दूसरी यूनिवर्सिटी में पढ़ते हुए भी आप दिल्ली यूनिवर्सिटी (DU) में पढ़ सकेंगे. जी हां, ये मुमकिन होने वाला है. इसके लिए डीयू एक नई स्कीम लाने जा रहा है. बता दें, दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) अपने शताब्दी समारोह के हिस्से के रूप में अगले साल की शुरुआत में एक नई योजना शुरू करने वाला है. इसका नाम कॉम्पीटन्स एनहांसमेंट स्कीम (CES) रखा गया है. बुधवार को इस स्कीम को लेकर मंजूरी मिल गई है. इसके तहत दूसरे विश्वविद्यालयों और संस्थानों के छात्रों को डीयू के कुछ कोर्स पढ़ने का मौका मिलेगा. यह योजना ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन के कोर्स के लिए ही होगी. डीयू के वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह के मुताबिक इस योजना का मकसद लोगों को नई जानकारी देकर उनकी कार्यकुशलता को बढ़ाना है.
कैसे होगा रजिस्ट्रेशन और कौन ले सकेंगे भाग?
कुलपति के अनुसार, इस योजना के तहत योग्यता, ज्ञान और कौशल को बढ़ावा दिया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य दूसरी यूनिवर्सिटीज में एडमिशन लेने वाले छात्रों को डीयू के किसी भी कोर्स में बिना एडमिशन के एक सेमेस्टर में एक से दो कोर्स का अध्ययन करने का अवसर दिया जाएगा.
मीडिया रिपोर्ट के हवाले से डीयू के कुलपति ने कहा कि कोई भी व्यक्ति जो मौजूदा कोर्स के लिए एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया और एडमिशन से जुड़ी जरूरी शर्तों को पूरा करता है, तो वह इसके लिए रजिस्ट्रेशन कर सकता है. हालांकि, एडमिशन सीटों की उपलब्धता और योग्यता के आधार पर होगा.
क्या होगा प्रोसेस?
किसी भी कोर्स के लिए रजिस्ट्रेशन मेरिट के आधार पर किया जाएगा एक उम्मीदवार जो पहले से ही एक नियमित छात्र या किसी दूसरी युनिवेर्सिटी या संस्थान में पढ़ाई कर रहा है, उसे अपने संस्थान से एनओसी लेना होगा. इसके बाद इसे डीयू में रजिस्ट्रेशन के समय जमा करना होगा. स्पेसिफिक कोर्स के लिए उम्मीदवारों का रजिस्ट्रेशन केवल उसी सेमेस्टर के लिए मान्य होगा. इसके अलावा जो छात्र किसी कोर्स को पास नहीं कर पाते हैं और फेल हो जाते हैं तो उन्हें कोर्स में फिर से रजिस्टर करना होगा. एक उम्मीदवार को एक सेमेस्टर में अधिकतम दो पाठ्यक्रमों या आठ क्रेडिट के लिए रजिस्टर करने की अनुमति होगी.
फीस और सर्टिफिकेट कैसे मिलेगा?
बता दें, अभी फीस को लेकर कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है. डीयू के एक बयान में कहा गया है कि रजिस्टर्ड उम्मीदवारों को यूनिवर्सिटी के निर्धारित मानदंडों के अनुसार कोर्स पूरा होने के बाद एक सर्टिफिकेट से सम्मानित किया जाएगा और उनके अर्जित क्रेडिट को अकादमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा.