दिल्ली यूनिवर्सिटी में भी बीटेक प्रोग्राम शुरू होने वाला है. डीयू नए एकेडमिक सेशन से 360 छात्रों की क्षमता के साथ बीटेक कार्यक्रम शुरू करने वाला है. इच्छुक छात्र जेईई मेन्स के माध्यम से तीन इंजीनियरिंग प्रोग्राम में एडमिशन ले सकेंगे. डीयू अधिकारियों के मुताबिक, फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी इन तीन कोर्स को शुरू करने वाली है. इसमें बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, बीटेक इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और बीटेक इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग शामिलहैं.
अभी प्रस्ताव रखा जाना बाकी है
इस मामले में एक प्रस्ताव शुक्रवार को यूनिवर्सिटी की एग्जीक्यूटिव काउंसिल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, यूनिवर्सिटी को नए प्रोग्राम के लिए 72 शिक्षण और 48 गैर-शिक्षण पदों के निर्माण के लिए अप्रैल में शिक्षा मंत्रालय से मंजूरी मिली थी. दरअसल, 2021 में यूनिवर्सिटी ने नए प्रोग्राम को शुरू करने पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक, "समिति ने पिछले डेढ़ साल में कई बैठकें कीं और कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग के उभरते विषय में फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी के तहत तीन बीटेक प्रोग्राम की शुरुआत करने पर विचार किया. बैठक में अलग-अलग मुद्दों पर व्यवस्थित रूप से विचार-विमर्श किया गया.”
कैसे होगा एडमिशन?
बीटेक प्रोग्राम में एडमिशन के लिए उम्मीदवार के जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम (JEE Mains) के स्कोर का उपयोग किया जाएगा. फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी जो प्रोग्राम शुरू करेगा उसके स्ट्रक्चर के निर्माण के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया है, जिसमें जरूरी फाइनेंशियल और दूसरे स्टटूटोरी अप्रूवल लेने में समय लगेगा. समिति ने सिफारिश की कि फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी के लिए स्पेशल भवन बनने और चालू होने तक बीटेक प्रोग्राम के लिए कक्षाओं और लैब के लिए जगह की पर्याप्त व्यवस्था की जाए. रिपोर्ट में कहा गया है, "समिति ने कुलपति को इन बी.टेक प्रोग्राम की शुरुआत के लिए जगह और दूसरी जरूरत की चीजें लेने की इजाजत दे दी है. जहां तक छात्रों की संख्या की बात है तो इसमें हर कोर्स में 120 छात्र होंगे. इसका मतलब है कि कुल 360 छात्रों को एडमिशन दिया जाएगा. इसके अलावा, बीटेक प्रोग्राम को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि मेन सब्जेक्ट में न्यूनतम 50 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा और अधिकतम 65 प्रतिशत वेटेज होगा.
बीच में कोर्स छोड़ने का ऑप्शन भी होगा
साथ ही छात्रों के पास राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार ही कोर्स को बीच में छोड़ने का ऑप्शन भी छात्रों का पास होगा. छात्रों का जब 1 साल का पूरा हो जाएगा तो उन्हें एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा, दो साल के बाद उन्हें एक डिप्लोमा से सम्मानित किया जाएगा, क्रेडिट के साथ तीन साल के अध्ययन के साथ एक एडवांस डिप्लोमा दिया जाएगा. चार साल पूरा हो जाने के बाद छात्रों को बीटेक की डिग्री दी जाएगी.