केंद्र सरकार ने गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के तहत सोने में निवेश करने पर लोगों को लाभ देने के लिए 2015 में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम की शुरुआत की थी. बता दें कि इस योजना के तहत लोग गोल्ड में निवेश करके लाभ उठा सकते हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत भारतीय रिजर्व बैंक गोल्ड बॉन्ड की कीमत तय करता है. साल 2022-23 के लिए इस स्कीम की पहली सीरीज जून महीने में आई थी. वहीं इसकी दूसरी सीरीज की शुरुआत आज से शुरु हो गई है. इस सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम में 26 अगस्त तक निवेश किया जा सकता है.
स्कीम में कैसे कर सकते हैं इन्वेस्ट
कोई भी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम के तहत एक ग्राम सोना खरीद कर निवेश की शुरुआत कर सकता है. बता दें कि किसी एक वित्त वर्ष के दौरान इस स्कीम में ज्यादा से ज्यादा 4 किलो सोना खरीदा जा सकता है. एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार)और ट्रस्टों के लिए यह सीमा 20 किलो है.
स्कीम के तहत बॉन्ड की खरीददारी कैसे की जा सकती?
गोल्ड बॉन्ड की खरीद कमर्शियल बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, क्लीयरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, डाक घरों और मान्यता प्राप्त एक्सचेंजों जैसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के अलावा एजेंटों के जरिये की जा सकती है.
ऑनलाइन पेमेंट पर मिलेगी छूट
बता दें कि इस गोल्ड बॉन्ड की दूसरी सीरीज के तहत इसकी कीमत 5,197 रुपये प्रति ग्राम तय की गई है. जोकि पहली सीरीज के तहत 106 रुपये ज्यादा है. रिजर्व बैंक के अनुसार इस स्कीम में अगर कोई इन्वेस्टर ऑनलाइन पैसे लगाता है, तो उसे 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट मिलेगी. ऐसे में इस तरह के लोगों को केवल 5,147 रुपये प्रति ग्राम की दर से ही गोल्ड मिल जाएगा. इसमें 8 साल की लॉक-इन अवधि होगी, लेकिन पांचवे साल के बाद कभी भी इसे बेचा जा सकता है. नेट बैंकिंग, डिमांड ड्राफ्ट, और कैश के जरिए गोल्ड बॉन्ड खरीद के लिए पेमेंट किया जा सकता है.