एक बिजनेसमैन की वाइफ को बचपन से ड्रेसमेकिंग में दिलचस्पी थी. शादी के बाद वो घर संभालने लगी. लेकिन उनके मन में खुद का बिजनेस खड़ा करने का आइडिया आया. पति ने साथ दिया, लेकिन इसके साथ ही एक शर्त भी जोड़ दी. पति ने लोन लेकर और अलग कारोबार करने की सलाह दी. महिला ने इस चुनौती को स्वीकार किया और खुद के आइडिया को जमीन पर उतारने के लिए लोन लिया और एक किराए की बिल्डिंग में ऑफिस खोला. धीरे-धीरे कारोबार बढ़ने लगा. आज वी-स्टार क्रिएशन्स (V-Star Creations) इनरवियर आइटम्स के लिए एक जाना-पहचाना नाम है. इस कंपनी की शुरुआत शीला कोचौसेफ ने की थी. साल 2017 में शीला को फोर्ब्स एशिया की 50 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में जगह मिली.
लोन और किराए के ऑफिस से बिजनेस की शुरुआत-
शीला कोचौसेफ चित्तिलापिल्लई (Sheela Kochouseph Chittilappilly) ने अपना बिजनेस शुरू करने के लिए लोन लिया और एक किराए की बिल्डिंग में ऑफिस बनाया. उन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत वी-स्टार सलवार कमीज से की. लेकिन धीरे-धीरे जब कारोबार में आगे बढ़ी तो उनको पता चला कि इनरवियर आइटम्स के लिए मार्केट में ज्यादा संभावनाएं हैं. साल 1995 में 20 लाख रुपए उधार लेकर अपना कारोबार शुरू किया था. उन्होंने वी-स्टार क्रिएशन्स नाम से कंपनी बनाई. शुरू में उनके इस आइडिया को खूब मजाक उड़ाया गया. लेकिन जल्द ही समको समझ आ गया कि शीला का आइडिया मार्केट में धूम मचाने वाला है.
10 कर्मचारियों से बिजनेस की शुरुआत-
शुरुआत में इस कंपनी में 10 कर्मचारी थे. आज कंपनी इनरवियर और लाइफस्टाइल उत्पादों के क्षेत्र में एक बड़ा नाम है. कंपनी 125 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार करती है. इस कंपनी का कारोबार केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक जैसे राज्यों में फैला हुआ है. कंपनी ब्रा, पैंटी, पुरुषों के इनरवियर और बच्चों के कपड़े बनाती है.
कारोबारी घराने से हैं शीला-
वी-स्टार क्रिएशन्स की संस्थापक और एमडी शीला कोचौसेफ केरल की रहने वाली हैं. उनका संबंध एक कारोबारी घराने से है. उनके पिता एक कारोबारी थे. शीला की शादी बिजनेस मैग्नेट और वी-गार्ड इंडस्ट्रीज के संस्थापक कोचौसेफ थॉमस चित्तिलापिल्लई से हुई. लेकिन कारोबार शुरू करने के लिए शीला ने पति से कोई मदद नहीं ली. उन्होंने उधार के पैसे से अपने बिजनेस की शुरुआत की और इसे एक सफल कंपनी में बदल दिया. साल 2017 में शीला कोचौसेफ का नाम फोर्ब्स एशिया की 50 सबसे शक्तिशाली महिलाओं की लिस्ट में शामिल किया गया. शीला कोचौसेफ एक शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं.
ये भी पढ़ें: