ITR Filing 2024: Taxpayers 31 जुलाई को Income Tax Return दाखिल करने से चूके तो देना होगा जुर्माना, जान लें आईटीआर भरने से जुड़ी A टू Z जानकारी

Online and Offline ITR Filing Process: इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर एक ऐसा फॉर्म है, जिसमें एक व्यक्ति अपनी इनकम और उस पर लगने वाले टैक्स की जानकारी भरता है. आप ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से आईटीआर भर सकते हैं. यहां आप फटाफट प्रोसेस जान लीजिए.

ITR Filing 2024
मिथिलेश कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 31 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 4:18 AM IST
  • सात प्रकार के होते हैं आईटीआर फॉर्म 
  • ओल्ड टैक्स रिजीम में कई तरह के पा सकते हैं छूट

वित्त वर्ष 23-24 (एसेसमेंट ईयर 2024-25) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (Income Tax Return) यानी आईटीआर (ITR) भरने की डेडलाइन (Deadline) 31 जुलाई 2024 हैं.

यदि आप वेतनभोगी हैं और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) के नियमों के मुताबिक टैक्स स्लैब में आते हैं तो आज यानी बुधवार को अपना आईटीआर जरूर फाइल कर लें. ऐसा नहीं किया तो आपको जुर्माना भरना होगा. हम आपको ITR दाखिल करने से जुड़ी A टू Z जानकारी दे रहे हैं. इससे आप फटाफट इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. 

क्या होता है आईटीआर 
आपको मालूम हो कि इनकम टैक्स रिटर्न यानी आईटीआर एक ऐसा फॉर्म है, जिसमें एक व्यक्ति अपनी इनकम और उस पर लगने वाले टैक्स की जानकारी भरता है. इसके दायरे में सैलरी के जरिए हुई कमाई, किसी बिजनेस या प्रोफेशन के जरिए की गई इनकम, हाउस प्रॉपर्टी के जरिए इनकम, कैपिटल गेन्स के जरिए की कमाई, लॉटरी, रॉयल्टी इनकम, डिविडेंड, डिपॉजिट पर ब्याज आदि से की गई कमाई आती है.

आईटीआर दाखिल करना उन सभी लोगों के लिए अनिवार्य है जिनकी आय निर्धारित सीमा से अधिक है. यदि आपकी आय कर योग्य है या आपने कोई निवेश या लेन-देन किया है तो भी ITR भरना जरूरी हो सकता है. आयकर दर पहले से तय होती है.

नया या पुराना टैक्स रिजीम का कर लें चुनाव
आप ITR दाखिल करते समय नया या पुराना टैक्स रिजीम में से किसी एक का चुनाव कर सकते हैं. आपको मालूम हो कि न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) को डिफॉल्ट में रखा गया है. यदि आप ओल्ड टैक्स रिजीम (Old Tax Regime) के तहत आईटीआर फाइल करना चाहते हैं, तो फिर आपको इसे खुद से बदलना होगा. नई टैक्स रिजीम में टैक्स में छूट प्राप्त करने के लिए बहुत सीमित विकल्प हैं. जबिक पुरानी कर व्यवस्था में टैक्सपेयर्स को करीब 70 तरीकों से डिडक्शन और टैक्स छूट का लाभ लेने का मौका मिलता है. 

कितने तरह का होता है आईटीआर फॉर्म 
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के मुताबिक सात प्रकार के आईटीआर फॉर्म होते हैं. ITR-1, ITR-2, ITR-3, ITR-4, ITR-5, ITR-6, ITR-7. किसी व्यक्ति को कौन सा फॉर्म भरना होगा यह इनकम और उसके नेचर पर निर्भर करेगा.

ITR-1 Form 
आईटीआर-1 फॉर्म या सहज फॉर्म वैसे लोगों के लिए है जिनकी कुल सलाना आय 50 लाख रुपए से अधिक नहीं है. यह कमाई सैलरी, पेंशन या अन्य सोर्सेज से हो सकता है. घर या प्रॉपर्टी से कमाई करने वाले भी यह फॉर्म भर सकते हैं. 5000 रुपये की कमाई करने वाला किसान भी इस फॉर्म को भर सकता है.

आईटीआर-2 फॉर्म
यदि आपकी सालाना इनकम 50 लाख रुपए अधिक है तो आप आईटीआर-2 फॉर्म भर सकते हैं. शॉर्ट टर्म, कैपिटल गेन, एक से ज्यादा हाउस प्रॉपर्टी से कमाई करने वाले, खेती से 5000 रुपए से ज्यादा कमाई करने वाले, घुड़सवारी की सट्टेबाजी से इनकम, लॉटरी या लीगल गैंबलिंग से कमाई, किसी कंपनी में काम करने वाले या किसी कंपनी का डायरेक्टर आईटीआर-2 फॉर्म को भर सकते हैं. इसका मतलब यह है कि जो लोग ITR-1 दाखिल करने के लिए पात्र नहीं हैं, वे ITR-2 फाइल कर सकते हैं. कुछ खास शर्तों के तहत विदेशी भारतीय भी ITR-2 भर सकते हैं.

ITR-3 फॉर्म
आईटीआर-3 फॉर्म को वे लोग या HUF भर सकते हैं, जिनकी कमाई अपने बिजनेस या पेशा से हो रही है. आईटीआर-2 से होने वाली कमाई करने वाले भी इसमें शामिल हैं. इसके अलावा अनलिस्टेड कंपनियों के शेयरों से कमाई करने वालों को भी यह फॉर्म भरना चाहिए. इसके साथ ही सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, कैपिटल गेन्स, हॉर्स रेसिंग, लॉटरी आदि से यदि कमाई होती हो तो आईटीआर फॉर्म-3 आप भर सकते हैं.

आईटीआर-4 फॉर्म 
आईटीआर-4 फॉर्म उन टैक्सपेयर्स के लिए बनाया गया है जिनकी आय कई स्रोतों से आती है. यह फॉर्म खासतौर पर उन लोगों के लिए लागू होता है जिनकी आय आयकर अधिनियम की धारा 44AD, 44ADA या 44AE के तहत निर्धारित आय अनुमान योजनाओं के आधार पर गणना की जाती है. ये योजनाएं छोटे व्यापारों और पेशेवरों के लिए हैं जिनका टर्नओवर एक सीमा से कम है. नियमित वेतन या पेंशन से होने वाली आय को भी ITR-4 में दिखाया जा सकता है. इसे सुगम फॉर्म (SUGAM Form) भी कहा जाता है. बता दें कि इसमें अर्जित आय पर कोई सीमा नहीं है.

आईटीआर-5 फॉर्म
आपको मालूम हो कि आइटीआर-5 फॉर्म संस्थाओं के लिए होता है. ऐसे संस्थान जो फर्म, LLPs, AOPS, BOIS के रूप में रजिस्टर्ड हैं को आइटीआर-5 फॉर्म भरना होता है

आईटीआर-6 फॉर्म
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक आईटीआर 6 फॉर्म उन कंपनियों के लिए होता है, जो आयकर अधिनियम 1961 की धारा 11 से स
नहीं कर रही होती है.

आईटीआर-7 फॉर्म
वैसी कंपनियं सहित उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें सिर्फ धारा 139 (4ए) या 139 (4बी) या 139 (4सी) या 139 (4डी) के तहत रिटर्न प्रस्तुत करना जरूरी है को आईटीआर-7 फॉर्म फाइल करना होता है. यह फॉर्म राजनीतिक पार्टियां, चिकित्सा संस्थान, अस्पताल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, कोष, समाचार एजेंसियां, ज्ञानिक अनुसंधान संघ, व्यावसायिक ट्रस्ट आदि द्वारा भरा
जाता है.

ITR फॉर्म कैसे करें डाउनलोड 
1. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं.
2. आयकर रिर्टन/फॉर्म पर क्लिक करें.
3. डाउनलोड्स सेक्शन में जाएं.
4. उचित ITR फॉर्म चुनें और डाउनलोड करें.
5. डाउनलोड किए गए दस्तावेज को खोलने के लिए, अपना पासवर्ड दर्ज करें. 
6. पासवर्ड आपकी जन्मतिथि के साथ निचले अक्षरों में आपका पैन नंबर है.

आईटीआर दाखिल करने के लिए इन डॉक्यूमेंट्स की पड़ती है जरूरी
1. आधार और पैन कार्ड.
2. बैंक अकाउंट डिटेल.
3. सैलरीड पर्सन के लिए फॉर्म 16.
4. टीडीएस सर्टिफिकेट.
5. टैक्स डिडक्शन के दावे के लिए इनवेस्टमेंट प्रूफ.
6. बैंकों और डाकघरों से मिले ब्याज का प्रूफ.
7. छूट क्लेम करने के लिए डोनेशन किया है तो उसकी रसीद.
8. स्टॉक ट्रेडिंग स्टेटमेंट.
9. इंश्योरेंस पॉलिसी की रसीद.
10. आधार से वैलिडेट बैंक खाता.
11. बैंक से लिया ब्याज सर्टिफिकेट सहित निवेश के अन्य डॉक्यूमेंट.

ऑनलाइन ऐसे दाखिल करें आईटीआर
1. सबसे पहले आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल (https://eportal.incometax.gov.in/) पर जाएं. 
2. इसके बाद ऑफिशियल वेबसाइट पर पैन और यूजर आईडी डालकर अपना पासवर्ड बनाएं और लॉग इन करें.
3. इसके बाद डैशबोर्ड पर, ई-फाईल आयकर रिटर्न 'आयकर रिटर्न दाखिल करें' पर क्लिक करें.
4. फिर असेसमेंट ईयर का चुनाव करें. जैसे 2023-24 और फिर 'कंटीन्यू' पर क्लिक करें.
5. इसके बाद आईटीआर फाइल करने के लिए ऑनलाइन ऑप्शन को चुनें.
6. फिर अपनी टैक्स आय और टीडीएस कैलकुलेशन के हिसाब से अपना आईटीआर फॉर्म चुनें.
7. अपने लिए लागू ITR चुनने के बाद सभी जरूरी डॉक्यूमेंट्स को पास रखकर स्टार्ट ऑप्शन पर क्लिक करें.
8. इसके बाद कंप्यूटर या लैपटॉप के स्क्रीन पर कुछ सवाल आएंगे, जो भी आप पर लागू हैं, उसके चेक बॉक्स को मार्क करके कंटीन्यू क्लिक कर दें.
9. डॉक्यूमेंट्स के मुताबिक अपनी आय और कटौती का ब्योरा अलग-अलग सेक्शन में दर्ज करें.
10. यदि टैक्सलायबिलिटी का मामला है तो आपके दिए गए ब्योरे के आधार पर टैक्स-कैलकुलेशन का संक्षिप्त विवरण दिखेगा.
11. कैलकुलेशन के हिसाब से टैक्सलायबिलिटी बनती है तो अभी भुगतान करें और बाद में भुगतान करें का विकल्प चुन सकते हैं.
12. यदि कोई टैक्सलायबिलिटी नहीं बनती, तो फिर टैक्स चुकाने के बाद, 'प्रिव्यू रिटर्न' पर क्लिक करना होगा.
13. इसके बाद 'प्रिव्यू और रिटर्न जमा करें' डिक्लेरेशन चेकबॉक्स पर क्लिक करके 'वैलिडेशन के लिए आगे बढ़े' ऑप्शन चुनें. 
14. प्रिव्यू देखें और 'रिटर्न जमा करें' पेज पर, वेरिफाई के लिए आगे बढ़ें. रिटर्न को वेरिफाई और ई-सत्यापि करना अनिवार्य है.
15. ई-वेरिफाई पेज पर जिस विकल्प का इस्तेमाल कर आप ई-सत्यापन करना चाहते हैं, उसे चुनें और 'कंटीन्यू' पर क्लिक करें.
16. एक बार जब आप रिटर्न को ई-वेरिफाई करा लेते हैं तो फार्म के सफलतापूर्व भरे जाने की सूचना स्क्रीन पर दिखती है.
17. ट्रांजैक्शन आईडी और एकनॉलेजमेंट नंबर स्क्रीन पर मिलता है, जिससे आप भविष्य में अपने आईटीआर फॉर्म का स्टेटस चेक कर सकते हैं.
18. ई-फाइलिंग पोर्टल पर आपका जो मोबाइल नंबर और ई-मेल आईडी रजिस्टर्ड है, फॉर्म सफलता पूर्वक भरने जाने का मैसेज मिल जाएगा.
19. रिटर्न दाखिल करने के बाद 30 दिनों के भीतर वेरिफाई जरूर कर लें.

ऑफलाइन मोड में ऐसे भरे रिटर्न
1. ऑफलाइन आईटीआर दाखिल करने के लिए सबसे पहले आपको आईटीआर फाइलिंग पोर्टल पर लॉग-इन करना होगा.
2. फिर डाउनलोड के ऑप्शन को सिलेक्ट करना होगा, यहां आपको अपनी इनकम भरनी होगी.
3. इसके बाद आईटीआर फॉर्म की एक्सेल शीट को डाउनलोड करना होगा.
4. इसके बाद आपको जिप फाइल ओपन करके जरूरी कॉलम भरना होगा.
5. फिर आपको अपने एक्सेल शीट की पुष्टि करनी है. इसके बाद टैक्स कैलकुलेट पर क्लिक करें.
6. अब आपको XML यूटिलिटी जनरेट करनी होगी. आप इसे सेव रखें.
7. इसके बाद आपको एक्सेल यूटिलिटी को इनकम टैक्स के पोर्टल पर अपलोड करना होगा.
8. फिर 6 ऑप्शन में से आईटीआर को वेरिफाई करना होगा.
9. इसके बाद आप अपना रिटर्न फॉर्म को सबमिट कर सकते हैं.

ITR स्थिति ऑनलाइन ऐसे करें चेक 
1. आधिकारिक वेबसाइट पर लॉगिन करें.
2. आयकर रिटर्न स्थिति विकल्प चुनें.
3. अपना पैन नंबर और वित्तीय वर्ष दर्ज करें.
4. सबमिट पर क्लिक करें और अपनी रिटर्न स्थिति देखें.

 

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