देश के सबसे दिग्गज बिजनेसमैन और लोगों के फेवरेट आइकन रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर है. न सिर्फ बड़े राजनेता, अभिनेता, क्रिकेट जगत की हस्तियां बल्कि आम भारतीय भी रतन टाटा को श्रद्धांजलि दे रहे हैं. रतन टाटा से जुड़े किस्सों को एक फिर याद करके शेयर किया जा रहा है क्योंकि उनका पूरा जीवन हम सबके लिए प्रेरणा है.
रतन टाटा साल 1990 से 2012 तक टाटा समूह के अध्यक्ष थे, और 2008 में, उन्होंने 2.3 बिलियन डॉलर की कैश डील में अमेरिकी बहुराष्ट्रीय ऑटोमोबाइल निर्माता फोर्ड से जगुआर और लैंड रोवर सीरीज कार डिविजन को खरीदा था. हालांकि, आरपीजी एंटरप्राइजेज के चेयरमैन हर्ष गोएंका ने साल 2022 में इस टेकओवर से संबंधित एक पुराना किस्सा शेयर किया था जिसे जानकर आप सबको रतन टाटा पर गर्व होगा.
बिल फोर्ड के साथ मीटिंग
कथित तौर पर 1999 में एक मीटिंग में फोर्ड कंपनी के अध्यक्ष बिल फोर्ड ने रतन टाटा को उनकी टीम के सामने अपमानित किया गया था. दरअसल, इस समय बातचीत चल रही थी कि फोर्ड कंपनी टाटा मोटर्स को खरीद रही है. उस समय, टाटा मोटर्स की प्रमुख कार टाटा इंडिका कम बिक्री के कारण मार्केट में असफल रही और तब फोर्ड कंपनी के साथ यह डील की जा रही थी.
हालांकि, बिल फोर्ड ने कथित तौर पर मीटिंग में रतन टाटा से कहा, “आपको कुछ भी नहीं पता, आपने पैसेंजर कार डिवीजन शुरू ही क्यों किया? हम आपका कार डिविजन खरीदकर आप पर बहुत बड़ा उपकार कर रहे हैं.'' बिल फोर्ड की यह बात सुनकर रतन टाटा ने डील कैंसिल कर दी. उन्होंने तय किया कि वह अपना कार बिजनेस फोर्ड को नहीं बेचेंगे. उसी रात रतन टाटा अपनी टीम के साथ वापस मुंबई आ गए.
कार बिजनेस को बनाया सफल
इसके बाद, रतन टाटा ने अपना ध्यान टाटा मोटर्स पर केंद्रित किया और समय के साथ इसे दुनिया भर में एक सफल कार कंपनी बना दिया. 2008 तक, टाटा मोटर्स के पास बाज़ार में सबसे ज्यादा बिकने वाली कारें थीं. दूसरी ओर, फोर्ड कंपनी मार्केट में बने रहने के लिए स्ट्रग्ल कर रही थी. 2008 में, रतन टाटा ने फोर्ड से जगुआर और लैंड रोवर कार सीरीज को खरीदने का ऑफर दिया क्योंकि ये उस समय फोर्ड के लिए सबसे ज्यादा बिकने वाली कारें थीं. इस बार बिल फोर्ड अपनी टीम के साथ मुंबई आए.
रतन टाटा ने साबित कर दिया कि "सफलता बदला लेने का सबसे अच्छा तरीका है." अपनी बिजनेस स्किल्स और लोगों की भलाई के लिए किए गए कामों के कारण ही आज रतन टाटा सबसे पसंदीदा बिजनेसमैन हैं. साधारण भारतीय भी उनसे प्रेरणा लेते हैं.