अब पैसों की तंगी की वजह से नहीं छूटेगी अनाथ बच्चों की पढ़ाई, DU दे रहा Orphan Quota के जरिए एडमिशन

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इस साल से Orphan Quota के तहत देश भर के बच्चों को दाखिला दिया है. इस साल 101 बच्चों को इस कोटा के तहत दाखिला मिला है जिसमें हर कोर्स में एक मेल और एक फीमेल कैंडिडेट के लिए सीट रिजर्व रखा गया है

Delhi University tops QS World University Sustainability Rankings in India
नीतू झा
  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:56 PM IST

दिल्ली यूनिवर्सिटी ने साल 2023 में दाखिले से पहले एक ऐसा सकारात्मक कदम उठाया जिसकी मदद से सैंकड़ों ऐसे बच्चों का भविष्य बदल जाएगा जिन्होंने अपने माता पिता को खो दिया है. दरअसल दिल्ली यूनिवर्सिटी ने इस साल से Orphan Quota के तहत देश भर के बच्चों को दाखिला दिया है. इस साल 101 बच्चों को इस कोटा के तहत दाखिला मिला है जिसमें हर कोर्स में एक मेल और एक फीमेल कैंडिडेट के लिए सीट रिजर्व रखा गया है. यूनिवर्सिटी की कोशिश है आने वाले सालों में इन सीटों को और बढ़ाया जा सके जिसकी मदद से देश भर के बच्चे दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी शिक्षा पूरी कर सकें. खास बात ये है कि अनाथ बच्चों के लिए दाखिले के साथ शिक्षा निशुल्क रखी गई है यानी किसी भी बच्चे को कॉलेज की फीस नहीं देनी होगी.

Orphan Quota के तहत 3 बच्चों ने लिया एडमिशन
साल 2023 में Orphan Quota के तहत 3 बच्चों ने बीटेक ने एडमिशन लिया है, 79 बच्चों ने अंडर ग्रेजुएशन में एडमिशन लिया है और 17 बच्चों ने पोस्ट ग्रेजुएशन में एडमिशन लिया है. वहीं कोरोना काल में बहुत से बच्चों ने अपना माता पिता को खो दिया जिसके बाद उन बच्चों की मदद करने के लिए और उनकी शिक्षा को जारी रखने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी ने ऐसे सभी बच्चों से फीस नहीं ली और उनकी पढ़ाई को जारी रखा.

फीस और हॉस्टल चार्ज फ्री
दिल्ली यूनिवर्सिटी में ऑर्फन कोटे के तहत शुरू किए गए इस खास एडमिशन को लेकर यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रोपेसर योगेश सिंह ने बताया कि अभी इस रिजर्वेशन के तहत एडमिशन मिलने की शुरुआत हुई है, धीरे-धीरे इसके तहत और एडमिशन होंगे. ऑर्फन कोटे के तहत किए गए एडमिशन में बच्चों से फीस नहीं ली जाएगी. साथ ही जो बच्चे आर्थिक रूप से कमज़ोर हैं या जिनकी मदद के लिए कोई रिश्तेदार नहीं हैं उनके लिए हॉस्टल भी फ्री होगा. आने वाले दिनों में बच्चों को अलग अलग स्कीम के तहत बच्चों को इंटर्नशिप प्रोग्राम में शामिल किया जाएगा, जिससे बच्चों को कॉलेज के स्तर से ही मदद मिलना शुरू हो जाए इसका मकसद है कि पैसों की तंगी से किसी बच्चे की पढ़ाई न बंद हो.

 

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