बिना जुर्माने के आयकर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई 2023 को खत्म होने के बाद अब लोगों को अपने रिफंड का इंतजार है. यदि आपने टैक्स रिटर्न से जुड़े सारे काम निपटा लिए हैं. इसके बावजूद आपके खाते में टैक्स रिटर्न का रिफंड नहीं आया है तो आप परेशान न हों. कई बार इसमें देरी हो जाती है. यह देरी सरकार या टैक्स विभाग की वजह से नहीं होती, बल्कि रिटर्न भरे जाने में कुछ गड़बड़ी या कागजों की कमी के चलते देरी देखी जाती है. आइए आज जानते हैं किस प्रोसेस से रिफंड का पैसा आसानी से पाया जा सकता है.
रिफंड जारी करने की प्रक्रिया है काफी सरल
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने आईटीआर को प्रोसेस करने और रिफंड जारी करने की प्रक्रिया अब काफी सरल कर दी है. अब ज्यादातर टैक्सपेयर्स को आईटीआर भरने के महज 2 सप्ताह के भीतर रिफंड का पैसा मिलने लगा है. वैसे दो से छह महीने के अंदर रिफंड का पैसा मिल जाता है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की नई व्यवस्था के अनुसार, अब कोई भी टैक्सपेयर रिटर्न भरने के 10 दिनों के बाद रिफंड का स्टेटस चेक कर सकते हैं. टेक्नोलॉजी के एडवांस होने और प्रोसेस ऑनलाइन होने से रिफंड के लिए एवरेज प्रोसेसिंग टाइम में काफी कमी आई है.
रिफंड में देरी होने पर क्या करें
सबसे पहले अपना ई-मेल चेक करें. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने किसी तरह की कोई एडिशनल जानकारी के लिए मेल तो नहीं भेजा है. यदि आईटीआर स्टेटस से पता चलता है कि रिफंड एक्सपायर हो गया है, तो टैक्सपेयर रिफंड री-इश्यू करने का अनुरोध कर सकता है. यदि स्टेटस में 'रिटर्न्ड' दिखा रहा है, तो ई-फाइलिंग पोर्टल/आकलन अधिकारी के पास रिफंड रि-इश्यू रेज कर सकते हैं.
ऐसे चेक करें इनकम टैक्स रिफंड का स्टेटस
1. सबसे पहले आयकर विभाग की साइट http://www.incometax.gov.in पर जाएं.
2. यूजर आईडी और पासवर्ड डालकर लॉग इन करें.
3. माई अकाउंट पर क्लिक करें और रिफंड/डिमांड स्टेटस को खोलें.
4. ड्रॉप डाउन मेन्यू में इनकम टैक्स रिटर्न्स को सेलेक्ट करें.
5. अब एकनॉलेज नंबर पर क्लिक करें.
6. अब एक नया पेज ओपन होगा, जहां आईटीआर के सारे डिटेल्स दिख जाएंगे.
पैन कार्ड की मदद से ऐसे चेक करें स्टेटस
1. NSDL के डाइरेक्ट लिंक https://tin.tin.nsdl.com/oltas/servlet/RefundStatusTrack को खोलें.
2. अपना पैन नंबर डालें.
3. एसेसमेंट ईयर 2022-23 को सेलेक्ट करें.
4. सबमिट ऑप्शन पर क्लिक करें. इसके बाद आपको रिफंड का स्टेटस दिख जाएगा.
ऐसे पा सकते हैं रिफंड का पैसा
यदि आपको अभी तक टैक्स रिफंड का पैसा नहीं मिला है तो आइए कुछ उपाय और प्रोसेस जानते हैं जिनकी मदद से रिफंड का पैसा आसानी से पाया जा सकता है. इसके लिए आपको टैक्स विभाग के पास रिक्वेस्ट देनी होगी. इसका प्रोसेस कुछ यूं हैं.
1. सबसे पहले इनकम टैक्स पोर्टल www.incometax.gov.in पर लॉगिन करना होगा.
2. यहां सर्विसेज टैब पर क्लिक करें और रिफंड रीइश्यू को सेलेक्ट करें. यह ड्रॉप डाउन मेनू में दिखेगा.
3. रिफंड रीइश्यू रिक्वेस्ट बटन पर क्लिक करें (यह टैब तभी एक्टिव होगा अगर टैक्पेयर का रिफंड फेल हो गया हो).
4. क्रिए रिफंड रीइश्यू रिक्वेस्ट ऑप्शन का चयन करें. बॉक्स को टिक करें और एकनॉलेजमेंट नंबर को कंफर्म करें, कंटीन्यू बटन को दबाएं.
5. बैंक नेम को चेक करें जिसमें आप रिफंड का पैसा चाहते हैं. बॉक्स को टिक करें और प्रोसीड टू वेरिफिकेशन पर क्लिक करें.
6. रिफंड का पैसा केवल वैलिडेटेड बैंक अकाउंट में ही आएगा. इस अकाउंट का स्टेटस वैलिडेटेड दिखना चाहिए.
7. आपको अपने मौजूदा बैंक अकाउंट नंबर और ब्रांच के आईएफएससी कोड को देना होगा.
8. आधार ओटीपी के साथ डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट को ई-वेरिफाई करें.
9. आपको एक मैसेज दिखेगा जिसमें लिखा होगा सबमिटेड सक्सेसफुली. इसके साथ ट्रांजैक्शन आईडी भी होगी.
10. व्यू रिफंड रीइश्यू रिक्वेस्ट पर क्लिक करें.
इस तरीके से भी ले सकते हैं रिफंड
1. इनकम टैक्स पोर्टल के डैशबोर्ड पर जाएं और पेंडिंग एक्शन पर क्लिक करें.
2. एक नया टैब रिफंड रिमेनिंग अनपेड के नाम से नया टैब खुलेगा. इसके बाद रिफंड रीइश्यू पर क्लिक करें.
3. आपको एक अलग पेज पर भेजा जाएगा जहां आपको क्रिएट ए रिफंड रीइश्यू रिक्वेस्ट पर क्लिक करना होगा.
रिफंड में देरी के क्या हो सकते हैं कारण
1. गलत बैंक अकाउंट: बैंक अकाउंट नंबर या आईएफएससी कोड जैसी महत्वपूर्ण जानकारियों के गलत होने पर रिफंड नहीं मिलता है. पिछले दिनों में कई बैंकों को दूसरे बैंकों में मर्ज किया गया है. ऐसे में कई बैंकों के IFSC कोड बदल गए हैं. यदि आपने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अपने बैंक अकाउंट की जानकारी अपडेट नहीं की है तो आपका रिफंड अटक सकता है. www.incometax.gov.in पर जाकर बैंक डिटेल को घर बैठे ही अपडेट कर सकते हैं.
2. बैंक अकाउंट का प्री-वैलिडेट न होना: जिस बैंक खाते में इनकम टैक्स रिफंड आना है, उस बैंक खाते को प्री-वैलिडेट कराना जरूरी है. आयकरदाता को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद रिफंड इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर के जरिए मिलता है. यदि आपका बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट नहीं होगा तो रिफंड रुक सकता है.
3. ITR वेरिफाई न करना: कुछ आयकरदाता रिटर्न फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई नहीं करते. जब तक आप इसे वेरिफाई नहीं करेंगे, आपकी आईटीआर प्रोसेस नहीं होगी. इसलिए हमेशा आईटीआर को वेरिफाई करें ताकि रिफंड मिलने में देरी न हो.
4. आयकर विभाग को जवाब न देना: कई बार ऐसा होता है कि आयकर विभाग रिटर्न दाखिल करने के बाद आयकरदाता से कुछ जानकारियां मांग लेता है. यह जानकारी ई-मेल के माध्यम से मांगी जाती है. आयकर विभाग करदाताओं से उनकी बकाया मांग, बैंक अकाउंट तथा रिफंड में किसी तरह के अंतर के बारे में जानकारी मांग लेता है. इसकी जानकारी सही समय पर न देने पर भी रिफंड अटक सकता है.