देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) अब इस दुनिया में नहीं हैं. उनका 9 अक्टूबर 2024 को 86 वर्ष की उम्र में मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में निधन हो गया था. इसके बाद से उनकी संपत्ति किसे मिलेगी बड़ा सवाल बन गया है. इसका जवाब अब सामने आ गया है. आइए जानते हैं कि आखिर अरबों के मालिक रतन टाटा ने अपनी संपत्ति का कितना हिस्सा किसके नाम किया है.
कुल कितनी थी टाटा ग्रुप के चेयरमैन रतन टाटा की संपत्ति
हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, रतन टाटा के पास टाटा संस में करीब 0.83% हिस्सेदारी थी और उनकी कुल संपत्ति 7,900 करोड़ रुपए थी. जबकि अन्य संपत्ति मिलाकर उनकी अनुमानित संपत्ति 10,000 करोड़ रुपए थी. अब रतन टाटा की वसीयत सामने आई है. रिपोर्ट्स की मानें तो रतन टाटा ने अपनी वसीयत में पालतू डॉगी (Tito) का भी जिक्र किया है.
पालतू कुत्ते टीटो का जिक्र भी वसीयत में
रतन टाटा ने अपनी वसीयत में अपने जर्मन शेफर्ड पालतू कुत्ते टीटो का भी जिक्र किया है. जिसमें लिखा है कि टीटो की देखभाल उनके रसोइये राजन शॉ करेंगे. बता दें कि रतन टाटा ने अपने पिछले डॉग की मौत के बाद टिटो को गोद लिया था.
सांतनु का भी है नाम
रतन टाटा ने अपने एग्जीक्यूटिव असिस्टेंट शांतनु नायडू का नाम भी वसीयत में शामिल किया है. उन्होंने नायडू के कंपनियनशिप वेंचर गुडफेलो में अपनी हिस्सेदारी की है और सांतनु के विदेश में पढ़ाई का खर्च भी माफ कराया है.
इन पर था रटन टाटा को सबसे ज्यादा भरोसा
रिपोर्ट के अनुसार रतन टाटा की वसीयत में उनके करीबी पारिवारिक सदस्यों को भी हिस्सा मिला है. इसमें उनके भाई जिमी टाटा, उनकी सौतेली बहनें शिरीन और डीना जीजीभॉय शामिल हैं. इसके अलावा रतन टाटा के भरोसेमंद दोस्त बटलर सुब्बिया के नाम भी वसीयत में शामिल है.
जिमी टाटा
बता दें कि जिमी टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं. उनका जन्म 1937 में हुआ था और वे नवल टाटा के बेटे हैं. जिमी टाटा चर्चाओं से दूर बेहद साधारण जिंदगी जीते हैं. यहां तक कि वे मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते. हालांकि जिमी टाटा भले ही सादगी भरी जिंदगी जीते हों, लेकिन वे काफी संपत्ति के मालिक हैं, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा संस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस), टाटा पावर, इंडियन होटल्स और टाटा केमिकल्स सहित कई टाटा कंपनियों में उनकी बड़ी हिस्सेदारी है. इसके साथ ही वे रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी भी हैं.
शिरीन और डियना जीजीभॉय
बता दें कि शिरीन और डियना जीजीभॉय रतन टाटा की सौतेली बहने हैं. माना जाता है कि रतन टाटा अपनी इन छोटी बहनों से बहुत प्यार करते थे. डियना ने 40 साल से भी ज्यादा समय गरीब बुजुर्गों और दिव्यांग लोगों की मदद करने का काम किया है. फिलहाल, वे डिस्ट्रिक्ट बेनेवोलेंट सोसाइटी ऑफ बॉम्बे की ट्रस्टी हैं, जो बेसहारा बुजुर्गों के लिए काम करती है. इसके अलावा शिरीन के बारे में बहुत कम जानकारी है. हालांकि उनका रतन टाटा के साथ गहरा रिश्ता था.
बटलर सुब्बिया
रतन टाटा के करीबी दोस्तों में बटलर सुब्बिया शामिल थे. उन्होंने कई सालों तक रतन टाटा की सेवा की और उनके जीवन के हर पल में उनके साथ रहे. रतन टाटा की वसीयत में सुब्बिया का नाम शामिल होना इस बात का प्रमाण है कि रतन टाटा उन पर कितना भरोसा करते थे. माना जाता है कि बटलर सुब्बिया और रतन टाटा का संबंध करीब 30 साल पुराना था.
(ये स्टोरी यामिनी सिंह बघेल ने लिखी है. यामिनी Gnttv.com में बतौर इंटर्न काम कर रही हैं.)