गुरुवार का दिन तिरुवंनतपुरम में चलई में लड़कों के स्कूल, सरकारी मॉडल एचएसएस के लिए बहुत विशेष था. क्योंकि 203 साल बाद, इस स्कूल में पहली बार छात्राओं को प्रवेश दिया गया. जी हां, पहली बार इस स्कूल में 12 लड़कियों ने एडमिशन लिया. इससे पहले सिर्फ लड़के ही यहां पढ़ते थे.
शिक्षा मंत्री से की थी अपील
इस मौके पर सभी छात्र भी बहुत खुश थे. कुरियाथी के एस अथुल ने कहा कि लड़कियों को शामिल करने से उन्हें और अधिक अध्ययन करने की प्रेरणा मिलेगी. साल 1819 में स्थापित इस स्कूल ने मार्च में स्कूल को सह-शिक्षा संस्थान में बदलने के लिए सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी को एक अभ्यावेदन दिया था.
प्रिंसिपल फेलिशिया चंद्रशेखरन ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि छात्राओं के शामिल होने से लड़कों पर अधिक अनुशासित होने की अतिरिक्त जिम्मेदारी होगी. उनका कहना है कि वे आने वाले दिनों में और अधिक छात्राओं के स्कूल में शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं.
आगे और बढ़ेगी छात्राओं की तादाद
वर्तमान में, स्कूल में 140 प्लस वन के छात्र हैं, जिनमें 12 लड़कियां शामिल हैं. प्लस टू में 250 लड़के हैं. स्कूल अगले शैक्षणिक वर्ष से उच्च प्राथमिक, उच्च विद्यालय और उच्च माध्यमिक वर्गों में लड़कियों को प्रवेश देगा, जिससे इसकी कुल संख्या वर्तमान 325 से काफी बढ़ जाएगी.
गुरुवार को, स्कूल का दौरा करने वाले परिवहन मंत्री एंटनी राजू ने छात्राओं को पौधे दिए.
छात्रों के रूप में तैयार हुए शिक्षक
दाखिला लेने वाली लड़कियों के लिए यह अवसर बहुत खास रहा क्योंकि उनकी पत्रकारिता की शिक्षिका, एस सिंधु ने उनके स्वागत के लिए स्कूल की वर्दी - स्काई ब्लू कुर्ता और नेवी ब्लू पैंट - पहन रखी थी. छात्रों ने कहा कि लिंग तटस्थता (जेंडर न्यूट्रैलिटी) के प्रति एकजुटता दिखाने वाले शिक्षकों को प्रयास सराहनीय था.