क्या है Doge, Dogecoin और Shiba Inu, जानिए कैसे मजाक में शुरू की गई क्रिप्टोकरेंसी ने कई लोगों की बदली थी जिंदगी

सोमवार रात से यूजर्स को अपने ट्विटर अकाउंट पर नीली चिड़िया की जगह एक डॉगी नजर आने लगा. इस Logo को देखकर यूजर्स हैरान हो गए. थोड़ी देर में ये सवाल सोशल मीडिया पर छा गया कि ये मजाक है या हकीकत. लेकिन थोड़ी ही देर में एलन मस्क ने एक ट्विट किया जिसके बाद ये स्पष्ट हो गया कि लोगो वाकई बदल गया है.

Dogecoin
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 04 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST
  • मजाक में शुरू हुई थी डोगेकॉइन क्रिप्टोकरेंसी
  • 2013 में पॉपुलर हुआ था डोगे मीम

आज से Twitter का Logo भी बदला बदला नजर आ रहा है. देर रात से ट्विटर से नीली चिड़िया गायब हो गई है. इस बदलाव के बाद से यूजर्स काफी हैरान हैं. क्योंकि नीली चिड़िया की जगह एलन ने 'डॉगी' को अपना नया लोगो बनाया है. इसको लेकर ट्विटर के मालिक एलॉन मस्क ने एक ट्वीट भी किया है. जिसके बाद माना जा रहा है कि अब डॉगी ही ट्विटर का नया लोगो होगा. हालांकि अभी भी इस Logo को लेकर ज्यादातर लोग कंफ्यूज नजर आ रहे हैं. थोड़ी देर में ये सवाल सोशल मीडिया पर छा गया कि ये मजाक है या हकीकत. देखते ही देखते ट्विटर पर हैशटैग DOGE ट्रेंड करने लगा. यूजर्स को लगा था कि ट्विटर को किसी ने हैक कर लिया है. लेकिन इसके कुछ देर बाद ही एलॉन मस्क ने एक ट्वीट किया, जिससे ये स्पष्ट हो गया कि ट्विटर ने अपना लोगो बदल दिया है. ट्विटर के इस बड़े फैसले के बाद Dogecoin क्रिप्टोकरेंसी की भी खूब चर्चा हो रही है.

क्या है Dogecoin क्रिप्टोकरेंसी?
Dogecoin एक क्रिप्टोकरेंसी है, जिसे सॉफ्टवेयर इंजीनियर बिलि मारकस और जैक्सन पॉल्मर ने बनाया था. आप में कई बात शायद ये जान कर हैरान होंगे कि इस क्रिप्टो करेंसी की शुरुआत बिटकॉइन का मजाक उड़ाने के लिए किया गया था. दरअसल उस वक्त क्रिप्टोकरेंसी नई ही थी, और उसको लेकर तमाम तरह के अनुमान लगाए जा रहे थे. उस वक्त इन दोनों सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने इस मीम कॉइन को क्रिएट किया. फिर ये पहला डॉग कॉइन भी बन गया. एक मीम कॉइन के बावजूद भी कुछ लोगों ने इस करेंसी में निवेश करना शुरू कर दिया. Dogecoin के लोगो में डोगे मीम और शीबा इनु कुत्ते का चेहरा दिखता है. 

इस कॉइन को 6 दिसंबर, 2013 में क्रिएट किया गया था, और देखते ही देखते इस कॉइन ने अपनी ऑनलाइन कम्युनिटी बना ली. फिर 5 मई, 2021 को इस कॉइन की मार्केट वैल्यू 85 मिलियन डॉलर पहुंच गई. Dogecoin.com इस करेंसी को फन और फ्रेंडली इंटरनेट करेंसी की तरह प्रमोट करता है. डोगेकॉइन का ट्रांजैक्शन प्रोसेस भी बिटकॉइन के मुकाबले में काफी फास्ट है, जहां डोगेकॉइन को कन्फर्म होने में 1 मिनट का समय लगता है, वहीं बिटकॉइन को पूरे 10 मिनट लगते हैं.

क्या है Doge मीम?
Doge एक इंटरनेट मीम है, जो 2013 में काफी पॉपुलर हुआ था. इस मीम में काबुसो नाम की एक फीमेल शीबा इनु डॉग की पिक्चर होती है. इसकी शुरुआत तब हुई जब हांगकांग में एक 9 साल के डॉग की पिक्चर वायरल हो गई. उस फोटो में डॉग के एक्सप्रेशन इतने क्यूट थे, मानो वो अभी कुछ बोल पड़ेगा. फोटो के वायरल होते ही मीमर्स ने धड़ाधड़ मीम्स बनाना शुरू कर दिया. असल में जिस डॉग की फोटो वायरल हुई उसकी ब्रीड का नाम Shiba Inu है.  

जिसके ऊपर कॉमिक सान्स फॉन्ट में मीम कॉन्टेंट लिखा होता है. इस मीम में आमतौर पर एक मोनोलॉग टूटी-फूटी अंग्रेजी में लिखा होता है. ये मीम 2010 की एक फोटोग्राफ पर आधारित है, जो 2013 में 'नो योर मीम' नाम से टॉप मीम ऑफ द ईयर बना था. इसको लेकर अब भारत में भी काफी मीम्स शेयर होते हैं. मीमर्स इनको चीम्स नाम से बुलाते हैं. 

तेजी से बड़े हैं डोगे मीम्स
चीम्स की फैन फॉलोविंग बढ़ती ही जा रही है, लोगों को चीम्स इतना पसंद है की इससे जुड़े प्रोडक्ट्स की बाजार में अच्छी खासी डिमांड है. लेकिन इस मीम मटेरियल की शुरुआत कैसे हुई इसके पीछे की कहानी बड़ी दिलचस्प और मजेदार है. अब इंडियन मीमर्स ने भी इसके कई कैरेक्टर बनाए हैं, इन चिम्स की भाषा थोड़ा अंग्रेजी और हिंदी से अलग है. चिम्स में हमेशा शब्दों के बीच में जबरदस्ती एक 'M' एल्फाबेट डाला जाता है. जैसे अगर विधायक जी लिखना होगा तो अंग्रेजी में उसे 'Vimdhayak Ji' लिखा जाता है.

शीबा इनु ब्रीड की खासियत
शीबा इनु एक जापानी ब्रीड है. ये एक हंटिंग ब्रीड है. ये डॉग्स स्वभाव से काफी चंचल होते हैं, और काफी शांत होते हैं. ये कुत्ते ज्यादा भोंकते नहीं हैं, लेकिन अपनी हरकतों से आपका ध्यान अपनी ओर आकर्षित जरूर करते हैं. स्मॉल फैमिली के लिए ये डॉग एक काफी अच्छा ऑप्शन है.

 

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