सरकार ने बुधवार को विदेशों में क्रेडिट कार्ड के जरिए खर्च पर टीसीएस लगाने के फैसले पर फिलहाल रोक लगा दी है. अब क्रेडिट कार्ड के जरिए विदेश में किए गए खर्च पर कोई TCS यानि टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स नहीं कटेगा. हालांकि, TCS की ऊंची दरें तभी लागू होंगी जब LRS (Liberalised Remittance Scheme) के तहत खर्च ₹7 लाख की सीमा से ज्यादा हो. सरकार ने संशोधित टीसीएस दरों को लागू करने और एलआरएस में क्रेडिट कार्ड भुगतान को शामिल करने के लिए ज्यादा समय दिया है.
विदेशों में क्रेडिट कार्ड खर्च पर TCS नहीं लगेगा
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि विदेश में क्रेडिट कार्ड से किए गए खर्च को एलआरएस के तहत नहीं गिना जाएगा और इसीलिए इस पर स्रोत पर टैक्स (टीसीएस) कटौती भी नहीं होगी. सरकार ने कहा कि बढ़ी हुई टीसीएस दरें, जो 1 जुलाई को लागू होने वाली थीं, अब तीन महीने बाद 1 अक्टूबर से लागू होंगी.
पहले कौन से नियम लागू किए गए थे
16 मई को सरकार एलआरएस के तहत अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड लेनदेन को शामिल करने से संबंधित एक अधिसूचना लेकर आई थी. जिसमें भारत से किसी अन्य देश को पैसा भेजने के साथ विदेश यात्रा पैकेज खरीदने पर TCS पांच फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी कर दिया था. साथ ही एलआरएस (LRS) के अंतर्गत TCS लगाने के लिए सात लाख रुपये की सीमा हटा दी गई थी. साथ ही क्रेडिट कार्ड के माध्यम से होने वाले खर्चों को एलआरएस में शामिल करने की भी घोषणा की थी. यानी कि विदेश में एक वित्त वर्ष के अन्दर 2.5 लाख डालर से अधिक का भुगतान क्रेडिट कार्ड के जरिए नहीं किया जा सकता. और जिन्हें इससे अधिक का भुगतान करना है उन्हें पहले आरबीआई से परमिशन लेनी होगी. सरकार के इस कदम को सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना झेलनी पड़ी थी. वित्तीय विशेषज्ञों ने इस कदम की तर्कसंगतता और उद्देश्य पर सवाल उठाए थे.
क्या होता है TCS और LRS
TCS टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स होता है. इसका मतलब स्रोत पर एकत्रित टैक्स (इनकम से इकट्ठा किया गया टैक्स) होता है. TCS का भुगतान सेलर, डीलर, वेंडर, दुकानदार की तरफ से किया जाता है. वहीं LRS के तहत भारतीय नागरिकों को विदेश में पैसे खर्च करने के लिए इजाजत मिलती है. मौजूदा समय में एलआरएस के तहत फॉरन रेमिटेंस पर पांच फीसदी टीसीएस कटता है.