Most Expensive Stock: शेयर बजार में पल-पल उतार-चढ़ाव आते रहता है. किसी कंपनी का शेयर तेजी से चढ़ता है तो किसी का लुढ़कता है. 29 अक्टूबर दिन मंगलवार को एक स्मॉल कैप कंपनी के शेयर ने इतनी उछाल भरी कि सब कोई हैरान रह गया.
स्मॉल कैप कंपनी एल्सिड इन्वेस्टमेंट लिमिटेड (Elcid investment Limited), जिसका शेयर 3-4 रुपए के भाव पर ट्रेड कर रहा था, उसमें एक दिन में 66,92,535 प्रतिशत की उछाल आई और शेयर का भाव बढ़कर ₹2,36000 पर पहुंच गया. इस तरह से बाजार के सबसे महंगे शेयर MRF को पछाड़कर एल्सिड इन्वेस्टमेंट का शेयर देश का सबसे महंगा शेयर बन गया है.
क्या होती है स्मॉल कैप कंपनी
यदि आप शेयर बाजार में पैसा निवेश करते हैं तो आपने स्मॉल कैप, मिड कैप और लॉर्ज कैप कंपनियों के बारे में सुना होगा. 500 करोड़ रुपए या उससे कम बाजार पूंजीकरण वाली कंपनियों को स्मॉल कैप कंपनियां कहा जाता है.
स्टॉक एक्सचेंज लिस्ट (Stock Exchange List) में शामिल पहली 100 कंपनियां लार्ज कैप, 101-250 के बीच मिड कैप और लिस्ट में शामिल 251 से ऊपर की कंपनियां स्मॉल कैप होती हैं. हमारे देश की 95 प्रतिशत से ज्यादा कंपनियां स्मॉल कैप में शामिल हैं. अधिकतर भारतीय स्मॉल कैप कंपनियों में ही पैसा लगाते हैं क्योंकि इनमें ग्रोथ की संभावना ज्यादा होती है. स्मॉल कैप कंपनियां ही बाद में मिड कैप और लार्ज कैप में शामिल हो जाती हैं.
शेयर खरीदते समय इन बातों का रखें ध्यान
स्मॉल कैप कंपनियों में हाई रिस्क और हाई रिटर्न दोनों की संभावना बनी रहती है. यदि आप इन कंपनियों के शेयर में पैसा निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं तो कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. ऐसा करेंगे तो आपको मुनाफा मिलने की संभावना बनी रहेगी. किसी भी स्मॉल कैप कंपनी के शेयर में पैसा निवेश करने से पहले उस कंपनी के बारे में अच्छी तरह से जांच-परख कर लेना चाहिए. जैसे कंपनी का विजन, बिजनेस मॉडल, उस कारोबार को लेकर भविष्य की संभावनाएं और प्रमोटर्स का अनुभव आदि.
कंपनी की वित्तीय स्थिति का अध्ययन अवश्य करें
सबसे जरूरी आप स्मॉल कैप कंपनी की वित्तीय स्थिति का अध्ययन अवश्य करें. यह जरूर देखें कि कंपनी का पिछले पांच सालों में ग्रोथ कैसा रहा है. हर साल कितना मुनाफा हुआ है और निवेशकों को कितना फायदा हुआ है. स्मॉल कैप कंपनियों के शेयर में पैसा लगाने से पहले प्राइस अर्निंग रेशियो और प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो को जरूर देखें.
यदि प्राइस अर्निंग रेशियो की वैल्यू कम है तो इसका अर्थ है कि इसमें ग्रोथ की गुंजाइश बहुत ज्यादा है. प्राइस टू बुक वैल्यू रेशियो यदि कम है तो आपको समझना चाहिए कि इसका स्टॉक अंडरवैल्यूड है. आप इन कंपनियों के शेयर में पैसा लगाने से पहले यह भी जरूर देखें कि इस कंपनी की देनदारी कितनी है. आपको मालूम हो कि स्मॉल कैप निवेश आक्रामक निवेशकों के लिए है. यदि बाजार की हर मंदी आपको डराती है तो इनमें पैसा लगाने से दूर रहें. आपको कम-फ्री फ्लोट वाले शेयरों से दूर रहना चाहिए. फ्री-फ्लोट मतलब है कि किसी कंपनी के कितने शेयर खरीद और बिक्री के लिए उपलब्ध हैं. यदि किसी शेयर का फ्री फ्लोट कम है तो इसमें आपको पैसे नहीं लगाने चाहिए.
स्मॉल कैप कंपनियों में पैसे निवेश करने के फायदे
1. स्मॉल कैप कंपनियों की ग्रोथ करने की संभावना अधिक रहती है.
2. इन कंपनियों की शेयरों पर म्यूचुअल फंड हाउस भी बेहतर रिटर्न के लिए दांव लगाते हैं.
3. स्मॉल कैप कंपनियों की शेयरों में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड हाउस स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड ऑफर करते हैं.
4. आप स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड में निवेश करके कम अवधि में डबल डिजिट रिटर्न हासिल कर सकते हैं.
5. मिड कैप और लॉर्ज कैप शेयरों की तुलना में स्मॉल कैप कंपनियों के शेयर कम वैल्यूएशन वाले होते हैं.
6. स्मॉल कैप शेयर स्टॉक मार्केट में तेजी के दौर में मिड कैप और लार्ज कैप शेयर की तुलना में बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं.
7. स्मॉल कैप कंपनियों के शेयर बाजार के कमजोर होने पर खरीदने चाहिए.
8. स्मॉल कैप कंपनियों के शेयर में हाई रिटर्न के साथ हाई रिस्क भी होता है. इन कंपनियों के शेयर खरीदने के बाद लगातार अपने निवेश पर नजर बनाए रखें.
9. किसी भी कंपनी के शेयर में निवेश करने से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.