DU: नवरात्रि में हर दिन नई छात्रा संभालेगी अध्यक्ष की कुर्सी, जानें दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ ने क्यों लिया ऐसा फैसला 

Delhi University Student Union की ओर से नवरात्रि पर 10 दिनों के लिए 10 छात्राओं को डूसू अध्यक्ष के रूप में काम करने के लिए नियुक्त किया जाएगा. पहली छात्रा 9 अप्रैल 2024 को बतौर डूसू अध्यक्ष एक दिन के लिए कार्यभार संभालेगी. इसके लिए छात्राओं का चयन कर लिया गया है. 

Delhi University Student Union
अनामिका गौड़
  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 1:03 AM IST
  • साल 2008 के बाद डीयू में नहीं बनी है कोई महिला अध्यक्ष 
  • 18 से 21 वर्ष के बीच है छात्राओं की उम्र 

नवरात्रि में मां नवदुर्गा के नौ रूपों को पूजा की जाती है. कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप मानकर पूजा-अर्चना की जाती है. इस बार नवरात्रि में दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष की तरफ से एक नई पहल की गई है. नवरात्र के 10 दिनों में 10 अलग-अलग दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) की छात्राएं एक-एक दिन के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्र संघ अध्यक्ष बनाई जाएंगी.

डूसू अध्यक्ष बनने के लिए इतनी छात्राओं ने दिए थे आवेदन
महिलाओं की दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) की राजनीति में भागीदारी को बढ़ाने के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष तुषार डेढ़ा ने नवरात्रि के 10 दिन दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्राओं को अपनी अध्यक्ष पद की कुर्सी देने का फैसला किया है. इंटरनेशनल वुमन'एस डे के दिन यह घोषणा की गई की नवरात्रि के 10 दिन के लिए 10 छात्राओं को एक-एक दिन का डूसू (DUSU) अध्यक्ष बनाया जाएगा. इसके लिए 5000 छात्राओं ने आवेदन दिया था, जिसमें 10 छात्राओं का चयन किया गया है.

ऐसे हुआ चयन
छात्राओं के चयन की प्रक्रिया को भी पारदर्शी रखने के लिए निबंध प्रतियोगिता कराई गई. इसका विषय था विकसित भारत में महिलाओं की भागीदारी. इस प्रतियोगिता के बाद उन 10 छात्राओं का चयन किया गया, जिन्होंने अपनी सोच को बहुत ही खूबसूरती से इस निबंध के जरिए रखा.

10 अलग-अलग राज्यों से हैं छात्राएं
नवरात्रि में अलग-अलग दिन जो छात्राएं दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठेंगी, वे देश के अलग-अलग राज्यों से आती हैं. सभी छात्राएं अपनी अलग खासियत और सोच रखती हैं. ये छात्राएं कुछ ऐसे फैसले लेंगी जो दिल्ली यूनिवर्सिटी के इतिहास में लिखे जाएंगे.छात्राओं की उम्र 18 से 21 वर्ष के बीच में है. एक युवा सोच और महिला सशक्तिकरण की सोच के साथ ये छात्राएं नवरात्रि के दिनों में दिल्ली यूनिवर्सिटी की परेशानियों को हल करने के लिए कई अहम फैसले लेंगी. उनके निर्णय को पूरा भी किया जाएगा. 

ये छात्राएं संभालेंगी अध्यक्ष की कुर्सी
ईशा अवाना, अक्षिता जोहर, सोफिया, अंशिता चौहान, दिक्षा लिंगियांत, अंकिता आनंद, साक्षी पटेल, श्यामा त्रिवेदी, जैनब निगार और प्रीति सिंह नैन दिल्ली यूनिवर्सिटी में महिला सशक्तिकरण का एक उदाहरण बनेंगी और एक-एक दिन अध्यक्ष पद की कुर्सी पर बैठकर यूनिवर्सिटी में महिलाओं की परेशानियों को सुनेंगी और उन्हें अपनी समझ से हल भी करेंगी.

हर एक छात्रा ने अपने उसे दिन के लिए पूरी तैयारी कर ली है, जिस दिन वह अध्यक्ष की कुर्सी को संभालेंगी. साल 2008 के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी में कोई महिला अध्यक्ष नहीं चुनी गई है. 16 साल बाद उम्मीद की जा रही है कि नवरात्रि में लिया गया यह फैसला आने वाले चुनाव में दिल्ली यूनिवर्सिटी को एक महिला अध्यक्ष जरूर देगा. 

 

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