देश में डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए एक नयी योजना को मंजूरी दी गयी है. अब ग्राहकों को डिजिटल ट्रांजेक्शन करते हुए छूट दी जाएगी. कैबिनेट ने बुधवार को रुपे डेबिट कार्ड (Rupay Debit Card) और भीम-यूपीआई ट्रांजैक्शन का उपयोग करने वाले पर्सन टू मर्चेंट (P2M) को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना को मंजूरी दी गयी है. इस योजना के तहत बैंकों को रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई से किए गए ट्रांजेक्शन फीस का कुछ प्रतिशत इंसेंटिव के रूप में सरकार द्वारा दिया जायेगा. व्यक्तियों द्वारा कारोबारियों को किए गए डिजिटल पेमेंट पर लगाई गई ट्रांजेक्शन फीस को लौटाएगी.
आपको बता दें, 2021-22 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए कई एलान किए थे. उसी एलान के तहत इस स्कीम को अब मंजूरी दी गयी है.
स्कीम पर आएगा 1,300 करोड़ रुपये का खर्च
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग वैष्णव ने बताया कि स्कीम पर लगभग 1,300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा. इस योजना का एलान डिजिटल ट्रांजेक्शन को बूस्ट देने के लिए किया गया है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट मीटिंग में कहा, “हम सबने तेजी से डिजिटल पेमेंट को अपनाया है. भारत ने अपना रुपे कार्ड का ईजाद किया. इसको और बेहतर कैसे बनाया जाए इसके लिए अब मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) में पर्सन तो मर्चेंट वाला जो हिस्सा होता है, उसको भारत सरकार रुपे डेबिट कार्ड और यूपीआई पेमेंट के लिए बैंकों को रीइम्बर्स करेगी. यानि आगामी 1 साल में 1300 करोड़ के आसपास इन्वेस्ट करेगी. जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग डिजिटल पेमेंट की ओर बढें.”
एमडीआर क्या है?
दरअसल, मर्चेंट डिस्काउंट रेट (Merchant Discount rate) डिजिटल पेमेंट में लगने वाले सभी टैक्स और चार्ज का कुल योग होता है. जैसे एमडीआर में बैंक चार्ज शामिल हैं, जो एक बैंक ग्राहकों और व्यापारियों से डिजिटल रूप से पेमेंट करने की अनुमति देने के लिए टैक्स लेता है. इसी तरह, एमडीआर में प्रोसेसिंग चार्ज भी शामिल होता है जो पेमेंट एग्रीगेटर को ऑनलाइन या मोबाइल वॉलेट या बैंकों को उनकी सेवा के लिए भुगतान करना पड़ता है.
ग्राहकों को कैसे मिलेगा फायदा?
आपको बता दें, सरकार इस स्कीम के तहत डेबिट कार्ड और BHIM-UPI के जरिए 2,000 रुपये तक के पर्सन टू मर्चेंट (P2M) लेनदेन पर इंसेंटिव देगी. इस स्कीम को 1 अप्रैल 2021 से लागू प्रभावी माना जाएगा. गौरतलब है कि इससे एक तरफ जहां बैंकों के डिजिटल पेमेंट सिस्टम को मजबूती मिलेगी, वहीं रुपे डेबिट कार्ड और भीम-यूपीआई डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा मिलेगा. और देश में एक बेहतर डिजिटल पेमेंट इकोसिस्टम बनाने में मदद मिलेगी.