अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी दुनिया में फेमस है. इसकी स्थापना 22 दिसंबर 1920 को हुई थी. लेकिन जिस स्कूल की नींव पर ये विश्वविद्यालय बना, उसकी स्थापना आज के दिन यानी 24 मई 1875 को हुआ था. जिसका नाम मदरसतुल उलूम मुसलमान-ए-हिंद था. इस स्कूल में लगातार बदलाव हुए साल 1920 में ये विश्वविद्यालय बन गया. एक स्कूल का अलीगढ़ विश्वविद्यालय बनने की लंबी कहानी है.
24 मई 1875 को स्कूल की स्थापना-
समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान बनारस में सिविल जज के तौर पर पोस्टेड थे. इस दौरान उनका लंदन आना-जाना था. उनके मन में वहां के विश्वविद्यालयों को देखकर भारत में भी वैसा विश्वविद्यालय बनाने का ख्याल आया. इसके लिए उन्होंने साल 1873 में एक कमेटी बनाई. इसके दो साल बाद 24 मई 1875 को सर सैयद अहमद खान ने एक स्कूल शुरू किया. ये स्कूल साल 1877 में मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज बन गया.
AMU की स्थापना-
मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज में मुसलमानों की पढ़ाई होती थी. लेकिन साल 1920 में ब्रिटिश सरकार ने सेंट्रल लेजिस्लेटिव असेंबली में एक एक्ट पारित किया और कॉलेज को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया. इसके साथ ही इसे केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा भी मिल गया.
एएमयू का पहला ग्रेजुएट हिंदू था-
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बनने से पहले ये एक कॉलेज था. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस मोहम्मडन एंग्लो ओरिएंटल कॉलेज का पहला ग्रेजुएट एक हिंदू छात्र था. साल 1881 में 4 लड़कों ने ग्रेजुएशन की परीक्षा दी थी. जिसमें से 3 छात्र फेल हो गए थे. इस परीक्षा में सिर्फ ईश्वरी प्रसाद नाम का एक छात्र पास हुआ था. उनके बाद उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन भी किया. ईश्वरी प्रसाद एक मशहूर इतिहासकार हैं. उन्होंने भारत के मुस्लिम शासकों मुगल, तुलगक, हुमायूं और औरंगजेब जैसे शासकों पर काम किया.
सैयद अहमद खान ने चंदा मांगकर बनाई थी यूनिवर्सिटी-
सर सैयद अहमद खान ने यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए काफी मेहनत की. उन्होंने इसके लिए चंदा मांगा. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के लिए साल 1929 में राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने 3.04 एकड़ जमीन दान दी थी. इसके बाद भी लगातार यूनिवर्सिटी के लिए दान मिलता रहा.
कैसा है अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय-
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी 1200 एकड़ में फैली हुई है. यूनिवर्सिटी में 108 विभाग हैं. जिसमें 300 से ज्यादा कोर्स की पढ़ाई होती है. यूनिवर्सिटी से एफिलिएटेड 7 कॉलेज, 2 स्कूल, 2 पॉलिटेक्निक कॉलेज हैं. यूनिवर्सिटी में 80 हॉस्टल हैं. इसमें 1400 टीचर और 6 हजार नॉन टीचिंग स्टाफ है.
लाइब्रेरी के लिए मशहूर है एएमयू-
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय अपनी लाइब्रेरी के लिए जाना जाता है. मौलाना आजाद लाइब्रेरी में 13.50 लाख किताबें हैं. इसके अलावा इसमें दुर्लभ पांडुलिपियां भी हैं. इस लाइब्रेरी में अकबर के दरबारी फैजी की फारसी अनुवादित गीता, तमिल भाषा में भोजपत्र, 1400 साल पुराना कुरान, 400 साल पहले फारसी में अनुवादित महाभारत की पांडुलीपि रखी हुई है.
ये भी पढ़ें: