UP Board Result 2025: ड्राइवर की बेटी बनी मिसाल! बिना कोचिंग पाई सफलता, यूपी बोर्ड हाई स्कूल में तीसरा स्थान

रितु की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती. सीमित साधनों में भी यदि मेहनत और लगन हो, तो कोई भी बच्चा बड़ी से बड़ी सफलता हासिल कर सकता है.

Ritu Garg
gnttv.com
  • मुरादाबाद ,
  • 25 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 4:21 PM IST

यूपी बोर्ड हाई स्कूल परीक्षा 2025 का परिणाम जारी होते ही मुरादाबाद जिले के बिलारी कस्बे में जश्न का माहौल है. सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज की छात्रा रितु गर्ग ने प्रदेश स्तर पर तीसरा स्थान प्राप्त कर न केवल अपने माता-पिता का, बल्कि पूरे जिले का नाम रोशन किया है. रितु ने 97.50 प्रतिशत अंक अर्जित कर हाई स्कूल परीक्षा में प्रदेश में तीसरी रैंक हासिल की है.

पिता हैं पेशे से ड्राइवर 
रितु के पिता सचिन गर्ग पेशे से ड्राइवर हैं और उनकी मां एक गृहणी हैं. साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाली रितु ने इस सफलता को सिर्फ अपनी मेहनत और दृढ़ निश्चय से प्राप्त किया है. खास बात यह है कि रितु ने बिना किसी कोचिंग या ट्यूशन के यह शानदार उपलब्धि हासिल की है. उनका कहना है कि उन्होंने स्कूल के समय के अलावा रोजाना घर पर 5 से 6 घंटे नियमित रूप से पढ़ाई की और परीक्षा के दौरान सोशल मीडिया से पूरी तरह दूरी बनाए रखी.

रितु गर्ग अपने परिवार में चार बहनों में चौथे नंबर पर हैं. उनके माता-पिता को अपनी बेटी की इस कामयाबी पर गर्व है. रितु का सपना है कि वह आगे चलकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में जाएं और देश की सेवा करें.

अनुशासन और मेहनत है जरूरी 
रितु ने अपनी सफलता का श्रेय अपने अध्यापकों, माता-पिता और परिवार के सहयोग को दिया. उनका मानना है कि सही मार्गदर्शन, कड़ी मेहनत और अनुशासन के साथ कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है.

रितु के पिता सचिन गर्ग ने भावुक होकर कहा, “आज मैं गर्व से कह सकता हूं कि मैं रितु का पिता हूं. मेरी बेटी ने मेरा सिर ऊंचा कर दिया है. लोग अब मुझे मेरे काम से नहीं बल्कि मेरी बेटी के नाम से जान रहे हैं. यह हमारे लिए सबसे बड़ी उपलब्धि है.”

प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं 
रितु की इस उपलब्धि ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा संसाधनों की मोहताज नहीं होती. सीमित साधनों में भी यदि मेहनत और लगन हो, तो कोई भी बच्चा बड़ी से बड़ी सफलता हासिल कर सकता है.

रितु गर्ग आज प्रदेशभर के उन छात्रों के लिए प्रेरणा बन गई हैं, जो कठिन परिस्थितियों में भी सपने देखने की हिम्मत रखते हैं और उन्हें साकार करने के लिए हर दिन संघर्ष करते हैं.

(जगत गौतम की रिपोर्ट)


 

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