Personal-Property Loan: अचानक पैसों की पड़े जरूरत तो पर्सनल नहीं प्रॉपर्टी लोन लें, ब्याज कम और समय मिलता है ज्यादा, जानिए प्रोसेस

Property Loan Better: पर्सनल लोन से प्रॉपर्टी पर लोन लेना बेहतर होता है. पर्सनल लोन अधिक ब्याज पर मिलता है जबकि प्रॉपर्टी लोन इससे कम ब्याज पर मिलता है. जब हम प्रॉपर्टी पर लोन लेते हैं तो टैक्स में छूट के साथ और भी कई बेनिफिट्स मिलते हैं. 

प्रॉपर्टी पर लोन लेना बेहतर.
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 17 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 3:59 PM IST
  • प्रॉपर्टी पर लोन सेफ लोन कैटेगरी में आता है
  • प्रॉपर्टी लोन संपत्ति के एवज में दिया जाता है

वैसे तो हमें कोई भी लोन लेने से बचना चाहिए क्योंकि इसमें ब्याज चुकाना पड़ता है. कई बार हमारे जीवन में ऐसा आता है कि हमें अचानक पैसों की जरूरत पड़ जाती है. पास में पैसे नहीं रहने के कारण एकमात्र रास्ता लोन का बचता है. आइए आज जानते हैं पर्सनल या प्रॉपर्टी में से कौन सा लोन लेना बेहतर होगा.

प्रॉपर्टी लोन वह होता है जो आपको अपनी प्रॉपर्टी की एवज में दिया जाता है. इसमें आप रेजिडेंशियल फ्लैट, ऑफिस, प्लॉट या दुकान आदि कमर्शियल या रेसीडेंशियल प्रॉपर्टी को बैंक या किसी अन्य फाइनेंशियल सर्विस प्रोवाइडर के यहां जमानत के तौर पर रखकर लोन ले सकते हैं. इससे मिलने वाले फंड का इस्तेमाल आप पर्सनल या कॉमर्शियल दोनों उद्देश्यों के लिए कर सकते हैं. 

प्रॉपर्टी लोन लेना बेहतर
पर्सनल लोन से प्रॉपर्टी पर लोन लेना बेहतर होता है. प्रॉपर्टी पर लोन सेफ लोन कैटेगरी में आता है. पर्सनल लोन अधिक ब्याज पर मिलता है जबकि प्रॉपर्टी लोन इससे कम ब्याज पर मिलता है. जब हम प्रॉपर्टी पर लोन लेते हैं तो टैक्स में छूट के साथ और भी कई बेनिफिट्स मिलते हैं. प्रोपर्टी लोन में आप अपनी प्रोपर्टी के ऊपर 5 से 10 करोड़ रुपए तक का लोन आसानी से ले सकते हैं. हालांकि प्रोपर्टी की कीमत देखकर लोन मिलता है. वर्तमान में पर्सनल लोन पर बैंकों की ब्याज दर 10.25 फीसदी से शुरू होती है वहीं प्रॉपर्टी लोन पर ब्याज दर 8.75 फीसदी की सालाना दर से शुरू होती है. 

ईएमआई की राशि भी कम करवा सकते हैं
प्रोपर्टी लोन चुकाने के लिए आप 10 से 20 साल तक का समय बैंक या फाइनेंस कंपनी से ले सकते हैं लेकिन पर्सनल लोन चुकाने के समय केवल 2 से 5 साल के लिए ही दिया जाता है. पर्सनल लोन में आप ईएमआई की राशि को भी कम करवा सकते हैं. इससे आपकी जेब पर लोन का बोझ और भी कम हो जाएगा.

इनकम टैक्स में मिलती है बड़ी छूट
अगर आप अपनी प्रॉपर्टी पर लोन लेते हैं तो आपको आयकर अधिनियम की धारा 37(1) के तहत ब्याज और प्रोसेसिंग फीस पर टैक्स में छूट का लाभ मिलता है. वहीं अगर आप लोन में ली गई राशि का उपयोग रेजिडेंशियल प्रॉपर्टी खरीदने के लिए करते हैं तो आपको आयकर अधिनियम की धारा 24(B) के तहत टैक्स में 2 लाख रुपए तक की छूट मिलती है. 

इन बातों का रखें ध्यान
यदि आपने लोन का भुकतान निर्धारित अवधि पर नहीं किया तो जिस बैंक या फाइनेंस कंपनी से आप लोन लेते हैं, वह आपकी प्रोपर्टी को बेचकर लोन की धनराशि वसूल कर सकती है. लोन लेने से पहले दूसरे बैंकों और फाइनेंस कंपनी की ब्याज और अन्य सभी शुल्कों के बारे में जानकारी प्राप्त कर लेनी चाहिए. इसके बाद आपको जिस फाइनेंस कंपनी या बैंक के ब्याज दर ठीक लगे. उससे आप लोन प्राप्त कर सकते हैं. 

जरूरी दस्तावेज
प्रोपर्टी लोन लेने के लिए आपके पास पहचान पत्र होना चाहिए. निवास प्रमाण पत्र होना जरूरी है. अगर आप सेल्फ एंप्लॉयर पर्सन हैं तो लोन लेने के लिए आपके पास सर्टिफाइड फाइनेंशियल स्टेटमेंट होना चाहिए. आप जिस प्रोपर्टी पर लोन लेना चाहते हैं उस प्रोपर्टी के दस्तावेज का आपके पास होना जरूरी है.

प्रोपर्टी लोन कैसे लें
प्रोपर्टी लोन लेने के लिए सबसे पहले आपको आपके निजी बैंक अथवा फाइनेंस कंपनी के ऑफिस में जाना होगा. वहां आप बैंक अथवा फाइनेंस कंपनी के मैनेजर से प्रोपर्टी लोन के बारे में बात करें. बैंक से लोन लेने के लिए आपको सभी आवश्यक दस्तावेजों को बैंक में जमा करना होगा. इसके बाद बैंक की ओर से आपकी प्रोपर्टी की जांच की जाएगी और दस्तावेज सत्यपित होने के बाद आपको लोन दे दिया जाएगा.

 

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