Union Budget for Farmers: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया 8वां बजट, जानें किसानों को क्या-क्या मिला?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए इस बजट में कृषि और ग्रामीण भारत के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है. नए मिशन और योजनाओं के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने, कृषि उत्पादन को प्रोत्साहित करने और देश को दालों और खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं.

Budget for Agriculture
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 01 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:21 PM IST
  • दालों में आत्मनिर्भरता के लिए बड़ा कदम
  • बिहार में मखाना बोर्ड का गठन

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2025 में कृषि क्षेत्र को मजबूती देने के लिए कई बड़े फैसले किए. किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और कृषि उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार 'धंधान्य कृषि योजना' शुरू करेगी, जिसका लाभ 1.7 करोड़ किसानों को मिलेगा. इस योजना के साथ ही मखाना किसानों के लिए एक विशेष बोर्ड बनाने, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की सीमा बढ़ाने, उन्नत बीज मिशन और कपास उत्पादन के लिए पांच साल की योजना लागू करने की घोषणा की गई है.  

1.7 करोड़ किसानों को फायदा देगी ‘धंधान्य कृषि योजना’  
कृषि क्षेत्र को अधिक अवसर देने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार राज्यों के साथ मिलकर 'धंधान्य कृषि योजना' लॉन्च करेगी. वित्त मंत्री ने बताया कि इस योजना का उद्देश्य कृषकों को अधिक अवसर उपलब्ध कराना और कृषि उत्पादन में सुधार लाना है. यह योजना 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ पहुंचाएगी.  इसमें किसानों को बेहतर तकनीक, नए कृषि उपकरण और वित्तीय सहायता दी जाएगी.  इसका फोकस स्थायी कृषि विकास पर होगा, जिससे किसानों की आमदनी में बढ़ोतरी होगी.  

दालों में आत्मनिर्भरता के लिए बड़ा कदम
भारत को दालों में आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने छह साल के विशेष मिशन की घोषणा की है. तुअर, उड़द और मसूर दालों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियां अगले चार वर्षों तक इनकी खरीद करेंगी. इससे दाल उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन मिलेगा और घरेलू बाजार में कीमतों को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी. 

उन्नत बीजों के लिए राष्ट्रीय मिशन  
कृषि उत्पादन बढ़ाने और किसानों को उन्नत तकनीकों से जोड़ने के लिए केंद्र सरकार उन्नत बीजों पर राष्ट्रीय मिशन शुरू करेगी.  इस मिशन के तहत उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी. किसानों को सही बीजों का चयन, मिट्टी परीक्षण और वैज्ञानिक खेती के बारे में जानकारी दी जाएगी. इससे किसानों की फसल उत्पादन क्षमता बढ़ेगी और लागत कम होगी. 

बिहार में मखाना बोर्ड का गठन
बिहार में मखाना किसानों को बढ़ावा देने के लिए ‘मखाना बोर्ड’ स्थापित करने की घोषणा की गई है. यह बोर्ड मखाना उत्पादन और विपणन में सुधार लाने के लिए विशेष कदम उठाएगा, जिससे किसानों की आय बढ़ेगी.

पीएम धन-धान्य योजना से कृषि को बढ़ावा
पीएम धन-धान्य कृषि योजना के तहत:

  • 100 जिलों को कवर किया जाएगा.
  • 1.7 करोड़ किसानों को सीधा लाभ मिलेगा.
  • राज्यों के साथ मिलकर यह योजना चलाई जाएगी.
  • इससे कृषि उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आमदनी में सुधार होगा.
  • राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन

सरकार ने ‘राष्ट्रीय उच्च पैदावार बीज मिशन’ की घोषणा की है, जिसके तहत किसानों को ज्यादा उपज देने वाले बीज उपलब्ध कराए जाएंगे. इस योजना से फसल उत्पादन में वृद्धि होगी और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा.

खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य
सरकार ने खाद्य तेल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना की घोषणा की है, जिससे भारत को खाद्य तेल के आयात पर निर्भरता कम करनी होगी. इससे किसानों को अधिक अवसर मिलेंगे और देश की खाद्य सुरक्षा मजबूत होगी.

कपास उत्पादन के लिए पांच साल का मिशन  
सरकार ने कपास उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पांच साल की राष्ट्रीय योजना शुरू करने की घोषणा की है.  किसानों को वैज्ञानिक मदद और उच्च गुणवत्ता वाले बीज दिए जाएंगे. इस योजना से कपास की निरंतर आपूर्ति बनी रहेगी, जिससे टेक्सटाइल उद्योग को भी मजबूती मिलेगी. सरकार का लक्ष्य है कि भारत कपास उत्पादन में वैश्विक स्तर पर अग्रणी बन सके.  

मछुआरों के लिए स्पेशल इकोनॉमिक जोन
मछुआरों के आर्थिक विकास को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने स्पेशल इकोनॉमिक जोन (SEZ) की घोषणा की है. इससे मत्स्य उद्योग को मजबूती मिलेगी और इस क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे.

बता दें, भारत मछली उत्पादन और जलीय कृषि में दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा देश है. इस क्षेत्र को और बढ़ावा देने के लिए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में विशेष ध्यान दिया जाएगा. सरकार का लक्ष्य है कि अंडमान और निकोबार को एक प्रमुख मत्स्य पालन केंद्र बनाया जाए. इससे स्थानीय मछुआरों और किसानों को बेहतर अवसर और उच्च आमदनी प्राप्त होगी.  

किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा बढ़ी
किसानों को सस्ती दरों पर कर्ज उपलब्ध कराने के लिए किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया है. इससे किसानों को कृषि से जुड़े उपकरण और उर्वरक खरीदने में मदद मिलेगी. ब्याज दरों में छूट मिलने से किसान बेहतर फसल उत्पादन के लिए निवेश कर सकेंगे. छोटे और सीमांत किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने में यह कदम महत्वपूर्ण साबित होगा.

 

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