उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) की खरीद को बढ़ावा देने के लिए अहम फैसला लिया है. सरकार ने अपनी इलेक्ट्रिक वाहन नीति (UP Electric Vehicle Policy) को 2027 तक बढ़ाने का फैसला लिया है. सरकारी अधिसूचना के अनुसार, इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को 5,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है, जबकि चार पहिया इलेक्ट्रिक वाहनों को एक लाख रुपये की छूट मिलती है.
यूपी में हुआ खास आवंटन
सीएनबीसी-टीवी18 की एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने दो लाख वाहनों को सब्सिडी देने के लक्ष्य के साथ दोपहिया वाहनों के लिए 100 करोड़ रुपये अलग रखे हैं. जबकि 4-पहिया वाहनों के लिए 250 करोड़ रुपये का बजट रखा है. निजी इलेक्ट्रिक बसों की खरीद पर 20 लाख रुपये तक की छूट मिलेगी. बिजली से चलने वाले थ्री-व्हीलर खरीदने पर 12,000 रुपये की सब्सिडी भी दी जाएगी.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि पिछले हफ्ते हाइब्रिड गाड़ियों को दी गई सब्सिडी अब भी बरकरार है. हालांकि राज्य सरकार ने अभी तक उन वाहनों की कीमत की सीमा पर सफाई जारी नहीं की है जो यह सब्सिडी पा सकेंगी. पिछले हफ्ते, यूपी ने हाइब्रिड वाहनों पर सड़क करों की पूर्ण छूट की घोषणा की थी.
हालांकि बाद में, राज्य ने एक स्पष्टीकरण जारी किया और कहा कि केवल एक निश्चित मूल्य सीमा तक की कारों को ही छूट मिलेगी. राज्य सरकार के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, टोयोटा और महिंद्रा समूह सहित वाहन निर्माताओं से भी मुलाकात की.
क्या कहती है केंद्र सरकार की पॉलिसी?
केंद्र सरकार अपनी 'फेम-3' स्कीम (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicles in India) के तहत हर इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर 15 प्रतिशत तक छूट देती है. इसके अलावा अप्रैल 2024 में केंद्र ने इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को प्रोत्साहित करने के लिए ईएमपी स्कीम (Electric Mobility Promotion Scheme 2024) भी शुरू की है.
नई स्कीम के तहत, केंद्र सरकार 3.33 लाख दोपहिया वाहनों की खरीद को 10,000 रुपए की छूट देगी. ई-रिक्शा और ई-कार्ट खरीदने वाले 41,000 लोगों को 25,000 तक की छूट दी जाएगी. बड़े तीन पहियों वाले वाहन खरीदने पर 50,000 तक की छूट मिलेगी.