Rule Of Budgeting: मिडिल क्लास के लिए बेहद काम का है 50:30:20 फार्मूला, खर्चे होंगे कंट्रोल, फ्यूचर के लिए कर पाएंगे सेविंग

कमाई कितनी भी हो, अगर शुरुआत से ही आपने बचत की आदत नहीं डाली है तो आप कितना भी कमा लें कभी भी पैसे नहीं बचा पाएंगे.

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अपूर्वा राय
  • नई दिल्ली,
  • 11 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST
  • 50:30:20 बचत नियम जानें
  • 50:30:20 रूल आपको बनाएगा फाइनेंशियली स्ट्रॉन्ग

लोग अक्सर यह कहते मिल जाएंगे कि महीने के आखिर तक आते-आते सारे पैसे खर्च हो जाते हैं. आमदमी अठन्नी और खर्चा रुपैया हो गया है. कितने भी पैसे आ जाएं, आखिर तक खत्म हो ही जाते हैं. दरअसल, कमाई कितनी भी हो, अगर शुरुआत से ही आपने बचत की आदत नहीं डाली है तो आप कितना भी कमा लें कभी भी पैसे नहीं बचा पाएंगे.

50-30-20 का बचत नियम आपकी इनकम को विभाजित करने की कला को आसान बनाता है ताकि आप कल की चिंता किए बिना आज का मजा ले पाएं. बजट का ये रूल बढ़ती महंगाई में आपको सिक्योर लाइफ देने में मदद कर सकता है. इस नियम को फॉलो करके आप रोजमर्रा की जिंदगी में अच्छी-खासी बचत कर सकते हैं. अगर आप बहुत ज्यादा खर्च करते हैं तो यह नियम आपके काम आ सकता है.

बजटिंग का 50-30-20 नियम क्या है?
50-30-20 एक बजट मेथड है जो आपकी इनकम को तीन कैटेगरी में डिवाइड करता है. ये रूल इस बात पर फोकस करता है कि आपको अपनी आय का 50% हिस्सा जरूरतों पर खर्च करना चाहिए. बचा हुआ 30% आवश्यकताओं के लिए रखना चाहिए और 20% हिस्से से बचत और निवेश करना चाहिए.

50-30-20 रूल को अमेरिकी सीनेटर और हार्वर्ड के पूर्व लॉ प्रोफेसर एलिजाबेथ वॉरेन ने बताया था. उन्होंने इस नियम को अपनी 2005 की किताब "ऑल योर वर्थ: द अल्टीमेट लाइफटाइम मनी प्लान" में पेश किया था.

50-30-20 रुल को ऐसे समझिए
वो जरूरी खर्चे जिन्हें आप टाल नहीं सकते, उनपर अपनी सैलरी का 50 प्रतिशत खर्च करें. जैसे हाउस रेंट, ईएमआई, बिजली बिल, फोन, इंटरनेट, ट्रैवल एक्पेंस, हेल्थ केयर और किराने का सामान. मान लीजिए आप महीने के 50,000 रुपये कमाते हैं तो रोजमर्रा की न टाली जाने वाली जरूरतों को पूरा करने में आपकी सैलरी का 50 % यानी 25 हजार रुपये खर्च होंगे.

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दूसरी कैटेगरी यानी 30 प्रतिशत में वो चीजें आती हैं जो जरूरी तो नहीं हैं लेकिन अपनी लाइफस्टाइल बेहतर करने के लिए लोग इनपर खर्च करते हैं.जैसे बाहर से खाना ऑर्डर करना, छुट्टियां बिताना, खरीदारी और मनोरंजन पर खर्च करना. अगर आप 50-30-20 नियम को फॉलो करते हैं तो 50,000 रुपये कमाने वाले व्यक्ति के महीने में इन जरूरतों पर 15 हजार खर्च होंगे.

सैलरी का 20 % हिस्सा करें सेव
सैलरी का बचा हुआ 20 % हिस्सा आप मेडिकल इमरजेंसी और भविष्य के लिए बचा कर रख सकते हैं. 50,000 रुपये महीना कमाने वाले शख्स के लिए 20% 10,000 रुपये होगा. यानी अगर आप 50 हजार की सैलरी में भी महीने में 10 हजार रुपये बचा पाते हैं तो यह आपके भविष्य को बेहतर करने में मदद कर सकता है.

50-30-20 का मतलब कंजूसी में जीवन बिताना नहीं बल्कि अपने पैसों का सही तरह से प्रबंधन है. अगर आप कहां, कब और कितना खर्च करना है, इस पर ध्यान देंगे तो निश्चित ही बजट बना पाएंगे. अब आप अपनी कमाई से बचत करने के लिए कुछ नियम अनुशासित होकर अपनाएं, ये जीवनभर काम देंगी.

 

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