लड़कियों की शिक्षा से लेकर शादी तक के लिए सरकार कई तरह की योजनाएं चला रही है. बहुत सारे लोग इन योजनाओं की जानकारी नहीं होने के कारण फायदा नहीं उठा पाते हैं. आज हम इन योजनाओं के बारे में बता रहे हैं, आप इनका लाभ उठाइए और दूसरों को भी बताइए.
1. सुकन्या समृद्धि योजना
सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत केंद्र सरकार ने बेटी बढ़ाओ बेटी बचाओ अभियान के अंतर्गत की है. यह एक छोटी बचत योजना हैं जिसके अंतर्गत लाभार्थी को बेहतर ब्याज मिलता है. इस योजना के अंतर्गत मिलने वाला ब्याज इनकम टैक्स के अंतर्गत नहीं आता है. सुकन्या समृद्धि योजना के अंतर्गत लड़की के 18 वर्ष की आयु हो जाने पर उसकी उच्च शिक्षा के लिए 50 प्रतिशत पैसा निकाला जा सकता है.
आर्थिक बोझ को कम करती है यह योजना : यह योजना मां-बाप पर बेटियों की शिक्षा और शादी के आर्थिक बोझ को कम करती है.खाता मात्र 250 रुपए की न्यूनतम राशि से खोला जा सकता है. एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 250 रुपए व अधिकतम 1,50,000 रुपए जमा किए जा सकते हैं. खाते को भारत में कहीं भी एक डाकघर/बैंक की शाखा से दूसरी शाखा में स्थानांतरित किया जा सकता है. खाता खोलने की तारीख से 21 वर्ष होने पर या खाताधारक बालिका के विवाह के समय (दोनों में से जो पहले आए) खाते से पूरा पैसा निकाल सकता है.
जन्म से लेकर 10 वर्ष की आयु तक खोल सकते हैं खाता : बेटी के जन्म से लेकर 10 वर्ष की आयु तक किसी भी समय यह खाता खोला जा सकता है. प्रत्येक बालिका के नाम से सिर्फ एक खाता ही खोला जा सकता है. यह खाता पोस्ट ऑफिस या बैंकों की अधिकृत शाखाओं में जाकर खोला जा सकता है. खाता खुलवाने के लिए बेटी के कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत होगी, जैसे कि कन्या का जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और पहचान पत्र इत्यादि. इसके अलावा, कन्या के माता-पिता का पहचान पत्र.
2. बालिका समृद्धि योजना
इस योजना को भारत सरकार ने 15 अगस्त 1997 में शुरू किया. इस योजना का उद्देश्य जन्म के समय बेटियों के प्रति परिवार और समाज के नकारात्मक भाव को खत्म करना, स्कूलों में बालिकाओं के दाखिले को बढ़ावा देना, लड़कियों की शादी की उम्र को बढ़ाना, रोजगार के मामले में लड़कियों की भागीदारी को बढ़ावा देना आदि है.
योजना के लाभ : बेटी के जन्म पर सरकार द्वारा 500 रुपए तोहफे के रूप में दिए जाएंगे. बालिकाओं की अच्छी शिक्षा के लिए कक्षा एक से लेकर 10वीं तक वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाएगी. इस योजना के लाभ शहर और गांव दोनों जगहों पर रहने वाले लोग ले पाएंगे. बालिका समृद्धि योजना का लाभ गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों की बेटियों को मिलेगा, जिनका जन्म 15 अगस्त 1997 या उसके बाद हुआ है. यह लाभ एक परिवार की सिर्फ दो बेटियों तक ही सीमित है.
कैसे करें आवेदन : इस योजना के लाभ पाने के लिए आपको एक फॉर्म भरना होगा, जो शहर-गांव क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों और आंगनबाड़ी केंद्र में उपलब्ध है. आपको फॉर्म में सही-सही जानकारी भरनी होगी और साथ में बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, माता-पिता का पहचान पत्र और अन्य जरूरी दस्तावेज जमा कराने होंगे.
3. सीबीएसई छात्रवृत्ति योजना
यह योजना है केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के जरिए चलाई जाती है. यह छात्रवृत्ति योजना है, जिसे बेटियों की शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू किया गया था यह बेटियों के लिए एक अच्छी छात्रवृत्ति योजना है. इसके तहत बेटियों को प्रति माह 500 रुपए छात्रवृत्ति दी जाती है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य मां-बाप के आर्थिक बोझ को थोड़ा कम करना है. इस योजना के लाभ सिर्फ उसी परिवार को मिल सकता है, जिसकी इकलौती संतान कन्या हो. जिसने सीबीएसई (CBSE) की 10वीं की परीक्षा में 60 प्रतिशत अंक प्राप्त किए हों और वो सीबीएसई अफिलिएटेड स्कूल में ही 11वीं और 12वीं की पढ़ाई जारी रखे. जिसकी ट्यूशन फीस प्रति महीने 1500 रुपए से ज्यादा न हो. साथ ही एनआरआई छात्राओं की ट्यूशन फीस छह हजार रुपए प्रति माह होनी चाहिए.
कैसे करें आवेदन : बेटी को इस योजना के लाभ दिलाने के लिए आपको एक एफिडेविट फॉर्म भरना होगा, जो सीबीएसई की वेबसाइट पर आपको मिल जाएगा. एफिडेविट को प्रथम श्रेणी न्यायिक मैजिस्ट्रेट/एसडीएम/कार्यकारी मैजिस्ट्रेट या फिर नोटरी द्वारा विधिवत रूप से सत्यापित करवाना होगा. आवेदन फॉर्म स्कूल के प्रधानाचार्य से भी सत्यापित करवाया जाना चाहिए, जहां से छात्रा 10वीं कक्षा के बाद 11वीं की पढ़ाई कर रही है. सभी जानकारी सही-सही भरने और सत्यापित कराने के बाद आपको यह आवेदन पत्र दिल्ली स्थित सीबीएसई मुख्यालय भेजना होगा, जिसका पता आपको बोर्ड की वेबसाइट पर मिल जाएगा.
4. मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना
मुख्यमंत्री कन्या सुरक्षा योजना बालिकाओं के लिए बिहार सरकार की ओर से शुरू की गई है. इसका उद्देश्य लिंगानुपात में सुधार करना, भ्रूण हत्या पर रोक लगाना, जन्म के पंजीकरण को बढ़ावा देना आदि है. इस योजना के तहत बिहार सरकार फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में बालिकाओं को 2 हजार रुपए का योगदान देती है. 18 वर्ष की होने पर बालिका को ब्याज समेत कुल राशि का भुगतान किया जाता है. एक परिवार की दो लड़कियों तक ही यह लाभ सीमित है.
योग्यता : बिहार का निवासी होना जरूरी है. बालिका का जन्म 22 नवंबर 2007 को या उसके बाद हुआ हो. योजना के लाभ प्राप्त करने के लिए आप ऑनलाइन आवेदन पत्र डाउनलोड कर सकते हैं. इसके बाद आपको दिए गए निर्देशों के अनुसार इस फॉर्म को भरना होगा. आवदेन पत्र के साथ जरूरी दस्तावेज जैसे बालिका का जन्म प्रमाण पत्र, बीपीएल कार्ड, पहचान पत्र, स्थाई प्रमाण पत्र और माता-पिता का पहचान पत्र आदि की आवश्यकता होती है. आवेदन संबंधी सटीक जानकारी के लिए आप ग्राम पंचायत, आंगनबाड़ी, जिला या तालुका स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं.
5. मुख्यमंत्री राजश्री योजना
इस योजना को राजस्थान सरकार ने 1 जून 2016 को शुरू किया था. इस योजना का मूल उद्देश्य बालिकाओं की मृत्यु दर को रोकना, उन्हें शिक्षित करना और उन्हें सशक्त बनाना रहा है. बेटी की जन्म से लेकर उसकी पढ़ाई (कक्षा 12वीं तक) और उसके बेहतर स्वास्थ्य के लिए राजस्थान सरकार 50 हजार रुपए बेटी के माता-पिता को देती है. 2,500 रुपए बेटी के जन्म के वक्त, 2,500 रुपए एक वर्ष का टीकाकरण होने पर, 4 हजार रुपए पहली कक्षा में प्रवेश के वक्त, 5 हजार रुपए छठी कक्षा में प्रवेश के समय, 11 हजार रुपए कक्षा दसवीं में प्रवेश के समय व 25 हजार रुपए कक्षा 12वीं पास करने पर सरकार की ओर से दी जाती है. इस योजना की पहली दो किश्त का लाभ उन बालिकाओं को मिलेगा, जिनका जन्म सरकारी अस्पताल या फिर जननी सुरक्षा योजना के अंतर्गत निजी चिकित्सालय में हुआ हो. इस योजना की पहली दोनों किश्तें उन माता-पिता को भी मिलेगी जिनकी तीसरी संतान लड़की है, लेकिन उन्हें योजना की आगे की किश्तों का लाभ नहीं मिलेगा. इस योजना में कुछ बदलाव किए गए है, यानी योजना के अंतर्गत बाकी किश्त का लाभ पाने के लिए अब भामाशाह कार्ड अनिवार्य कर दिया है. भामाशाह योजना, राजस्थान सरकार द्वारा 2014 में शुरू की गई है, जिसके तहत परिवार के बैंक खाते महिलाओं के नाम पर खोले गए हैं और सरकार द्वारा मिलने वाला आर्थिक भुगतान सीधे उनके खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है.
कैसे करें आवेदन : आवदेन करने के लिए आवेदक को सरकारी अस्पताल/जिला या तालुका स्वास्थ्य अधिकारी से संपर्क करना होगा.आप मुख्यमंत्री राजश्री योजना की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं.
6. मुख्यमंत्री लाडली लक्ष्मी योजना
मध्य प्रदेश सरकार ने इस योजना को साल 2007 में शुरू किया था. इसका उद्देश्य लड़की के जन्म के प्रति नकारात्मक सोच को खत्म करना, लिंगानुपात में सुधार के साथ-साथ बालिकाओं की शिक्षा और उनके स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है. इस योजना के तहत बालिका के नाम पर सालाना 6 हजार रुपए पांच वर्षों तक मध्य प्रदेश लाडली लक्ष्मी योजना निधि में जमा होंगे. बालिका के कक्षा छह में प्रवेश के समय दो हजार मिलेंगे. कक्षा 9वीं में प्रवेश के समय चार हजार दिए जाएंगे. 11वीं में प्रवेश के समय 6 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा.12वीं में प्रवेश के समय 6 हजार रुपए का भुगतान किया जाएगा. योजना के तहत 1 लाख का भुगतान बालिका के 21 वर्ष होने और कक्षा 12वीं की परीक्षा में सम्मिलित होने पर किया जाएगा. साथ ही शर्त यह है कि बालिका का विवाह 18 वर्ष से पहले नहीं होना चाहिए.
योग्यता : माता-पिता मध्य प्रदेश के मूल निवासी हों, माता-पिता आयकर दाता न हों, दूसरी बेटी के लिए आवदेन करने से पहले परिवार नियोजन कर लिया हो. बेटी का जन्म प्रमाण पत्र, पहचान पत्र (आधार कार्ड) और मात्रा-पिता से जुड़े दस्तावेजों के साथ नजदीकी आंगनबाड़ी केंद्र में जाकर योजना का पंजीकरण करवाया जा सकता है. आप इस योजना का आवदेन ऑनलाइन पर भी कर सकते हैं.
7. माझी कन्या भाग्यश्री योजना
बालिकाओं के लिए इस योजना की शुरुआत साल 2017 में महाराष्ट्र सरकार द्वारा की गई है. इस योजना के तहत अगर एक लकड़ी है, तो 18 साल की अवधि के लिए 50,000 रुपए दिए जाएंगे.अगर दो लड़कियां हैं, तो दोनों लड़कियों के नाम पर 25-25 हजार रुपए दिए जाएंगे.परिवार हर छह साल के बाद जमा ब्याज राशि निकाल सकते हैं.
योग्यता : यह लाभ वो परिवार ले पाएंगे, जिनकी वार्षिक आय 7.5 लाख रुपए तक हो.परिवार नियोजन प्रमाणपत्र अनिवार्य है. इस योजना के लाभ प्राप्त करने लिए ऑनलाइन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं. इसके बाद आपको इस फॉर्म को भरना होगा और दिए गए निर्देशों का पालन कर बताए गए पते पर भेजना होगा.
8. नंदा देवी कन्या धन योजना
उत्तराखंड राज्य सरकार की ओर से बालिकाओं के लिए नंदा देवी कन्या धन योजना शुरू की गई है. इस योजना का उद्देश्य
लिंगभेद को दूर करना, भ्रूण हत्या पर रोक, बाल विवाह खत्म करना, टीकाकरण के प्रति जागरूकता, जन्म का पंजीकरण करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करना, अस्तपताल या सरकारी जच्चा-बच्चा केंद्र में प्रसव को बढ़ावा देना है.
योजना के लाभ : बालिका के नाम पांच हजार रुपए का फिक्स डिपॉजिट. राशि का भुगतान लड़की के 18 वर्ष के होने पर, 10वीं की परीक्षा पास करने पर और लड़की की शादी 18 वर्ष के बाद होने पर किया जाएगा. बालिका के 18 वर्ष पूरे करने पर कुल राशि 23,585 रुपए का भुगतान किया जाएगा. कक्षा 9वीं से 12वीं तक सालाना 1200 रुपए छात्रवृत्ति दी जाएगी. बालिका के माता-पिता में से किसी एक की सामान्य मृत्यु होने पर 30 हजार और आकस्मिक मृत्यु की स्थिति में 75 हजार का बीमा दिया जाएगा. इस योजना के लाभ उन बालिकाओं को मिलेगा, जिनका जन्म 1 जनवरी 2009 के बाद हुआ हो. आवेदनकर्ता उत्तराखंड का निवासी होना चाहिए. आवेदनकर्ता की वार्षिक आय 21 हजार (शहर) और 18 हजार (ग्रामीण) होनी चाहिए. आय का प्रमाण पत्र जरूरी है.