Tea Business Dropout Chaiwala: बर्तन धोए, पेट्रोल पंप पर किया काम, अब ऑस्ट्रेलिया में रोजगार दे रहा है भारत का यह युवा

संजीत कोंडा मूल रूप से बंगलुरु के रहने वाले हैं और वर्तमान में, ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में अपना चाय बिजनेस, Dropout Chaiwala चला रहे हैं.

Sanjith Konda (Photo: Instagram/@dropout_chai_wala)
निशा डागर तंवर
  • नई दिल्ली ,
  • 16 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 2:07 PM IST
  • पढ़ाई छोड़कर की बिजनेस की शुरुआत 
  • कॉफी के देश में चाय को किया पॉपुलर 

चार साल पहले, बंगलुरु के रहने वाले 18 वर्षीय संजीत कोंडा, ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न में ला ट्रोब यूनिवर्सिटी, बंडूरा कैंपस में बिजनेस स्टडीज में ग्रेजुएशन करने गए थे. लेकिन आज 22 साल की उम्र में संजीत वहां अपना बिजनेस चला रहे हैं. और वह भी चाय बिजनेस. 

संजीत जब ऑस्ट्रेलिया पहुंचे तो उन्होंने पढ़ाई के साथ-साथ, यूनिवर्सिटी की कैंटीन में बर्तन धोए, पेट्रोल पंप पर नाइट शिफ्ट की ताकि वह खुद कुछ कमा सकें. इसके बाद, उन्हें छात्र परिषद में चुना गया और उन्हें स्कॉलरशिप भी मिलने लगी. लेकिन इस सबसे होने वाली इंकम से उन्होंने मेलबर्न में एक चाय की दुकान 'ड्रॉपआउट चायवाला' शुरू की. 

पढ़ाई छोड़कर की बिजनेस की शुरुआत 
सवाल है कि दूसरे देश में इतनी कम उम्र में संजीत ने बिजनेस शुरू करने की हिम्मत कैसे जुटाई. द वीकेंड लीडर की रिपोर्ट के मुताबिक, संजीत का कहना है कि वह छोटी उम्र से ही मैच्योर रहे हैं. उनके माता-पिता ने उनकी परवरिश ऐसी की कि वह कम उम्र में ही बहुत कुछ संभालने लगे. 

संजीत के पिता एक मैकेनिकल इंजीनियर हैं जो पिछले 30 सालों से रियाद में स्थित एक सऊदी अरब की तेल कंपनी के लिए काम कर रहे हैं. वह अभी कंपनी में एक वरिष्ठ पद पर हैं और अच्छी कमाई कर रहे हैं. उनकी मां गृहिणी हैं. पहले उनके पिता हर दो-तीन महीने में घर आ जाते थे. लेकिन पिछले कुछ सालों से उनकी पदेन्नति के बाद उनका आना कम हो गया. 

इसलिए लगभग 11 साल की उम्र से, संजीत ने बैंक जाकर पासबुक अपडेट करने, बिजली बिल का भुगतान करने, घर के लिए थोड़ी खरीदारी करने से लेकर अपनी प्रॉपर्टी का रेंट लेकर आने तक, सब कामों में अपनी मां की मदद करना शुरू किया. इससे वह कम उम्र में बड़ी बातें समझने लगे. 

कॉफी के देश में चाय को किया पॉपुलर 
संजीत ने 2019 में बिजनेस स्टडीज में स्नातक करने के लिए मेलबर्न में ला ट्रोब यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया. मेलबर्न में उन्होंने पार्ट टाइम नौकरियां कीं. ऐसा नहीं था उन्हें पैसे की बहुत ज्यादा जरूरत है लेकिन वह अपना माता-पिता पर भी बोझ नहीं बनना चाहते थे. 

संजीत ने जब पढ़ाई छोड़कर बिजनेस शुरू किया तो उनके पिता बहुत आश्वस्त नहीं थे पर उन्होंने संजीत को रोका नहीं. उनकी मां भी उनके फैसले से थोड़ी निराश थीं. संजीत ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर इसकी शुरुआत की और उन्होंने अपनी बचत से 2 करोड़ रुपए की लागत से शुरू किया. 

उन्होंने एलिजाबेथ स्ट्रीट में अपना पहला आउटलेट 50 वर्ग मीटर में, मात्र 5 लोगों के साथ शुरू किया. उन्होंने जो आउटलेट खरीदा, वहां कोविड से पहले तक कॉफी मिलती थी. लेकिन अब उन्होंने चाय को भी पॉपुलर कर दिया है. 

खड़ा किया करोड़ों का बिजनेस 
पहले तीन महीनों में व्यवसाय धीमा था, लेकिन बाद में इसमें तेजी आई. मार्च में, उन्होंने वेरीबी में एक मोबाइल चाय ट्रक लॉन्च किया, जो त्योहारों और शादियों के दौरान विश्वविद्यालय के कार्यक्रमों में दुकान लगाता है. उन्होंने अगस्त में ला ट्रोब स्ट्रीट में 275 वर्ग मीटर में तीसरा स्टोर स्थापित किया.

चाय की सात किस्मों को परोसने के अलावा, ड्रॉपआउट चायवाला टोस्ट, बिस्कुट, बन मस्का, बन मसाला और कुछ पेस्ट्री जैसे हल्के स्नैक्स भी प्रदान करता है. एक साल के भीतर उन्होंने एक चाय ट्रक सहित दो और आउटलेट स्थापित किए हैं और 40 कर्मचारियों के साथ 1 मिलियन ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (5.57 करोड़ रुपये) का रेवेन्यू कमाया है. 

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