शिक्षा मंत्रालय ने 6 अप्रैल को स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा (NCF) का "प्री-ड्राफ्ट" जारी किया है. दिए गए ड्राफ्ट पर छात्रों, अभिभावकों, शिक्षकों और स्कॉलर्स जैसे स्टॉकहोल्डर्स से सुझाव मांगे गए हैं. ड्राफ्ट नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2023 में कक्षा 6 से 8 तक इतिहास, भूगोल और राजनीति विज्ञान जैसे विषयों को खत्म करने की सिफारिश की गई है.
क्या कुछ हैं सिफारिशें?
एनसीएफ के मसौदे में एक साल के अंत में होने वाली परीक्षा के बजाय मॉड्यूलर परीक्षाओं की सिफारिश करते हुए कई बदलावों का प्रस्ताव है. इसके अलावा साल में कम से कम दो बार बोर्ड परीक्षा कराने का प्रस्ताव रखा गया है और फाइन रिजल्ट दोनों परीक्षा के रिजल्ट को देखकर तय किया जाएगा. कक्षा X और XII में छात्रों के फाइनल स्कोर दो वर्षों में उनके ओवरऑल परफार्मेंस पर आधारित होंगे, जिसमें कक्षा IX और XI से शुरू होने वाले कम से कम चार बोर्ड परीक्षा सत्र शामिल हो सकते हैं. छात्र अपने अनुसार 8 करिकुलम में से विषय और कॉम्बिनेशन को चुन सकेंगे.
क्या है एग्जाम प्लान?
एनसीएफ द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट के मुताबिक, सेकेंडरी स्टेज को चार ग्रेड में बांटा गया है जिसमें 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं क्लास शामिल है. इस स्टेज में छात्र आठ करिकुलम क्षेत्रों में से किसी भी 16 च्वाइस बेस्ड कोर्स का चयन कर सकते हैं, जिन्हें चार सेमेस्टर में कवर किया जाना है. प्रत्येक च्वाइस बेस्ड कोर्स को एक सेमेस्टर में कवर किया जाएगा. यानी कि बच्चों को इस 8-8 ग्रुप में कुल 16-16 पेपर देने होंगे. 11वीं-12वीं के हिस्सों को एक साथ रखने का प्रस्ताव है.
सेमेस्टर में होगी परीक्षा
स्टूडेंट्स को 8 विषयों में से हर ग्रुप के दो-दो विषय (16 विषय) दो साल के दौरान पढ़ने होंगे. दोनों वर्षों की पढ़ाई और परीक्षाएं सेमेस्टर सिस्टम से होंगी. मान लीजिए अगर कोई छात्र विज्ञान (करिकुलर क्षेत्र) के तहत फिजिक्स (choice-based discipline)चुनता है, तो वह आर्ट्स को दूसरे करिकुलर एरिया के तौर पर भी चुन सकता है जिसमें म्यूजिक डिसिप्लिन के तौर पर शामिल है. इसी तरह गणित तीसरा करिकुलर एरिया हो सकता है जबकि पाठ्यक्रम का चौथा सेट किसी भी करिकुलर एरिया से हो सकता है.
इसी तरह अगर कोई छात्र सामाजिक विज्ञान को एक करिकुलर एरिया और इतिहास (disciplines) के रूप में चुनता है, तो वह ह्यूमैनिटीज को दूसरे करिकुलर एरिया के रूप में चुन सकता है और फिलॉसफी में चार कोर्सेज कर सकता है. कंप्यूटर विज्ञान में चार पाठ्यक्रमों के साथ गणित तीसरा करिकुलर एरिया हो सकता है, जो इसका हिस्सा हैं. चौथा विषय पहले से चुने गए किसी करिकुलर एरिया से हो सकता है या पूरी तरह से अलग से हो सकता है.
कक्षा 9 और 10 के छात्रों को दो वर्षों में आठ करिकुलर एरिया (कुल 16) में से प्रत्येक से दो आवश्यक कोर्स पूरे करने होंगे. जबकि 12वीं क्लास की बोर्ड परीक्षा दो टर्म्स यानी सेमेस्टर में कराए जाने का प्रस्ताव है. इसके अलावा मल्टीपल सब्जेक्ट्स की पढ़ाई को प्राथमिकता, वोकेशनल, आर्ट्स, स्पोर्ट्स को करिकुलम का अहम हिस्सा बनाने की तैयारी है. 9वीं से 12वीं को दो चरणों में बांटा जाए. पहला 9वीं और 10वीं व दूसरा 11वीं व 12वीं. विषय चुनने के लिए टेबल देखें.
Curricular areas for Class 9th and10th | Curricular areas for Class 11th and 12th | Disciplines |
Humanities | Humanities | Languages, Literature, philosophy |
Mathematics and Computing | Social Science | History, geography, political science, psychology,economics,sociology |
Vocational Ed | Science | Physics, Chemistry,biology |
Physical Ed | Mathematics and Computing | Mathematics, Computer Science, Business Mathematics |
Arts Ed | Arts | Music,dance,theatre,sculpture,painting |
Social Science | Vocational Education | Alligned to the National Skills Qualification Framework |
Science | Sports | Courses on specific sports/games/yoga |
Interdisciplinary areas | Interdisciplinary areas | Commerce, sustainability and climate change, health,media and journalism, Knowledge of India/Indian Knowledge |
ये भी पढ़ें: