अमेरिका में बढ़ी भारत के लैब में बने हीरे के निर्यात की मांग, 8 अरब डॉलर तक पहुंचा बिनजेस

हीरों का बिजनेस में प्रयोगशाला में बन रहे हीरे काफी फायदा पहुंचा रहे हैं. रितेश शाह ने कहा कि हीरो को बनाने में कम कार्बन-फुटप्रिंट, साइज और अच्छी गुणवत्ता खरीदारों को खूब आकर्षित करती है. और सबसे बड़ा खरीदार अमेरिका है.

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gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 9:40 PM IST

दुनिया में भारत हीरों का सबसे बड़ा निर्यातक है. अमेरिका में बेचे जाने वाले हीरों में करीब 90 प्रतिशत हीरो की पॉलिशिंग भारत में ही की जाती है. अब इन हीरों का कारोबार और बढ़ने वाला है. दरअसल जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के वाइस चेयरमैन विपुल शाह का कहना है कि पॉलिश किए हुए लैब से तैयार किए गए हीरों का निर्यात 1 अप्रैल से शुरू हो गया है, और इससे ये बिजनेस चालू  वित्त वर्ष में दोगुना हो सकता है.

फिल्हाल प्रयोगशालाओं में बनाए गए हीरे बाजार के एक छोटे से हिस्से में ही बेचे जा रहे हैं, सिर्फ भारत की बात करें तो पिछले साल लगभग 24 बिलियन नेचुरल हीरों को पॉलिश करके बेचा गया था. शाह ने कहा कि पॉलिश किए हुए हीरों को बेचे जाने की सबसे बड़ी वजह फैशन के तौर पर इसे पहनना है. 

लैब-निर्मित हीरे को माइक्रोवेव  में रखे कार्बन सीड  से बनाया जाता है और एक चमकदार प्लाज्मा बॉल में डाल कर उसे और ज्यादा चमकदार बनाया जाता है. ये प्रोसेस हीरों को एक हफ्ते में  और भी ज्यादा क्रिस्टलाइज बनाती है. 

जीजेईपीसी के आंकड़ों से पता चलता है कि अप्रैल-जुलाई की अवधि में भारत में पॉलिश किए गए लैब में बने हीरों का निर्यात लगभग 70% बढ़कर 622.7 मिलियन डॉलर हो गया है. वहीं इस दौरान कटे और पॉलिश किए गए हीरे लगभग 3 प्रतिशत  गिरकर 8. 2 बिलियन डॉलर हो गए. 


एएलटीआर के निदेशक रितेश शाह ने कहा, " हीरों का बिजनेस में प्रयोगशाला में बन रहे हीरे काफी फायदा पहुंचा रहे हैं.  रितेश शाह ने कहा कि  हीरो को बनाने में कम कार्बन-फुटप्रिंट, साइज  और अच्छी गुणवत्ता खरीदारों को खूब आकर्षित करती है. और सबसे बड़ा खरीदार अमेरिका है. 

उन्होंने कहा किसाल  2000  में ,  प्रयोगशालाओं में हीरे बनाने वाली कुछ ही कंपनिया थी अब इन कंपनियों की सख्यां बढ़ कर 25 हो गयी है . GJEPC के मुताबिक  प्रयोगशाला में बनने वाले हीरों के दुनिया भर के उत्पादन  में देश का योगदान लगभग 15% है. 

भारत में इतना बड़ा है हीरों की कटिंग-पॉलिशिंग का कारोबार

एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया के लगभग 95 प्रतिशत हीरों की कटिंग और पॉलिशिंग भारत में होती है.  गुजरात के सूरत को रफ डायमंड की कटिंग और पॉलिशिंग का हब माना जाता है. पिछले साल भारत से कट और पॉलिश्ड किए गए हीरों का कुल  निर्यात 25.47 अरब अमेरिकी डॉलर था. भारत के गोल्ड व डायमंड ट्रेड ने जीडीपी में हिस्सेदारी 7.5 फीसदी दी थी. बता दें कि वित्त वर्ष 2021-22 भारतीय हीरा उद्योग ने 24 अरब डॉलर के बिजनेस का लक्ष्य  रखा है. 

 

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