तमिलनाडु के एक किसान परिवार से आने वाले एक लड़के का बचपन गरीबी में बीता. घर की आर्थिक हालत ऐसी थी कि कपड़े और चप्पल खरीदने तक के पैसे नहीं होते थे. मां दूध बेचकर घर का खर्च चलाती थी. किसी तरह से उस लड़के ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उसको जॉब मिल गई. लेकिन जल्द ही कंपनी बंद हो गई. फिर से उस लड़के ने दूसरी कंपनी में जॉब शुरू किया. इस दौरान वो अपनी पढ़ाई पर भी फोकस करने लगा. 14 साल तक उस कंपनी में जॉब करने के बाद उस लड़के ने खुद की कंपनी खोलने का प्लान बनाया. उसने एक थायराइड टेस्टिंग कंपनी की शुरुआत की. आज उनकी कंपनी थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज (Thyrocare Technologies) दुनिया की सबसे बड़ी थायराइड टेस्टिंग कंपनी है. उस शख्स का नाम ए. वेलुमणि (Arokiaswamy Velumani) है. चलिए आपको वेलुमणि के संघर्ष और सफलता की कहानी बताते हैं.
गरीबी में बीता बचपन-
थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज के फाउंडर ए. वेलुमणि का जन्म तमिलनाडु के कोयंबटूर में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था. फैमिली की आर्थिक हालत बहुत ही खराब थी. परिवार के पास कपड़े और चप्पल खरीदने तक के पैसे नहीं होते थे. वेलुमणि के 4 भाई-बहन थे. उनकी मां दूध बेचकर परिवार का खर्च चलाती थीं. किसी तरह से वेलुमणि ने ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की. इसके बाद उनको एक दवा कंपनी में जॉब मिल गई. इस कंपनी में वेलुमणि को 150 रुपए सैलरी मिलती थी. लेकिन जल्द ही कंपनी बंद हो गई. इसके बाद वेलुमणि बेरोजगार हो गए. इसके बाद उनको भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर में लैब असिस्टेंट की जॉब मिल गई. इस दौरान उन्होंने आगे की पढ़ाई पूरी की. वेलुमणि ने रिसर्च सेंटर में 14 साल तक नौकरी की.
शादी के बाद PF के पैसे से खोली कंपनी-
जॉब करने के दौरान वेलुमणि ने सुमति से शादी की. सुमति उस समय एसबीआई में काम करती थीं. वेलुमणि ने साल 1995 में थायराइड टेस्टिंग कंपनी थायरोकेयर टेक्नोलॉजीज की शुरुआत की. इस कंपनी की पहली कर्मचारी उनकी पत्नी थीं. उन्होंने इस कंपनी में काम करने के लिए एसबीआई की जॉब छोड़ दी थी. वेलुमणि ने कंपनी की पहली लैब मुंबई में खोली. इस कंपनी को खोलने के लिए वेलुमणि ने पीएफ के एक लाख रुपए का इस्तेमाल किया था.
दुनिया की सबसे बड़ी थायराइड टेस्टिंग कंपनी-
वेलुमणि की कंपनी तेजी से ग्रोथ करने लगी. शुरुआत में कंपनी में सिर्फ थायराइड की जांच होती थी. लेकिन जब कंपनी ग्रोथ करने लगी तो दूसरी बीमारियों की टेस्टिंग भी होने लगी. धीरे-धीरे कंपनी की लैब देश के अलग-अलग हिस्सों में खोले गए. आज कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी थायराइड टेस्टिंग कंपनी बन गई है. कंपनी का मार्केट कैप 3 हजार करोड़ से अधिक का हो गया है.
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