University for Blind: शिक्षा में एक नई सुबह! ओडिशा में खुलेगी दृष्टिबाधितों के लिए अपनी तरह की पहली International University

ओडिशा में दृष्टिबाधितों के लिए अपनी तरह की पहली इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी खुलने वाली है. ये यूनिवर्सिटी दृष्टिबाधितों के लिए शिक्षा के नए अवसर खोलेगी. साथ ही उनके व्यक्तिगत विकास और जरूरी स्किल्स सिखाने में उनकी मदद करेगी.

India’s First International University for Blind (Representative Image)
gnttv.com
  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 12:51 PM IST

भारत में 50 लाख से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो देख नहीं सकते हैं. इनमें से लगभग 5.21 लाख अकेले ओडिशा में रहते हैं. इसी को देखते हुए दृष्टिबाधितों के लिए पहली बार इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी खुलने जा रही है. यह भारत की अपने तरह की पहली यूनिवर्सिटी होने वाली है. इसे ओडिशा में बनाया जाएगा. संस्थान में नेत्रहीन छात्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए शैक्षिक और तकनीकी पाठ्यक्रम बनाया जाएगा. 

स्पेशल इंस्टीटूशन होने वाला है ये 
सामाजिक सुरक्षा और विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण (SSEPD) विभाग में दृष्टिबाधित डिप्टी सेक्रेटरी संन्यासाई बेहरा ने इसे लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया से बात की. उनके अनुसार, नेत्रहीनों के लिए इस तरह की यूनिवर्सिटी का बनना जरूरी है. वे इसे लेकर योजना बना चुके हैं. ओडिशा राज्य में लगभग 2 लाख युवाओं वाली एक बड़ी आबादी ऐसी है जो देख नहीं सकती है. ऐसे में उनकी शिक्षा तक पहुंच के लिए एक समर्पित संस्थान की जरूरत है. 

संन्यासाई बेहरा बेहरा इस बात पर जोर दिया कि ये यूनिवर्सिटी दृष्टिबाधितों के लिए शिक्षा के नए अवसर खोलेगी. साथ ही उनके व्यक्तिगत विकास और जरूरी स्किल्स सिखाने में उनकी मदद करेगी.

भीम भोई का सम्मान
यूनिवर्सिटी का नाम 19वीं सदी के प्रसिद्ध दृष्टिबाधित कवि और समाज सुधारक भीमा भोई के नाम पर रखा जाएगा. भीमा भोई को साहित्य में उनके योगदान और सामाजिक परिवर्तन की वकालत करने के प्रयासों के लिए जाना जाता है. उनके नाम पर यूनिवर्सिटी का नाम रखना न केवल उनकी विरासत का सम्मान करना है, बल्कि दृष्टिबाधित समुदाय के बीच शिक्षा और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना भी है. 

जापान की सुकुबा यूनिवर्सिटी के साथ सहयोग
गुरुवार को, जापान की त्सुकुबा यूनिवर्सिटी के एक प्रतिनिधिमंडल ने, SSEPD के अधिकारियों से मुलाकात की. त्सुकुबा यूनिवर्सिटी का भी इसमें सहयोग मिलने वाला है. हालांकि, अंतिम मंजूरी के लिए ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी को एक प्रस्ताव भेजने की योजना भी बनाई जा रही है.


 

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