Wipro के CEO Thierry Delaporte को मिलती है 79.8 करोड़ रुपये की सैलरी, कई अधिकारी रह गए पीछे

विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी को कुल 1.82 मिलियन डॉलर का मुआवजा मिला, जबकि जतिन प्रवीणचंद्र दलाल को वित्तीय वर्ष 2022 में 1.59 मिलियन डॉलर का पैकेज मिला.

Thierry delaporte
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2022,
  • अपडेटेड 1:14 PM IST
  • सलिल पारेख की सलाना सैलरी 71 करोड़ रुपये
  • वित्त वर्ष 20-21 में 64 करोड़ थी सैलरी

IT Company Wipro के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (एमडी) थियरी डेलापोर्टे की सैलरी कई गुना बढ़ गई है. थियरी की सैलरी वित्त वर्ष 2022 में बढ़कर 10.51 मिलियन डॉलर (₹ 79.8 करोड़) हो गई है. यह रिपोर्ट कंपनी की US SEC की वार्षिक रिपोर्ट में सामने आई. इस तरह थियरी इंडियन आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा सैलरी पाने वाली अधिकारी बन गए हैं.

वित्त वर्ष 20-21 में 64 करोड़ थी सैलरी
उन्होंने वित्तीय वर्ष 2020-21 में $8.7 मिलियन (लगभग ₹64.3 करोड़) का सैलरी पैकेज प्राप्त किया था. पिछले वित्तीय वर्ष में उनका मुआवजा 6 जुलाई, 2020 से 31 मार्च, 2021 तक नौ महीने की अवधि के लिए था. थियरी डेलापोर्टे 6 जुलाई, 2020 से आईटी कंपनी के सीईओ और एमडी हैं. उन्हें आईटी इंडस्ट्री में 27 वर्षों का अनुभव है. विप्रो में शामिल होने से पहले, डेलापोर्टे 1995 से Capegemini में विभिन्न पदों पर कार्य करते थे. सितंबर 2017 से मई 2020 तक वो कंपनी के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO)रहे.

सलिल पारेख की सलाना सैलरी 71 करोड़ रुपये
दस्तावेज के अनुसार इस बीच, विप्रो के चेयरमैन ऋषद प्रेमजी को कुल 1.82 मिलियन डॉलर का मुआवजा मिला, जबकि जतिन प्रवीणचंद्र दलाल को वित्तीय वर्ष 2022 में 1.59 मिलियन डॉलर का पैकेज मिला. इसकी तुलना में, इंफोसिस के सीईओ सलिल पारेख को वित्त वर्ष 2022 में स्टॉक विकल्प सहित कुल 71 करोड़ का मेहनताना मिला, जबकि भारत की शीर्ष आईटी कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज लिमिटेड (TCS) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राजेश गोपीनाथन को ₹ 25.8 करोड़ का मुआवजा मिला.

मार्च 2022 की चौथी तिमाही में, विप्रो लिमिटेड ने अपने कंसोलिडेट लाभ में 4% की वृद्धि के साथ ₹3,092.5 करोड़ की वृद्धि दर्ज की थी. वहीं एक साल पहले इसी अवधि में ₹2,974 करोड़ की वृद्धि हुई थी. बेंगलुरु स्थित कंपनी का समेकित राजस्व (consolidate revenue)28% बढ़कर ₹16,245 करोड़ से ₹20,860 करोड़ हो गया.

विप्रो की तरह ही इंफोसिस और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज भी भारतीय आईटी कंपनियां हैं. इनमें से विप्रो और इंफोसिस के हेडक्वाटर बेंगलुरू में जबकि टीसीएस का हेडक्वाटर मुंबई में स्थित है. आईटी क्षेत्र में इन तीनो कंपनियों में जबरदस्त टक्कर रहती है.

 

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