Exclusive: एक ऑर्डर से हुई थी Tara Candles की शुरुआत, आज है एशिया की सबसे बड़ी कैंडल प्रोड्यूसर कंपनी, ITC, ताज जैसे होटल हैं क्लाइंट

मुंबई स्थित Tara Candles की शुरुआत सिर्फ एक ऑर्डर के साथ हुई थी और आज यह ब्रांड कई बड़े और 5-स्टार होटलों सहित 5000 से ज्यादा कस्टमर्स को कैंडल्स उपलब्ध करा रही है.

Tara Candles Success Story
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 14 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:11 AM IST
  • 40 कैंडल्स बनाने से शुरुआत हुई

एक जमाना था जब घरों में कैंडल्स या मोमबत्तियों का इस्तेमाल सिर्फ तब किया जाता था जब रात के समय बिजली कट जाती थी. लेकिन आज के जमाने में कैंडल्स होम, ऑफिस और स्टोर डेकॉर तक का अहम हिस्सा बन चुकी हैं और इसलिए अब कैंडल्स के साइज, शेप और फ्रेगरेंस तक के साथ एक्सपेरिमेंट किए जा रहे हैं. आज आपको मार्केट में लैवेंडर, रोज़मेरी, दालचीनी और यहां तक ​​कि मसाला चाय जैसी सुगंधों के साथ, मोमबत्तियां मिल जाएंगी. 

आपको बता दें कि 2032 के अंत तक अरोमा कैंडल्स की मार्किट वैल्यू 5.4 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है. भारत विश्व स्तर पर मोमबत्तियों के प्रमुख निर्यातकों में से एक है. मोमबत्तियां अरोमा थेरेपी के साथ-साथ उत्सव के उपहार के रूप में भी काम आती हैं. इस मार्केट को समझते हुए मुंबई स्थित तारा कैंडल्स कंपनी लगभग 156 प्रकार की फ्रेगरेंस वाली मोमबत्तियां बनाती है और ITC होटल सहित तमाम 5-स्टार होटल चेन्स उनके ग्राहक हैं. 

तारा कैंडल्स के को-फाउंडर और डायरेक्टर, उमेश सिंह ने GNT Digital से बातचीत में अपने सफर और सफलता के बारे में विस्तार से बताया. 

Umesh Singh

कैसे हुई कैंडल्स बिजनेस की शुरुआत 
45 वर्षीय उमेश सिंह ने बताया कि उन्होंने हैंडमेड पेपर मेकिंग में डिप्लोमा किया था. पढ़ाई के बाद उन्होंने 9 से 5 बजे तक की नौकरी करने की बजाय उद्यमशीलता की राह चुनी. वह कुछ अलग ट्राई करना चाहते थे. उनका शुरुआती वेंचर हैंडमेड पेपर मेकिंग से प्रेरित था लेकिन इसमें बहुत सी परेशानियां उन्हें झेलनी पड़ी. उमेश ने बताया कि उन्होंने साल 2000 में कस्टमाइज्ड गिफ्ट्स का काम करना शुरू किया. यह इतना आसान नहीं था लेकिन क्रिएटिव था. उनकी एक अलग एप्रोच के कारण बड़ी फर्म्स और कंपनियां उन्हें कॉर्पोरेट गिफ्टिंग के ऑर्डर देने लगी थीं. 

उमेश ने आगे कहा, "इस दौरान हमने अपना अच्छा नेटवर्क बना लिया था. जिसके जरिए हमें Emirates Airlines से 40 कैंडल्स का ऑर्डर मिला. वैसे तो कहीं से कैंडल्स लेकर उन्हें पैक करके आगे बढ़ा देना आसान तरीका होता. लेकिन हमने कुछ अलग और कस्टमाइज्ड कैंडल्स बनाने का फैसला किया." यह आसान नहीं था क्योंकि उमेश को यह स्किल सीखनी पड़ी. हालांकि, उनकी पत्नी, ऋचा को इसका थोड़ा आइडिया था तो उन्होंने पूरी मदद की. 40 कैंडल्स बनाने की प्रोसेस में उन्हें मजा आया और इस सेक्टर में उन्हें भविष्य के लिए संभावनाएं दिखीं. इसके बाद उमेश और उनकी पत्नी ने कैंडल्स बिजनेस में आगे बढ़ने की ठानी और साल 2005 में Tara Candles की शुरुआत की. 

Cedar Wood Candle

बनाते हैं 156 तरह की अरोमा कैंडल्स
अपने सफर के बारे में उमेश ने कहा कि उन्होंने 40 कैंडल्स बनाने से शुरुआत की थी लेकिन आज उनकी कंपनी 3000 किलोग्राम कैंडल्स हर दिन बनाती है. उनकी टीम में 85 लोग काम कर रहे हैं जो 156 तरह की अरोमा कैंडल्स बनाते हैं. उनकी प्रोडक्ट लाइन में पिलर, फ्लोटिंग और कंटेनर कैंडल्स शामिल हैं. उनके क्लाइंट्स में 5-स्टार होटल जैसे ताज, जे. डब्ल्यू मैरिएट, ग्रैंड ह्यात, फार्मा कंपनियां और दूसरी कई बड़ी ब्रांड्स शामिल हैं. कोरोना माहमारी के समय उन्होंने एल्केम फार्मा को 16 दिनों में 1,60,000 कोरोना शेप की कैंडल्स सप्लाई की थीं. 

उमेश ने बताया कि उनकी ब्रांड ने ताज महल कोलाबा में प्रिंस विलियम और डचेस ऑफ कैम्ब्रिज के भव्य डिनर के लिए भी कैंडल्स सप्लाई की थीं. आज तारा कैंडल्स एशिया में कैंडल्स की सबसे बड़ी उत्पादक कंपनी हैं. अब तक कंपनी 90 कोर्पोरेट क्लाइंट और 5000 अन्य क्लाइंट्स को सर्विस दे चुकी है. और अब वे यूके, दुबई जैसे देशों में भी अपनी कैंडल्स भेज रहे हैं. 

उमेश का कहना है कि जैसे-जैसे कंपनी विश्व स्तर पर अपनी पहुंच बढ़ा रही है, वैसे ही भारतीय उत्पादों की प्रामाणिकता और सार को बनाए रखना उनका मुख्य सिद्धांत बना हुआ है. उन्होंने अपनी कैंडल्स के नाम के साथ एक्सपेरिमेंट करके इन्हें हिंदी में नाम दिए हैं. इससे वे भारत की पहचान को विश्व पटल पर ले जा रहे हैं. 

 

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