Best out of Waste: बेकार कांच की बोतलों से घड़ी, लैंप जैसे आइटम बना रही है यह महिला, शुरू किया अपना स्टार्टअप

केरल के कोच्चि में स्थित Vapasee स्टार्टअप बेकार कांच की बोतलों से होम डेकॉर के प्रोडक्ट्स बना रहा है. यह स्टार्टअप ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीकों से ग्राहकों को प्रोडक्ट्स उपलब्ध करा रहा है.

Upcycling waste glass bottles (Photo: Unsplash and Instagram/@Vapasee)
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 10 मई 2023,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST
  • साल 2015 में दुबई से केरल लौटीं रेंजिनी
  • बचपन से ही रही कला और चित्रकला में गहरी रुचि

हमारे देश में कचरे की बहुत बड़ी समस्या है. प्लास्टिक, टायर से लेकर कांच की बोतलों तक, आपको अक्सर सड़क किनारे या पहाड़ों में बहुत सा कचरा नजर आता है. इस कचरे को देखकर हम सिर्फ इस बात पर बहस करते हैं कि प्रशासन कुछ कर क्यों नहीं रहा. लेकिन ये कभी नहीं सोचते की हम क्या कर सकते हैं. अगर हम चाहें तो इस तरह के मेटल या ग्लास वेस्ट को अपसायकल करके बहुत खूबसूरत चीजें बना सकते हैं, जैसा कि कोच्चि की रहने वाली रेंजिनी थंपी कर रही हैं.

साल 2015 में दुबई से केरल लौटी रेंजिनी ने यहां पर जगह-जगह कचा देखा तो कुछ करने की ठानी. वह हमेशा से आर्टिस्टिक रहीं और यहां भी उन्हें जैसे ही मौका मिला उन्होंने एक बार फिर खुले दिल से आर्ट पर काम करना शुरू किया. वह बेकार कांच की बोतलों से खूबसूरत होम डेकॉर प्रोडक्ट्स बना रही हैं. सबसे दिलचस्प बात है कि वह अपने स्टार्टअप, Vapasee के तहत अपने प्रोडक्ट्स को मार्केट कर रही हैं. 

बनाती हैं कई तरह के प्रोडक्ट्स  
दुबई में पली-बढ़ी और पढ़ी-लिखी रेंजिनी ने भारत आने से पहले सात साल तक विमानन, मानव संसाधन और मीडिया उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम किया. हालांकि, उन्हें बचपन से ही कला और चित्रकला में गहरी रुचि थी. उन्होंने केरल म्यूरल पेंटिंग करना भी सीखा. इसके बाद उन्होंने प्रोफेशनल तौर पर इस क्षेत्र में आगे बढ़ने की ठानी. भारत लौटकर वह स्क्रैप पर काम करने लगीं. हालांकि, यह आसान नहीं था. उन्होंने अलग-अलग प्रोडक्ट्स के साथ एक्सपेरिमेंट किए और जब उन्हें लोगों से अच्छा रेस्पॉन्स मिला तो उन्हें लगा कि वह सही राह पर हैं. 

अब वह कांच की बोतलों से लैंप, साइड टेबल की सजावट के लिए शोपीस, वॉल हैंगिंग, प्लैटर्स, घड़ियां, और बहुत कुछ बना रही हैं. अब तक, उन्होंने ने घर की सजावट के सामान बनाने के लिए 21,000 कांच की बोतलें, 5,000 नारियल के गोले, 800 किलो से अधिक लकड़ी और 500 किलो से ज्यादा मेटल के कचरे को अपसायकल किया है. उनका स्टार्टअप घर की सजावट के लिए प्लांटर्स, विंडचाइम्स, घड़ियां, फूलों के फूलदान, कंटेनर आदि उत्पाद बना रहा है. 

दूसरों को दिया रोजगार 
रेंजिनी की ब्रांड का स्थानीय कचरा प्रबंधन संगठनों और स्क्रैप डीलरों के साथ भी टाई-अप है, जो उन्हें स्क्रैप उपलब्ध कराते हैं. एक बार स्क्रैप इकट्ठा हो जाने के बाद, स्टार्टअप- कोच्चि में अपनी 2,000 वर्ग फुट की निर्माण इकाई में- कांच की बोतलों को उनके ब्रांड और आकार के अनुसार अलग करता है, साफ करता है, अपसायकिल करता है और उन्हें स्टोर करता है. अंतिम पैकेजिंग से पहले, उनके दस कारीगरों की टीम उत्पादों को डिजाइन करती है और उन्हें अंतिम रूप देती है. 

यह ब्रांड स्थानीय महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों के साथ भी जुड़ा है और उन्हें सफाई के काम के लिए रोजगार प्रदान कर रहा है. उनका कहना है कि उनकी ब्रांड के लिए इंस्टाग्राम सबसे महत्वपूर्ण मार्केटिंग प्लेटफॉर्म है, इसके बाद Amazon, Onegreen, Brown Living, Loopify और Magikelf जैसे ऑनलाइन मार्केटप्लेस हैं. इसके अलावा, केरल में उनके तीन ऑफलाइन स्टोर हैं. स्टार्टअप जल्द ही अपनी वेबसाइट लॉन्च करेगा. 

अब तक, ब्रांड ने 5,000 से अधिक उत्पाद बेचे हैं, और कीमतें 300 रुपये से 3,000 रुपये के बीच हैं. 2023 में, इसका लक्ष्य 7,000 से अधिक लोगों तक पहुंचना है. इसके अलावा, वह नए नारियल और प्राकृतिक फाइबर से बने उत्पादों को लॉन्च करते हुए इस साल लगभग 50,000 कांच की बोतलों को अपसाइकल करना चाहती हैं.  

 

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