Man Behind Amul Campaign: कौन थे Sylvester daCunha, जिन्होंने अमूल को दिया था आयकॉनिक Amul Girl Campaign

अमूल ब्रांड को अमूल गर्ल की पहचान देने वाले शख्स का नाम है सिल्वेस्टर दा कुन्हा. सिल्वेस्टर दा कुन्हा एक व्यापारी और मार्केटिंग स्पेशलिस्ट थे. वह महाराष्ट्र के मुंबई में जन्मे थे. उन्होंने मार्केटिंग और विज्ञापन के क्षेत्र में बहुत सारे जरूरी काम किए हैं.

सिल्वेस्टर दा कुन्हा
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2023,
  • अपडेटेड 11:45 AM IST
  • कंपनी को मिले थे कई लीगल नोटिस
  • अमूल गर्ल बनी ब्रांड की पहचान

अगर आप अमूल के प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करते हैं, तो आप अमूल गर्ल को जरूर जानते हैं, लेकिन क्या आप अमूल गर्ल बनाने के पीछे जो शख्सियत है, उसको जानते हैं. दरअसल उनका नाम है Sylvester Dacunha, जिन्होंने मंगलवार रात मुंबई में आखिरी सांस ली. अमूल इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर ने ट्वीट कर इसके बारे में जानकारी दी. उन्होंने लिखा, 'दा कुन्हा कम्युनिकेशंस के चेयरमैन सिल्वेस्टर दा कुन्हा के कल रात मुंबई में निधन के बारे में सूचित करते हुए बहुत दुख हो रहा है. भारतीय एडवरटाइजिंग इंडस्ट्री के एक दिग्गज जो 1960 के दशक से अमूल से जुड़े थे. अमूल परिवार इस शोक में शामिल है." 

अमूल गर्ल कैसे बनी ब्रांड की पहचान
गौरतलब है कि अमूल की सक्सेस में उसकी एडवरटाइजिंग कैंपेन का काफी बड़ा रोल है. नीले रंग के बाल, सफेद और लाल डॉट फ्रॉक पहनी अमूल गर्ल उसकी ब्रांड आइडेंटिटी बन चुकी है. अमूल की एडवरटाइजिंग कैंपेन 1966 में शुरू हुई थी. बॉम्बे एडवरटाइजिंग एजेंसी एंड सेल्स प्रमोशन को अमूल के हेड रहें Dr. Verghese Kurien ने ब्रांड कैंपन की जिम्मेदारी दी थी. वो दौर था जब टेलीविजन और प्रिंट मीडिया पर एडवर्टाइजमेंट काफी महंगे हुआ करते थे. ऐसे में एडवरटाइजिंग एजेंसी के क्रिएटिव हेड सिल्वेस्टर दा कुन्हा ने ज्यादा किफायती आउटडोर होर्डिंग्स के लिए एड कैंपेन तैयार करने का फैसला किया. उस समय एजेंसी में यूस्टेस फर्नांडीस आर्ट डायरेक्टर तौर पर मौजूद थे, जिन्होंने सिल्वेस्टर दा कुन्हा के साथ मिलकर अमूल गर्ल को क्रिएट किया. सिल्वेस्टर की पत्नी, निशा दा कुन्हा ने अमूल को 'अटरली बटरली अमूल' टैगलाइन दी. यह टैगलाइन भारतीय विज्ञापन की सबसे यादगार टैगलाइनों में से एक है.

कंपनी को मिले थे कई लीगल नोटिस
उस समय, अमूल के कॉम्पिटिटर ब्रांड पोलसन बटर की पहचान भी एक छोटी लड़की ही थी. ऐसे में अमूल गर्ल को इसके मुकाबले बनाया गया था. सिल्वेस्टर दा कुन्हा और उनकी टीम को अमूल गर्ल के एड से प्राप्त हुई सफलता के बाद, उन्होंने टॉपिकल एडवरटाइजिंग की शुरुआत की. इसके बाद सिल्वेस्टर दा कुन्हा और उनकी टीम को कई बार एड कैंपेन के लिए कानूनी नोटिस मिले, लेकिन उन्होंने कभी नहीं हार मानी और उन्होंने अपने एड के साथ अड़े रहे. एजेंसी को जगमोहन डालमिया, सुरेश कलमाड़ी, सत्यम कंप्यूटर्स और सुब्रत रॉय से जुड़े एडवर्टाइजमेंट के लिए भी कानूनी नोटिस मिले थे.

कौन थे सिल्वेस्टर दा कुन्हा
सिल्वेस्टर दा कुन्हा एक व्यापारी और मार्केटिंग स्पेशलिस्ट थे. वह महाराष्ट्र के मुंबई में जन्मे थे. उन्होंने मार्केटिंग और विज्ञापन के क्षेत्र में बहुत सारे जरूरी काम किए हैं. सिल्वेस्टर दा कुन्हा को अमूल दूध कंपनी के लिए जाना जाता है, जहां उन्होंने "अमूल गर्ल" कैंपेन की स्थापना की. इस कैंपेन में एक छोटी सी बच्ची को अमूल ड्रेस में दिखाया गया और उन एड्स के जरिए अलग-अलग मौकों पर अलग-अलग मैसेज दिया. ये कैंपेन अमूल ब्रांड की पहचान बन गया और लोग अमूल को उस अमूल गर्ल की वजह से पहचानने लगे. सिल्वेस्टर दा कुन्हा ने मुंबई में एडवरटाइजिंग एजेंसी देनीज और दा कुन्हा की स्थापना की. उन्होंने इस एजेंसी के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में विज्ञापन और प्रमोशनल एक्टिविटीज की शुरुआत की. सिल्वेस्टर दा कुन्हा ने अपने जीवनकाल में मार्केटिंग और विज्ञापन क्षेत्र में रहने के साथ-साथ एक सफल उद्यमी के रूप में अपनी पहचान बनाई. उन्होंने अमूल के ब्रांड को एक आदर्श ब्रांड बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और उन्हें काफी पहचान दिलाई.

 

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