सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं (CBSE Board Exam) का समय बच्चों के लिए दबाव वाला हो सकता है. यह समय न केवल बच्चों के लिए चुनौतीपूर्ण होता है, बल्कि माता-पिता के लिए भी चिंता का कारण बनता है. बोर्ड परीक्षाओं के इस माहौल में बच्चों की मेंटल हेल्थ अच्छी बनी रहे इसका ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इस विषय पर डॉ. दिनीका आनंद, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, BLK-Max सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने GNT डिजिटल से विशेष बातचीत की. उन्होंने बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं.
परीक्षा के समय तनाव और एंग्जायटी को पहचानें
डॉ. दिनीका आनंद कहती हैं, “हर व्यक्ति को कभी न कभी तनाव या एंग्जायटी होती है, लेकिन समस्या तब बढ़ जाती है जब यह क्रोनिक हो जाए या हमारी दिनचर्या में बाधा डालने लगे.” उन्होंने बताया कि स्कूल जाने वाले बच्चों में इसका सबसे बड़ा संकेत यह होता है कि बच्चा बहुत अधिक अकेला रहने लगे या उसके व्यवहार में बड़ा बदलाव दिखे.
इसके अन्य संकेतों में शामिल हैं:
अगर ये लक्षण दिखें तो माता-पिता को तुरंत सजग हो जाना चाहिए.
एग्जाम स्ट्रेस और मेंटल हेल्थ इशू में अंतर
डॉ. दिनीका ने बताया, “एग्जाम से जुड़ा स्ट्रेस और मेंटल हेल्थ इशू अलग-अलग होते हैं. एग्जाम स्ट्रेस का मतलब है कि बच्चे को टास्क से निपटने में थोड़ी घबराहट हो रही है. इसका हल सही बातचीत और आत्मविश्वास बढ़ाने से हो सकता है.” उन्होंने कहा कि माता-पिता और शिक्षक बच्चों को यह समझा सकते हैं कि उन्होंने मेहनत की है और वे परीक्षा में अच्छा करेंगे.
बच्चों के आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए माता-पिता को यह कहना चाहिए कि:
परीक्षा के एक दिन पहले क्या करें?
परीक्षा के एक दिन पहले बच्चों के लिए निम्नलिखित गतिविधियां फायदेमंद हो सकती हैं:
1. खेल-कूद और आराम की गतिविधियां: परीक्षा के आखिरी दिन तक बच्चों को खेल-कूद और आराम का मौका दें.
2. ओपन कम्युनिकेशन: बच्चों से खुलकर बात करें और उनके मन में कोई भी डर है तो उसे जानने की कोशिश करें.
3. शांत माहौल बनाए रखें: घर का माहौल शांत और सपोर्टिव रखें ताकि बच्चे को मानसिक शांति मिले.
पैनिक सिचुएशन में कैसे करें बच्चों को शांत
डॉ. दिनीका ने बताया, “अगर बच्चा परीक्षा से पहले बहुत ज्यादा परेशान हो रहा है या पैनिक कर रहा है, तो सबसे पहले उसके इमोशनल डिस्ट्रेस को ठंडा करें.” उन्होंने कुछ सरल उपाय सुझाए जैसे- बच्चे को ठंडी जमीन पर बैठने को कहें, ठंडा पानी पीने या मुंह धोने को कहें या फिर बच्चे को बालकनी में ले जाकर आसमान या पक्षियों को देखने के लिए कहें. इन उपायों से बच्चे के विचार उन चीजों से हट सकते हैं जो उसे परेशान कर रहे हैं.
ब्रेन डंप तकनीक
डॉ. दिनीका ने एक प्रभावी तकनीक के बारे में बताया जिसे “ब्रेन डंप” कहा जाता है. बच्चे को एक कागज पर अपने सारे डर और प्रेशर लिखने को कहें और फिर उस कागज को फाड़ दें. इससे बच्चे को मानसिक रूप से हल्का महसूस होगा.
आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए आप कई सारी एक्टिविटी करवा सकते हैं:
डॉ. दिनीका कहती हैं, “बच्चे के साथ हमेशा डायलॉग का ऑप्शन खुला रखें. बच्चे को यह महसूस होना चाहिए कि वे अपने माता-पिता से किसी भी बात को शेयर कर सकते हैं.”
अगर बच्चा पढ़ाई को स्ट्रेसफुल मान रहा है तो उसे रंग भरने, घूमने, पियानो बजाने या अन्य नर्चरिंग एक्टिविटीज में शामिल करें. इससे उनकी मानसिक स्थिति में सुधार होगा.
माता-पिता के लिए सुझाव
डॉ. दिनीका ने माता-पिता को यह भी सलाह दी कि वे अपने बच्चों पर अनावश्यक दबाव न डालें. अक्सर माता-पिता यह पूछते हैं कि बच्चा कितने घंटे पढ़ा या क्या पढ़ा. इससे बच्चा अपने ऊपर ही सारा दबाव ले लेता है. माता-पिता को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि बच्चे को वह स्पेस दें जिसकी उन्हें जरूरत है, जब बच्चा स्कूल के बारे में कुछ बताना चाहता है तो ध्यान से सुनें. साथ ही बच्चे से सिर्फ यह उम्मीद न रखें कि आपसे प्रॉब्लम का सॉल्यूशन मांगने ही आया है, वह केवल आपसे शेयर करना चाहता है.
एग्जाम स्ट्रेस को हल्के में न लें
डॉ. दिनीका कहती हैं, “बच्चे को यह एहसास कराएं कि यह एग्जाम उनकी जिंदगी का आखिरी मौका नहीं है. इससे उनकी जिंदगी डिसाइड नहीं होती है.” यह बातें बच्चों के दिमाग से निकालने की कोशिश करें ताकि वे शांत और आत्मविश्वासी महसूस करें.
बोर्ड परीक्षाओं के दौरान बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना माता-पिता और शिक्षकों की जिम्मेदारी है. सही संवाद, आत्मविश्वास बढ़ाने वाली गतिविधियां और तनाव को कम करने वाले उपाय बच्चों को मानसिक रूप से मजबूत बना सकते हैं. डॉ. दिनीका आनंद के सुझाए इन उपायों को अपनाकर बच्चे न केवल परीक्षा के समय मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकते हैं, बल्कि उनका प्रदर्शन भी बेहतर हो सकता है.