Grandparents-grandchildren run startups: सुपरहिट हैं दादी-नानी के साथ शुरू किए गए ये स्टार्टअप्स, जानिए

दुनिया में लगभग सभी बच्चों की यादों में दादी-नानी के साथ बिताया हुआ बचपन जरूर होता है. दादी-नानी न सिर्फ बच्चों को कहानियां सुनाती हैं बल्कि उनमें संस्कार के बीज भी डालती हैं. जानिए कैसे कुछ युवा अब अपनी दादी और नानी को एक पहचान दे रहे हैं.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 21 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 11:37 AM IST
  • दादी-नानी के हुनर को पहचान देने की कोशिश
  • दादी-नानी के साथ मिलकर बिजनेस कर रहे हैं ये युवा

किसी भी बच्चे के लिए उनकी दादी-नानी बहत ही ज्यादा स्पेशल होती हैं. हम कभी भी अपनी दादी या नानी के साथ बिताया हुआ समय नहीं भूलते हैं. यह कहना गलत नहीं है कि हमारे माता-पिता से भी ज्यादा हमें प्यार कोई करता है तो वे हैं ग्रैंडपैरेंट्स. और आज के आधुनिक जमाने में बाकी बदलती चीजों की तरह इस रिश्ते के मायने भी बदल रहे हैं. अब बच्चों का बुजुर्गों से सिर्फ दादी-नानी वाला रिश्ता नहीं है बल्कि बहुत से पोते-नाती, अपनी दादी-नानी के साथ मिलकर बिजनेस भी कर रहे हैं. आज हम आपको कुछ ऐसे स्टार्टअप्स के बारे में बता रहे हैं जिन्हें कुछ युवाओं ने अपनी दादी या नानी के साथ शुरू किया है.

1. गुज्जु बेन ना नास्ता


गुज्जू बेन ना नास्ता की शुरुआत हर्ष आशर और उनकी दादी यानी बा, उर्मिला जमनादास अशर ने 2020 में लॉकडाउन के दौरान की थी. लॉकडाउन के दौरान जब हर्ष का एक्सीडेंट हो गया और उसकी दुकान बंद हो गई, तो उसकी सारी उम्मीदें टूट गई थीं. लेकिन जब उसने अपनी 'दादी' को हमेशा की तरह अचार बनाते देखा, तो उसे कुछ सूझा और इसी एक विचार के साथ गुज्जू बेन ना नास्ता का जन्म हुआ. अचार इतना बड़ा हिट हुआ कि इसने उन्हें ढोकला और थेपला जैसे स्नैक्स और बाद में गुजराती फूड बिजनेस करने की प्रेरणा दी. आज, गुज्जू बेन ना नास्ता एक लोकप्रिय नाम है. आपको बता दें कि, गुज्जु बेन ना नास्ता की बा मास्टर शेफ इंडिया की कंटेस्टेंट भी रह चुकी हैं. 

2. दादीज़ किचन टेल्स 


यह छोटा सा व्यवसाय भी महामारी की दूसरी लहर के दौरान शुरू किया गया था जब गुरदीप सोनी जी के घर पर मेहमानों ने जोर देकर कहा कि वह अपने घर की रसोई शुरू करें. 87 वर्षीय गुरदीप सोनी महामारी के कारण उदास थीं, और इसलिए जब उनके पोते कुलतेजन सिंह ने यह विचार सुना, तो उन्होंने दादीज़ किचन टेल्स शुरू करने का फैसला किया. गुरदीप का खाना लोगों को इतना पसंद आया कि स्टार्टअप चल निकला. 

3. हरभजन- बचपन याद आजाए


94 साल की उम्र में हरभजन कौर ने अपनी बेटी और पोती के साथ मिलकर अपनी 100 साल पुरानी स्वादिष्ट 'बेसन की बर्फी' का बिजनेस शुरू किया. अपनी सबसे ज्यादा बिकने वाली डिश बर्फी के लिए मशहूर कौर के ब्रांड  Harbhajan's को शरबत, जैम, अचार, चटनी और हलवा जैसी डिशेज के लिए भी पसंद किया जाता है. उनकी पोती, सुप्रिया, उनकी सोशल मीडिया मार्केटिंग की जिम्मेदारी संभालती है और अपनी नानी के सपनों को उड़ान दे रही हैं. 

4. कॉट क्राफ्ट हैंडेड


दिल्ली की 78 वर्षीय शीला बजाज भी अपनी पोती, युक्ति की मदद से अपने डिजिटल स्टोर 'कॉट क्राफ्ट हैंडेड' से दिल जीत रही हैं, जिसमें हेडबैंड, स्कार्फ, स्वेटर, फ्रॉक, वार्मर और पोटली की शानदार रेंज उपलब्ध है. लॉकडाउन के दौरान, युक्ति ने महसूस किया कि कैसे उनकी दादी अक्सर स्क्रैप से उत्पाद बनाने के लिए अपने पुराने स्वेटर से ऊन लेती थीं और कैसे केवल क्रोशिए से उन्हें खुश किया जा सकता है. उन्होंने अपनी दादी के लिए एक छोटा सा ऑनलाइन स्टोर खोलने का फैसला किया.

5. आपली आजी


एक पाव भाजी रेसिपी ने यश को अपना आजी, सुमन धमाने का YouTube चैनल 'आपली आजी' शुरू करने के लिए प्रेरित किया. जिसके आज YouTube पर 1 मिलियन से अधिक ग्राहक हैं. लोगों द्वारा आजी पर बरस रहे प्यार को देखते हुए, दोनों ने इसे और आगे ले जाने का फैसला किया और फिर अपनी मसाला रेंज, 'आपली आजी मसाला' लेकर आए. यह उद्यम की एक और सफलता थी, और दादी-पोते की अस जोड़ी को इसके लिए बहुत प्यार मिल रहा है. 

 

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