Union Budget 2022: अपने लिए आशियाने की उम्मीद लगाए लोगों के लिए गुड न्यूज़ है. यह अच्छी खबर इस बार के बजट से आ सकती है. खबर है कि केंद्र की मोदी सरकार इस साल के आम बजट में सस्ते घरों पर मिलने वाली डेढ़ लाख रुपये की अतिरिक्त टैक्स छूट को एक साल और बढ़ा सकती है. सरकार देश में मौजूदा कोरोना संकट के मद्देनजर साल 2022 तक सबको घर मुहैया कराने के लक्ष्य में बाधा को देखते हुए ऐसा फैसला कर सकती है.
माना जा रहा है कि एक फरवरी 2022 को पेश हो जा रहे इस बार के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसका ऐलान कर सकती हैं. अगर ऐसा होता है तो यह योजना 31 मार्च 2023 तक प्रभावी हो जाएगी. ऐसा भी माना जा रहा है कि इस साल बजट में भी किफायती आवास, रियल एस्टेट और निर्माण पर सरकार ज्यादा जोर दे सकती है क्योंकि इससे घर खरीदारों को फायदा होने के साथ इससे जुड़े उद्योग को बढ़ावा मिलने से रोजगार के मौके भी पैदा होते हैं.
जानकार मानते हैं कि इस वक्त ब्याज दरें निचले स्तर पर हैं जो घर खरीदारों के लिए सुनहरा मौका है. ऐसे में अगर सरकार ब्याज छूट को बढ़ाने का फैसला करती है तो इस इंडस्ट्री को तेज रफ्तार मिलेगी.
कौन है छूट का हकदार?
सस्ते घर की योजना के तहत ब्याज पर अतिरिक्त टैक्स छूट और सब्सिडी केवल उसी को मिल सकती है जो अपना पहला घर खरीद रहा हो. इसमें पति या पत्नी के नाम से पहले से घर होने पर छूट नहीं मिल सकती है. इसके अलावा इस घर की कीमत 45 लाख रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.
क्या है किफायती आवास योजना?
केंद्र की मोदी सरकार ने साल 2022 तक सबको घर मुहैया कराने के मकसद से साल 2015 में किफायती आवास योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का मकसद था देश के दो करोड़ लोगों को आवास मुहैया कराना. सरकार ने इस योजना के दायरे में अधिक से अधिक लोगों को लाने के लिए इसमें कई बदलाव किए हैं. इसमें लोगों की आमदनी के मुताबिक छूट मिलती है. इसमें तीन लाख रुपये तक, तीन से छह लाख रुपये तक, नौ से 12 लाख रुपये तक और 12 से 18 लाख रुपये तक सालाना आमदनी की शर्त रखी गई है.
2019 में बढ़ाई गई थी छूट
दो लाख रुपये के अलावा ब्याज पर अतिरिक्त 1.50 लाख रुपये तक की टैक्स छूट देने का पहली बार ऐलान जुलाई 2019 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था. तब से लेकर हर साल आम बजट में इसे एक साल के लिए बढ़ाया जाता रहा है. साल 2022 के बाद इसे बढ़ाये जाने की उम्मीद कम थी लेकिन कोरोना सकंट को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि वित्त मंत्री इस बार भी इसे एक साल के लिए बढ़ा सकती हैं.
45 लाख की सीमा हटाने की मांग
वैसे तो सस्ते आवास पर छूट के लिए केंद्र सरकार ने 45 लाख रुपये की सीमा लगा रखी है. लेकिन जानकारों का कहना है कि सस्ते घरों का फायदा अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए सरकार को 45 लाख रुपये की सीमा को हटा देना चाहिए. रियल एस्टेट इंडस्ट्री के लोग भी ऐसा ही चाहते हैं.