Sugarcane Price: गुड न्यूज! किसानों को सरकार का तोहफा, गन्ना खरीद की कीमत में 8 फीसदी की बढ़ोतरी, 5 करोड़ किसानों को फायदा

केंद्र सरकार ने गन्ना खरीद की कीमत में बढ़ोतरी की है. इसकी कीमत 315 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 340 रुपए प्रति क्विंटल कर दी गई है. ये नई कीमत एक अक्टूबर 2024 से 30 सिंतबर 2025 तक की अवधि के लिए होगी. इसका फायदा 5 करोड़ से अधिक गन्ना किसानों को होगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कहा कि मोदी सरकार पिछले 10 साल से किसानों के हित में काम कर रही है.

Sugarcane
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 1:10 PM IST

एक तरफ किसान एमएसपी (MSP) को लेकर आंदोलन कर रहे हैं तो दूसरी तरफ सरकार ने किसानों को बड़ा तोहफा दिया है. केंद्र सरकार ने गन्ना खरीद की कीमत में 8 फीसदी की बढ़ोतरी की मंजूरी दी है. अब गन्ना की कीमत 340 रुपए प्रति क्विंटल हो गई है. जबकि पहले ये कीमत 315 रुपए प्रति क्विंटल थी. इस तरह से हर क्विंटल पर 25 रुपए की बढ़ोतरी हुई है. सरकार के इस फैसले से 5 करोड़ से अधिक गन्ना किसानों और उनके परिवारों को लाभ होगा.

कब से लागू होगी नई कीमत-
गन्ना खरीद की नई कीमत एक अक्टूबर 2024 से 30 सितंबर 2025 तक लागू रहेगी. इस दौरान चीनी मिल किसानों से गन्ना 340 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदेंगे. कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार 10 साल से किसानों के कल्याण के लिए काम कर रही है. साल 2014 से पहले किसानों को खाद के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता था. उस समय गन्ने की कीमत सही नहीं मिलती थी. 2-2 साल तक इंतजार करना पड़ता था. लेकिन मोदी सरकार ने इस दिशा में शानदार काम किया है.

किसानों को कब कितना मिला पैसा- 
अनुराग ठाकुर ने कहा कि साल 2019-20 में 75854 करोड़ रुपए गन्ना किसानों को मिला. उन्होंने बताया कि साल 2020-21 में 93011 करोड़ रुपए और 2021-22 में किसानों को 1.28 लाख करोड़ रुपए मिले हैं. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि साल 2022-23 में 1.95 लाख करोड़ रुपए किसानों को मिले हैं. ये पैसे सीधे किसानों के खाते में भेजे गए. अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम किसानों की आमदनी दोगुनी करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.

पशुधन मिशन के तहत सबस्कीम-
मोदी कैबिनेट ने नेशनल लाइवस्टॉक के तहत एक सबस्कीम शुरू करने का भी फैसला किया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि घोड़े-ऊंट, गधा-खच्चर की संख्या घट रही है और देसी नस्ल की प्रजातियों पर खत्म होने का खतरा मंडराने लगा है. इसलिए पशुधन को बचाने के लिए नेशनल लाइवस्टॉक एक्सचेंज चलाया जा रहा है. ब्रीड मल्टीफिकेशन पर काम किया जा रहा है. एंटरप्रेन्योर के रूप में कोई व्यक्ति या सेल्फ हेल्प ग्रुप हो, इनको 50 फीसदी सब्सिडी दी गई है. इसके लिए अधिकतम सीमा 50 लाख रुपए रखी गई है. उन्होंने कहा कि चारे की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए डिग्रेडेड फॉरेस्ट लैंड को चारे के प्रोडक्शन के काम में लिया जाएगा. इसके लिए भी सब्सिडी दी जाएगी. पशुधन का इंश्योरेंस करने का लाभ मिलेगा.

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