कॉफी की जानी मानी दिग्गज कंपनी स्टारबक्स (Starbucks)ने भारतीय मूल के लक्ष्मण नरसिम्हन को अपना नया CEO नियुक्त किया है. वह हॉवर्ड शुल्त्स (Howard Schultz)की जगह लेंगे और 1 अक्टूबर को स्टारबक्स ज्वाइन करेंगे. हालांकि हॉवर्ड अप्रैल 2023 तक अंतरिम प्रमुख के रूप में बने रहेंगे. द वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, स्टारबक्स की चेयरमैन मेलोडी हॉब्सन ने कहा कि कंपनी का मानना है कि उसे लक्ष्मण के तौर पर अपना अगला सीईओ एक बहुत ही असाधारण व्यक्ति मिला है क्योंकि नरसिम्हन एक टेस्टेड लीडर हैं.
हॉब्सन ने वॉल स्ट्रीट जनरल के हवाले से कहा, "हमने नए सीईओ की सहायता के लिए शुल्त्स को अप्रैल 2023 तक अंतरिम सीईओ के रूप में बने रहने के लिए कहा है. वह कई स्थानों और सेल्स की दुनिया की सबसे बड़ी कॉफी चेन का अधिग्रहण करेंगे." इसके बाद से नरसिम्हन का नाम भारतीय मूल के उन सीईओ की सूची में शामिल हो गया है, जो विदेश में अपना डंका बजा रहे हैं. इसमें माइक्रोसॉफ्ट के सत्य नडेला, अल्फाबेट के सुंदर पिचाई, अडोब के शातनु नारायण, डेलोयट के पुनीत रंजन और फेड एक्स के राज सुब्रमण्यम शामिल हैं.
कौन हैं लक्ष्मण नरसिम्हन?
लक्ष्मण नरसिम्हन ने पुणे यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने पश्चिमी देशों का रुख किया. उन्होंने पेनसिल्वेनिया की यूनिवर्सिटी में द लॉडर इंस्टीट्यूट से जर्मन और इंटरनेशनल स्टडीज में मास्टर्स की डिग्री हासिल की. इसी के साथ उन्होंने Pennsylvania के द वार्टन स्कूल यूनिवर्सिटी से फाइनेंस में एमबीए किया.
नए सीईओ के बारे में आप कुछ खास बातें
1) लक्ष्मण नरसिम्हन रेकिट (Reckitt)के सीईओ थे, जो ड्यूरेक्स कंडोम, एनफैमिल बेबी फॉर्मूला और म्यूसिनेक्स कोल्ड सिरप भी बनाती है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, लक्ष्मण ने 1 सितंबर को उस पद से इस्तीफा दे दिया और एफटीएसई-सूचीबद्ध रेकिट के शेयर 4% गिर गए.
2) नरसिम्हन, जो अब स्टारबक्स के नए सीईओ हैं सितंबर 2019 में रेकिट में शामिल हुए थे. साल 1999 में इसके गठन के बाद से रेकिट में पदभार ग्रहण करने वाले वो पहले बाहरी उम्मीदवार थे.
3) उन्होंने ग्लोबल चीफ कॉमर्शियल ऑफिसर के तौर पर पेप्सिको में भी काम किया, जो रेडी-टू-ड्रिंक उत्पादों के लिए स्टारबक्स पार्टनर है. बिक्री में गिरावट के बाद कंपनी को पुनर्जीवित करने में मदद करने के बाद अपनी मैनेजमैंट स्टाइल के लिए रेकिट निवेशकों से उन्हें प्रशंसा भी मिली.
4) रेकिट के शेयरधारक गैबेली के पोर्टफोलियो मैनेजर आशीष सिन्हा ने कहा कि नरसिम्हन ने चीजों को ठीक करने के लिए रणनीति के लिए एक बहुत ही संतुलित और व्यवस्थित दृष्टिकोण अपनाया. उन्होंने कंपनी को तब संभाला जब उसकी हालत बहुत खराब थी.
5) ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार एक नियामक फाइलिंग के अनुसार, नरसिम्हन को सालाना आधार पर 1.3 मिलियन डॉलर का भुगतान किया जाएगा और उन्हें 1.6 मिलियन डॉलर नकद हस्ताक्षर बोनस और एक प्रतिस्थापन इक्विटी अनुदान 9.25 मिलियन डॉलर के लक्ष्य मूल्य के साथ इंसेंटिव के लिए तैयार किया जाएगा जिसे वह छोड़कर (रेकिट) जा रहे हैं.
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