Zomato भी अब अपने कंपटीटर स्विगी की राह पर चल पड़ा है. कंपनी ने अब अपने हर एक ऑर्डर पर प्लेटफॉर्म फीस के नाम पर 2 रुपये का चार्ज वसूलना शुरू कर दिया है. यह उन यूजर्स के लिए भी लागू होता है जिन्होंने जोमैटो गोल्ड सेवा के लिए साइन अप किया है. यह अभी कुछ ही शहरों में ट्रायल के तौर पर शुरू किया गया है. अगर प्रयोग सफल होता है तो संभव है कि इस देशभर के उन सभी इलाकों में लागू कर दिया जाएगा जहां जोमैटो फूड डिलीवरी करता है.
इस कदम को कैसे देख रही कंपनी
हालांकि उन विशेष बाजारों का खुलासा नहीं किया गया है जहां प्लेटफ़ॉर्म शुल्क लागू किया गया है. इस कदम को लाभप्रदता के नए रास्ते अपनाने, कमाई बढ़ाने और सतत विकास को आगे बढ़ाने के प्रयास के रूप में देखा जाता है. जोमैटो की यह घोषणा ऐसे समय में आई है जब हाल ही में कंपनी के तिमाही नतीजे जारी हुए हैं जो काफी संतोषजनक हैं. कंपनी ने पहली बार तिमाही नतीजों में मुनाफा दर्ज किया है. हालांकि, यह मुनाफा केवल 2 करोड़ रुपये का है लेकिन लगातार घाटे से गुजर रही कंपनी के लिए ब्रेक ईवन करना और फिर मुनाफा बना देना एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखा जा सकता है. जून तिमाही में कंपनी की आय में 64 फीसदी का इजाफा हुआ जिसके बाद वो 2,597 करोड़ रुपये पहुंच गई. बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में कंपनी को 186 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था जो इस बार 2 करोड़ रुपये के फायदे में बदल गया.
पहले स्विगी ने किया था लागू
जोमैटो के प्लेटफॉर्म पर पेमेंट पर क्लिक करने पर आपको एक पॉप-अप दिखाई देगा जिसमें लिखा गया है, ''यह एक छोटी सी फीस है, जो हमें बिलों का भुगतान करने में मदद करता है ताकि हम जोमैटो को चालू रख सकें.'' बता दें कि जोमैटो से 4 महीने पहले स्विगी ने अपने प्लेटफॉर्म पर फीस को लागू किया था. स्विगी भी हर एक ऑर्डर पर 2 रुपये प्लेटफॉर्म फीस के तौर पर लेती है. बता दें कि यह एडिशनल चार्ज अभी तक कंपनी के क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म, ब्लिंकिट का हिस्सा नहीं हैं. ये एक्सपेरिमेंट अभी ट्रायल फेज में है.
कितनी होगी कमाई
जोमैटो के सीईओ दीपिंदर गोयल ने शेयरधारकों को लिखे एक पत्र में कहा कि वह अपने व्यवसाय को सरल बनाने और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहे हैं कि कंपनी के भीतर उपयुक्त पदों पर सही लोग हों. उन्होंने आगे कहा, "...मैं बाद में कह सकता हूं कि हमारे अधिकतर 'जोखिम भरे' दांवों ने कारोबार की गति को काफी हद तक बदल दिया है, वो भी हमारी उम्मीद से कहीं ज्यादा तेजी से." बता दें कि जून में खत्म हुई दूसरी तिमाही में जोमैटो को 17.6 करोड़ ऑर्डर मिले थे. रोज के हिसाब से अगर ये ऑर्डर देखें जाए तो हर दिन कंपनी को 20 लाख ऑर्डर मिलते हैं. इस हिसाब से प्लेटफॉर्म फीस के रूप में 2 रुपये का चार्ज लगाकर कंपनी रोजाना 40 लाख रुपये कमा सकती है जोकि महीने के हिसाब से 12 करोड़ रुपये है. हालांकि, अभी इस बारे में जोमैटो की ओर से अधिकारिक तौर पर इसके डिटेल्स जारी नहीं किए गए हैं.