शिक्षा मंत्रालय ने कोचिंग संस्थानों के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं. अब कोचिंग सेंटर्स में 16 साल से कम उम्र के छात्र नामांकन नहीं कर सकेंगे. इसके साथ ही भ्रामक वादे करना और अच्छे नंबरों की गारंटी देने पर भी पाबंदी लगा दी गई है. सरकार ने कहा कि इन आदेशों की अवहेलना करने वालों पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना वसूला जाएगा. इसके साथ ही कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन भी रद्द हो सकता है.
क्यों जारी किए दिशानिर्देश
ये गाइडलाइंस 12वीं के बाद JEE, NEET, CLAT जैसे एंट्रेंस एग्जाम और सभी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने वाली कोचिंग सेंटर्स के लिए बनाई गई हैं. पिछले कुछ समय से कोचिंग सेंटरों में पढ़ने वाले छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं के सामने आने के बाद सरकार ने कदम उठाए हैं.
योग्यता से कम ट्यूटर नहीं
दिशानिर्देशों में कहा गया, "कोई भी कोचिंग सेंटर स्नातक से कम योग्यता वाले ट्यूटर्स को नियुक्त नहीं करेगा. संस्थान कोचिंग सेंटरों में छात्रों के नामांकन के लिए माता-पिता को भ्रामक वादे या रैंक या अच्छे अंक की गारंटी नहीं दे सकते हैं. संस्थान 16 वर्ष से कम उम्र के छात्रों का नामांकन नहीं कर सकते हैं. छात्रों का नामांकन केवल माध्यमिक विद्यालय परीक्षा के बाद होना चाहिए.''
भ्रामक विज्ञापन नहीं छपवा सकते
दिशानिर्देश में आगे कहा गया,"कोचिंग संस्थान कोचिंग की गुणवत्ता या उसमें दी जाने वाली सुविधाओं या ऐसे कोचिंग सेंटर या छात्र द्वारा प्राप्त परिणाम के प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से किसी भी दावे से संबंधित किसी भी भ्रामक विज्ञापन को प्रकाशित नहीं कर सकते हैं या प्रकाशित नहीं करवा सकते हैं या प्रकाशन में भाग नहीं ले सकते हैं.'' कोचिंग संस्थान किसी भी शिक्षक या ऐसे व्यक्ति की सेवाएं नहीं ले सकते, जो अनैतिक कदाचार या फिर किसी भी अपराध के लिए दोषी ठहराया गया हो. कोई भी संस्थान तब तक पंजीकृत नहीं होगा जब तक की वह इन दिशानिर्देशों की आवश्यकता को पूरा न कर ले.
5 घंटे से ज्यादा क्लास नहीं
किसी भी हालात में स्कूलों या संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों की टाइमिंग के दौरान कोचिंग कक्षाएं नहीं चलेंगी. एक दिन में 5 घंटे से अधिक कक्षाएं नहीं चलेंगी. सुबह अर्ली मार्निंग या लेट नाइट क्लास नहीं होंगी. छात्रों और शिक्षकों को वीक ऑफ मिलेगा. त्योहारों में कोचिंग सेंटर छात्रों को परिवार के साथ जुड़ने और भावनात्मक लगाव बढ़ाने का मौका देंगे.
वापस देने होंगे फीस के पैसे
कोचिंग सेंटर की उचित फीस होगी. साथ ही ली गई फीस की उचित रसीद भी देनी होगी. अगर छात्र ने पाठ्यक्रम के लिए पूरा पैसा जमा कर दिया है और बीच में किन्हीं कारणों से वो कोचिंग को छोड़ रहा है, तो छात्र को शेष अवधि की फीस 10 दिनों के भीतर वापस कर दी जाएगी.
डिजिटल पारदर्शिता
कोचिंग सेंटरों को छात्रों और अभिभावकों को नामांकन के बारे में निर्णय लेने में मदद करने के लिए ट्यूटर योग्यता, पाठ्यक्रम, पाठ्यक्रम और फीस के विवरण के साथ अपनी वेबसाइट को अपडेट करना जरूरी होगा.
लगेगा जुर्माना
गाइडलाइन्स के अनुसार रजिस्ट्रेशन न कराने और नियम और शर्तों के उल्लंघन पर भारी जुर्माना देना होगा. कोचिंग सेटर पहले उल्लंघन के लिए 25 हजार. दूसरे उल्लंघन पर एक लाख और तीसरी बार अपराध के लिए रजिस्ट्रेशन कैंसिल करने के साथ भारी जुर्माना के लिए तैयार रहना होगा.
बता दें कि साल 2023 में कोचिंग संस्थान की मदद से कॉम्पटीशन की तैयारी कर रहे छात्रों की आत्महत्या के 28 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से सबसे अधिक मामले भारत की प्रसिद्ध कोचिंग मंडी कोटा, राजस्थान में थे. इसी को देखते हुए सरकार ने गाइडलाइंस जारी की ताकि ऐसी घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके.