मूनलाइटिंग को लेकर विवाद के बीच, टीएससी, विप्रो, इंफोसिस सहित कई आईटी प्रमुख कंपनियां अब अपने कर्मचारियों को फ्रीलांस वर्क लेने की अनुमति देने के लिए नीति बना रही हैं. इसी तरह, आईटी सर्विस प्रमुख टेक महिंद्रा अपनी मूनलाइटनिंग पॉलिसी तैयार करने के अंतिम चरण में है. कंपनी भी कर्मचारियों को साइड में फ्रीलांसिग करने की अनुमति दे सकती है, अगर ऐसा करने से कंपनी के काम में परेशानी नहीं आती है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, वह इसी महीने पॉलिसी को रोल आउट कर सकती है.
टेक महिंद्रा के ग्लोबल चीफ पीपुल ऑफिसर, हर्षवेंद्र सोइन ने ईटी को बताया कि कंपनी कर्मचारियों को कम समय के लिए, खासकर वीकेंड पर फ्रीलांसिग करने की अनुमति देना चाहती है. लेकिन कंपनी का काम एग्रीमेंट के हिसाब से होना चाहिए. कर्मचारियों को मूनलाइटिंग से पहले कंपनी से लिखित मंजूरी भी लेनी चाहिए.
विप्रो और इंफोसिस ने निकाले कर्मचारी
महामारी के दौरान घर से काम करने वाले कई कर्मचारियों ने अपनी मूल फर्म की मंजूरी के बिना साइड जॉब्स ले लीं. विप्रो और इंफोसिस ने पहले कहा था कि उन्होंने ऐसे कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया. लेकिन फिर इस बात पर बहस छिड़ गई कि क्या कर्मचारियों को साइड जॉब लेने की अनुमति दी जा सकती है.
हालांकि, विप्रो और इंफोसिस दोनों ने कहा है कि कर्मचारी फ्रीलांसिंग कर सकते हैं लेकिन इसका असर उनकी जॉब पर नहीं पड़ना चाहिए. एचसीएल टेक्नोलॉजीज ने भी कहा है कि वह डबल एम्लॉयमेंट को मंजूरी नहीं देती है.
इस साल अगस्त में, फूड डिलीवरी स्टार्टअप स्विगी ने अपने कर्मचारियों को कुछ शर्तों के तहत वर्किंग आवर्स के बाद फ्रीलांस प्रोजेक्ट्स लेने की अनुमति देने के लिए एक मूनलाइटिंग नीति पेश की.