माओवादियों के गढ़ खूंटी में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) में जिला प्रशासन के 'सपनों की उड़ान' कार्यक्रम के तहत इंजीनियरिंग की तैयारी कर रही दस लड़कियों ने JEE Mains 2023 के लिए क्वालीफाई किया है. झारखंड के खूंटी जिले को माओवाद से मुक्त करने के लिए प्रशासन लगातार कोशिशों में जुटा है. और उनकी एक कोशिश लड़कियों की शिक्षा के लिए रही.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विशेष रूप से, खूंटी में कम महिला साक्षरता को देखते हुए, जिला प्रशासन ने अक्टूबर 2021 में खूंटी में केजीबीवी के कलामती केंद्र में 'सपनों की उड़ान' कार्यक्रम शुरू किया था. जिला प्रशासन के अनुसार, 'सपनों की उड़ान' कार्यक्रम के तहत नामांकित कुल 57 छात्रों (इंजीनियरिंग के लिए 18 और मेडिकल के लिए 39) में से 10 उम्मीदवारों ने जेईई मेन्स परीक्षा के लिए क्वालीफाई किया है.
प्रशासन ने की पढ़ाई की सभी व्यवस्था
क्वालीफाई करने वालों में अलीशा हस्सा, सोहनी बाखला, एंजेल सायन टोपनो, मैरी कोंडुलना, सरस्वती कुमारी, सुचिता सुरीन, पुष्पा कंडुलाना, संतोषी कुमारी, श्रुति कुमारी, निशा कुमारी शामिल हैं. जिला प्रशासन इन छात्राओं के लिए केजीबीवी में जेईई एडवांस परीक्षा की तैयारी के लिए जरूरी व्यवस्था कर रहा है और सभी छात्राओं की काउंसलिंग में जरूरी सहायता देकर उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला लेने के लिए सभी प्रयास करेगा.
इन छात्राओं ने यह उपलब्धि हासिल कर अन्य छात्राओं के लिए मिसाल कायम की है. "सपनो की उड़ान" कार्यक्रम के माध्यम से जिले में छात्राओं के लिए एक मजबूत शिक्षा प्रणाली सुनिश्चित करने का प्रयास किया जा रहा है, जिसके तहत खूंटी में केजीबीआरवी में कक्षा 11वीं और 12वीं की छात्राओं को ऑनलाइन/ऑफलाइन कोचिंग प्रदान की जा रही है ताकि वे इंजीनियरिंग और मेडिकल की परीक्षा पास कर सकें.
फ्री मिल रही है कोचिंग
जिला प्रशासन के सहयोग से कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के 12वीं कक्षा में नामांकित छात्राओं को मेडिकल एवं इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं के लिए नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था की जाती है. इसके तहत प्रतिष्ठित कोचिंग संस्थान की रांची शाखा के माध्यम से छात्राओं को कोचिंग दी जा रही है.
जिला प्रशासन द्वारा इस कार्यक्रम के संचालन से दुर्गाम गांवों में रहने वाली आर्थिक रूप से कमजोर छात्राओं को आगे बढ़ने का बेहतर अवसर मिल रहा है. उन 10 छात्राओं में शामिल निशा कुमारी ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उनका सपना कभी पूरा होगा. निशा कुमारी ने कहा कि अब वह अपने परिवार की पहली इंजीनियर बनेंगीं. उन्होंने इस अनूठी पहल के लिए जिला प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया.