपी व अन्य रसायनों की जरूरत नहीं पड़ती है. वे अपनी फसलों में जैविक खाद का ही उपयोग करते हैं. इससे उपज भी अच्छी होती है और पैसे भी बच जाते हैं.

क्या होती है मिश्रित खेती
एक ही खेत में जब दो या अधिक फसलों को लगाया जाता है तो उसे मिश्रित खेती कहते हैं. मिश्रित खेती में खेत के कुछ हिस्सों पर पशुपालन भी किया जाता है. साथ ही खेत में फसलों के साथ-साथ पेड़ों को भी लगाया जाता है. मिश्रित खेती करने पर कम लागत में अधिक उत्पादन होता है. मिश्रित फार्मिंग करने से खेत की जहां उर्वरा शक्ति बनी रहती है, वहीं किसानों की आमदनी भी बढ़ जाती है. मिश्रित खेती पर्यावरण को बचाता है. मिश्रित खेती करने से पहले खेत की मिट्टी और वातावरण के हिसाब से फसलों को चुनाव करना चाहिए. 


 

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