उत्तर प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़ा बढ़ावा देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि 2030 तक राज्य सरकार के सभी वाहनों को धीरे-धीरे ईवी से बदल दिया जाएगा. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए सभी विभागों को कहा गया है कि ईवी की खरीद बिना टेंडर के, नामांकन के आधार पर की जा सकती है और जरूरत पड़ने पर ईवी की खरीद के लिए निर्धारित अधिकतम सीमा से ज्यादा खर्च भी किया जा सकता है.
मुख्य सचिव डीएस मिश्रा द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि बिना टेंडर के नामांकन के आधार पर ईवी की खरीदी की जाए और शासकीय उपयोग के लिए वाहनों की खरीद की मौजूदा ऊपरी सीमा में छूट दी जाए. अगर 2030 तक यूपी इस लक्ष्य को पूरा कर लेता है तो औसा करने वाला यह देश का पहला राज्य होगा.
ईवी को बढ़ावा देने के लिए किए गए प्रावधान
राज्य में ईवी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने कुछ जरूरी प्रावधान किए हैं. हम जानते हैं कि ईवी वाहन वर्तमान में डीजल और पेट्रोल वाहनों की तुलना में अधिक महंगे हैं और इसलिए, उनकी खरीद पर एक्स्ट्रा खर्च की अनुमति देने की जरूरत है. हालांकि, ईवी इस्तेमाल करने से आने वाले समय में ईंधन पर होने वाली बचत से इसकी भरपाई हो जाएगी.
एक अधिकारी ने आगे बताया कि सरकारी वाहनों को जीईएम पोर्टल पर टेंडर के माध्यम से खरीदा जाता है और ईवी कंपनियां इस पर पंजीकृत नहीं होती हैं. इसीलिए बिना टेंडर के नामांकन के आधार पर राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंट लिमिटेड और एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड आदि सरकारी एजेंसियों से ईवी की खरीद की अनुमति देने का प्रावधान किया गया है.
टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस से मिलेगी 100 फीसदी छूट
सीएस की ओर से जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि विभागों की ओर से कर्मचारियों को चौपहिया व दुपहिया समेत वाहनों की खरीद के लिए जो एडवांस दिया जाता है, उसमें ईवी भी शामिल हो. इसके लिए हर विभाग को जल्द से जल्द जरूरी निर्देश जारी करने को कहा गया है.
राज्य सरकार ने 14 अक्टूबर 2022 को उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रिक व्हीकल मैन्युफैक्चरिंग एंड मोबिलिटी पॉलिसी 2022 अधिसूचित की थी. इसके तहत पॉलिसी के पहले तीन साल तक टैक्स और रजिस्ट्रेशन फीस से 100 फीसदी छूट का प्रावधान किया गया है. यूपी में निर्मित ईवी की खरीद पर छूट पांच साल के लिए मान्य होगी.
सरकार ईवी के फैक्टरी मूल्य पर 15% सब्सिडी भी दे रही है. इसके अलावा केंद्र भी ईवी पर छूट दे रहा है. केंद्र और राज्य की मदद से दोपहिया ईवी की कीमत में 20,000 रुपये की कमी आएगी, जबकि इलेक्ट्रिक कार की कीमत में 1 लाख रुपये की कमी आने की संभावना है.