दही, ब्रांडेड पनीर, शहद, मांस और मछली जैसी कई डिब्बा बंद चीजें बहुत जल्द महंगी होने वाली हैं. जीएसटी काउंसिल ने मंगलवार को हुई बैठक में कई कर दरों को सही करने और कुछ कर छूटों को वापस लेने का फैसला किया है. जिसके बाद खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने का फैसला किया गया. इसके अलावा चेक जारी करने के लिए बैंकों की तरफ से लिए जाने पर शुल्क पर भी जीएसटी देना पड़ेगा.
इन वजहों से लिया गया फैसला
ऐसा करने के पीछे बड़ी वजह इनफ्लेशन बताई जा रही है. बढ़ती महंगाई के बीच सरकार जीएसटी के रेवेन्यू को बढ़ाना चाहती है. इस अलावा ऐसा भी बताया जा रहा है कि जीएसटी परिषद ने राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की ज्यादातर सिफारिशों को मान लिया है. दरअसल काउंसिल के सामने जीएसटी दरों को रेशनल बनाने के लिए छूट वापस लेने को लेकर कई राज्यों के वित्त मंत्रियों के समूह की सिफारिशें आई थीं. जिसमें से ज्यादातर को स्वीकार कर लिया गया है. जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल थे.
GST इफेक्ट: क्या होगा सस्ता या महंगा?
ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ पर लग सकता है इतना जीएसटी
जीएसटी काउंसिल ने खाद्य तेल, कोयला, एलईडी लैंप, प्रिंटिंग / ड्राइंग स्याही, तैयार चमड़े और सौर वॉटर हीटर सहित कई मदों के लिए उल्टे शुल्क संरचना में सुधार की भी सिफारिश की गई थी. आज, अपनी बैठक के दूसरे और अंतिम दिन, काउंसिल केरल और दिल्ली सहित राज्यों से जून से आगे जीएसटी मुआवजे का विस्तार करने की मांग और ऑनलाइन गेमिंग, घुड़दौड़ और कसीनो पर एक समान 28% कर की दर लगाने के प्रस्ताव पर विचार करेगी.