Breakthrough Junior Challenge 2023: बंगलुरु की 17 साल की लड़की ने जीता 3.32 करोड़ का इनाम, जानिए सिया गोडिका के बारे में

बंगलुरु की एक 17 साल की छात्रा ने ग्लोबल लेवल के Breakthrough Junior Challenge 2023 को जीतकर इतिहास रचा है. इस छात्रा ने चैलेंज के लिए नोबेल पुरस्कार विजेता शिन्या यामानाका की Cellular Reprogramming (सेलुलर रीप्रोग्रामिंग) पर खोजों को समझाते हुए वीडियो बनाया था.

Screenshot from Siya Godika's award winning video
gnttv.com
  • नई दिल्ली ,
  • 07 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:21 PM IST

बंगलुरु की रहने वाली 17 वर्षीय सिया गोडिका ने Breakthrough Junior Challenge 2023 जीता है. यह चैलेंज Google के सह-संस्थापक सर्गेई ब्रिन, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और उनकी पत्नी प्रिसिला चान, रूसी मूल के इजरायली अरबपति यूरी मिलनर और पत्नी जूलिया, और अमेरिकी उद्यमी ऐनी वोज्स्की द्वारा स्थापित Breakthrough Awards का हिस्सा है.  Breakthrough Foundation अपने 3 मिलियन डॉलर के ब्रेकथ्रू पुरस्कार को "विज्ञान का ऑस्कर" (Oscars of Science) कहता है. 

जूलिया और यूरी मिलनर द्वारा स्थापित ब्रेकथ्रू जूनियर चैलेंज एक ग्लोबल साइंस वीडियो प्रतियोगिता है जिसे लाइफ साइंस, फिजिक्स और मैथ्स की मौलिक अवधारणाओं के आसपास में रचनात्मक सोच और क्मयूनिकेशन स्किल्स को प्रेरित करने के लिए डिजाइन किया गया है. 

100 से ज्यादा देशों से थे प्रतिभागी
जूनियर चैलेंज शैक्षिक पुरस्कारों में कुल 400,000 डॉलर की राशि देगी. इस साल इस ब्रेकथ्रू जूनियर चैलेंज के लिए 100 से ज्यादा देशों के 2,400 से ज्यादा आवेदकों ने हिस्सा लिया था. आपको बता दें कि सिया को नोबेल पुरस्कार विजेता शिन्या यामानाका की Cellular Reprogramming (सेलुलर रीप्रोग्रामिंग) पर खोजों को समझाते हुए बनाए गए वीडियो के लिए पुरस्कार मिला है. सिया को 250,000 डॉलर की कॉलेज स्कॉलरशिप मिलेगी. 

ब्रेकथ्रू प्राइज फाउंडेशन के मुताबिक, सिया की साइंस टीचर, अर्का मौलिक को 50,000 डॉलर मिलेंगे, जबकि पुरस्कार में कोल्ड स्प्रिंग हार्बर लैब्स द्वारा डिजाइन की गई 100,000 डॉलर की नई साइंस लैब भी शामिल है. सिया ने अपने वीडियो का टाइटल, "यामानाका फैक्टर्स" रखा. सिया नीव अकादमी में पढ़ती है. उन्होंने वीडियो में एक बुजुर्ग महिला की भूमिका निभाई है जिसकी उम्र कम हो जाती है और फिर से युवा हो जाती है. इस कॉन्सेप्ट के जरिए उन्होंने यामानाका के कॉन्सेप्ट को समझाया कि कैसे प्लुरिपोटेंट स्टेम सेल तकनीक से कोशिकाओं की उम्र को कम किया जा सकता है. 

स्वास्थ्य के लिए हो सकती है फायदेमंद 
सिया का कहना है कि इस तकनीक की मदद से उम्र से संबंधित बीमारियों के इलाज किया जा सकता है. सिया को इस वीडियो के लिए कैंसर और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से जूझ रहे अपने दादा-दादी से प्रेरणा मिली थी. सेलुलर उम्र बढ़ने को उलटने से कई दुर्बल करने वाली बीमारियों को सक्रिय रूप से रोका जा सकता है और सिया ऐसे शोध पर काम करना चाहती हैं. 

 

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